छात्र इस पोस्ट के माध्यम से प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान (भूगोल) की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइये फिर प्रश्न उत्तर नीचे देखते हैं।
अध्याय:-6 (प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन)
आओ कुछ करके सीखें
प्रश्न 1 – क्या अब आप बता सकते हैं कि चढ़ाई के साथ सलीमा ने प्राकृतिक वनस्पतियों में क्या परिवर्तन देखा ? हिमालय में गिरिपाद से लेकर ऊँचाई तक सलीमा ने किस प्रकार की वनस्पति देखी।
उत्तर :- सलीमा अपने ग्रीष्म शिविर से बहुत उत्साहित थी। अपने सहपाठियों के साथ वह हिमाचल प्रदेश में मनाली देखने गई थी। उसे सब स्मरण था कि बस जैसे – जैसे चढ़ाई पर जा रही थी तो वह स्थलाकृति एवं प्राकृतिक वनस्पति के बदलते रूपों को देखकर कितनी हैरान हो रही थी। गिरिपाद में स्थित साल एवं सागवान के घने वन धीरे – धीरे अदृश्य हो गए तथा पर्वत की ढलानों पर पतली नुकीली पत्तियों तथा शंक्वाकार वितान लंबे वृक्ष दिखने लगे। उसे पता चला कि वे शंकुधारी वृक्ष थे। लम्बे वृक्षों पर खिले लाल – लाल फूलों पर उसका ध्यान गया। मनाली से आगे रोहतांग तक के रास्ते में उसने देखा कि भूमि छोटी – छोटी घास एवं कुछ स्थानों पर बर्फ से ढकी थी। सलीमा के अवलोकन से हम अनुमान लगा सकते है कि स्थल की ऊँचाई एवं वनस्पति की विशेषताएँ एक – दूसरे से संबंधित हैं। ऊँचाई में परिवर्तन के साथ जलवायु में परिवर्तन होता है तथा इसके कारण प्राकृतिक वनस्पत्ति में भी बदलाव आता है।
प्रश्न 2 – भारत में शीतोष्ण सदाबहार एवं शीतोष्ण पर्णपाती वन कहाँ पाए जाते है ? उन राज्यों के नाम बताएं। भारत में अधिकतर किस प्रकार के वन पाए जाते है?
उत्तर :- भारत में शीतोष्ण सदाबहार वन मध्य अक्षांश के तटीय प्रदेशों में स्थित हैं। ये सामान्यतः महाद्वीपों के पूर्वी किनारों पर पाए जाते हैं – भारत में शीतोष्ण सदाबहार वन उत्तरी-पूर्वी भारत में असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम हिमालय के उन पर्वतीय भागों में पाए जाते हैं। ये अपनी पत्तियाँ शुष्क मौसम में झाड़ देते हैं। भारत में अधिकतर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते है।
अभ्यास
प्रश्न 1 – निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
(क) वनस्पतियों का विकास किन दो कारकों पर अधिकतर निर्भर करता है ?
उत्तर :- वनस्पति की वृद्धि अधिक तापमान एवं नमी पर निर्भर करती है। इसके अलावा यह ढाल एवं मिट्टी की परत को मोटाई जैसे कारकों पर भी निर्भर करती है। इन घटकों में अंतर के कारण किसी स्थान की प्राकृतिक वनस्पत्ति की सघनता एवं प्रकार में भी परिवर्तन होता है।
(ख) प्राकृतिक वनस्पतियों की तीन मुख्य श्रेणियाँ कौन – सी है ?
उत्तर :- आमतौर पर प्राकृतिक वनस्पति को निम्न तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:-
- वन :- जो वृक्षों के लिए उपयुक्त तापमान एवं परिपूर्ण वर्षा वाले क्षेत्रों में उगते हैं। इन कारकों के आधार पर सघन एवं खुले वन विकसित होते हैं।
- घास स्थल :- जो मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र में विकसित होते हैं ।
- काँटेदार झाड़ियाँ :- काँटेदार झाड़ एवं झाड़ियाँ केवल शुष्क क्षेत्रों में पैदा होते हैं।
(ग) उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के दो दृढ़ काष्ठ वाले पेड़ों के नाम बताएँ।
उत्तर :- आमतौर पर उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के दो काष्ठ वृक्ष जैसे रोजवुड, आबनूस, महोगनी है।
(घ) विश्व के किस भाग में उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते है ?
उत्तर :- उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मानसूनी वन होते हैं जो भारत, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के कई हिस्सों में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। जल संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में यहाँ के वृक्ष पत्तियाँ झाड़ देते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले दृढ़ काष्ठ वृक्षों में साल, सागवान, नीम तथा शीशम हैं।
(ड़) नींबू – वंश (सिट्रस) के फल किस जलवायु में उगाए जाते हैं ?
उत्तर :- नींबू – वंश फल गर्म – शुष्क ग्रीष्म एवं वर्षा वाली मृदु शीत ऋतुएँ होती हैं । इन क्षेत्रों में आमतौर पर संतरा, अंजीर, जैतून एवं अंगूर जैसे निबु – वंश (सिट्रस) के फल पैदा किए जाते हैं, क्योंकि लोगों ने अपनी इच्छानुसार कृषि करने के लिए यहाँ प्राकृतिक वनस्पति को हटा दिया है। ये भाग भूमध्य सागरीय प्रदेशों में पाए जाते है। इस प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु शुष्क व वर्षा रहित होती है तथा सर्दियों में वर्षा होती है।
(च) शंकुधारी वन के कोई चार उपयोग बताएँ ।
उत्तर :-उत्तरी गोलार्द्ध के उच्च अक्षांशों (50 ° -70°) में भव्य शंकुधारी वन पाए जाते हैं। इन्हें ‘ टैगा ‘ भी कहते हैं। ये वन अधिक ऊँचाइयों पर भी पाए जाते हैं। इन्हीं वृक्षों को सलीमा ने हिमालय में प्रचुर मात्रा में देखा था। ये लंबे, नरम काष्ठ वाले सदाबहार वृक्ष होते हैं। इन वृक्षों के काष्ठ का उपयोग लुगदी बनाने के लिए किया जाता है, जो सामान्य तथा अखबारी कागज बनाने के काम आती है। नरम काष्ठ का उपयोग माचिस एवं पैकिंग के लिए बक्से बनाने के लिए भी किया जाता है। सजावट का सामान बनाने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है। चीड़, देवदार आदि इन वनों के मुख्य पेड़ हैं।
(छ) विश्व के किन भागों में मौसमी घासस्थल पाए जाते है ?
उत्तर :- ये वन भूमध्य रेखा के किसी भी तरफ उग जाते हैं और भूमध्य रेखा के दोनों ओर से उष्णकटिबंध क्षेत्रों तक फैले हैं। यहाँ वनस्पति निम्न से मध्य वर्षा वाले क्षेत्रों में पैदा होती है। यह घास काफी ऊँची लगभग 3 से 4 मीटर की उँचाई तक बढ़ सकती है। अफ्रीका का सवाना घासस्थल इसी प्रकार का है। सामान्य रूप से उष्णकटिबंधीय घासस्थल में हाथी, जेबरा, जिराफ़, हिरण, तेंदुआ आदि जानवर पाए जाते हैं।
2. सही ( √ ) उत्तर चिह्नित कीजिए:-
(क) काई एवं लाइकेन पाए जाते हैं
- रेगिस्तानी वनस्पति में
- उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन में
- टुंड्रा वनस्पति में
उत्तर:- टुंड्रा वनस्पति में
(ख) काँटेदार झाड़ियाँ मिलती हैं
- गर्म एवं आद्र, उष्णकटिबंधीय जलवायु में
- गर्म एवं शुष्क, रेगिस्तानी जलवायु में
- ठंडी ध्रुवीय जलवायु में
उत्तर :- गर्म एवं शुष्क, रेगिस्तानी जलवायु में
(ग) उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन का एक सामान्य जानवर
- बंदर
- जिराफ
- ऊंट
उत्तर :- बंदर
(घ) शंकुधारी बन की एक महत्त्वपूर्ण वृक्ष प्रजाति
- रोजवुड
- चीड़
- सागवान
उत्तर :- चीड़
(च) स्टेपी घासस्थल पाए जाते हैं
- दक्षिण अफ्रीका
- आस्ट्रेलिया
- मध्य एशिया
उत्तर :- मध्य एशिया
प्रश्न 3 – निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए:-
(क) वालरस (i) नरम काष्ठ पेड़
(ख) देवदार के वृक्ष (ii) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन का एक जानवर
(ग) जैतून (iii) एक ध्रुवीय जानवर
(घ) हाथी (iv) अंटार्कटिका का शीतोष्ण घासस्थल
(च) कंपोस (v) एक नींबू – वंश (सिट्रस) का फल
(छ) डाउन (vi) ब्राजील के उष्णकटिबंधीय घासस्थल
उत्तर:-
(क) वालरस (iii) एक ध्रुवीय जानवर
(ख) देवदार के वृक्ष (i) नरम काष्ठ पेड़
(ग) जैतून (v) एक नींबू–वंश (सिट्रस) का फल
(घ) हाथी (ii) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन का एक जानवर
(ड़) कंपोस (vi) ब्राजील के उष्णकटिबंधीय घासस्थल
(च) डाउन (iv) अंटार्कटिका का शीतोष्ण घासस्थल
प्रश्न 4 – कारण बताइए:-
(क) धुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों की फर एवं त्वचा मोटी होती हैं ।
उत्तर:- ध्रुवीय प्रदेशों में सर्दी बहुत अधिक पड़ती है। यहाँ के जानवरों के शरीर पर मोटा फर एवं मोटी चमड़ी उन्हें इस भयंकर ठण्ड से बचाती है तथा उन्हें सुरक्षित रखती है ।
(ख) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन, शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते है।
उत्तर :- यहाँ गर्मियों में अधिक गर्मी पड़ती है । जल संरक्षित करने के लिए ये वन अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं । इससे वाष्पीकरण कम होता है तथा जल संरक्षित रहता है ।
(ग) वनस्पति के प्रकार एवं सघनता एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलते रहते हैं।
उत्तर :- वनस्पति की वृद्धि तापमान एवं नमी पर निर्भर करती है। इसके अतिरिक्त, यह ढाल एवं मिट्टी की परत की मोटाई जैसे कारकों पर भी निर्भर करती है। इन घटकों में अंतर के कारण किसी स्थान की प्राकृतिक वनस्पति की सघनता एवं प्रकार में भी परिवर्तन होता है।
प्रश्न 5 – क्रियाकलाप :-
(क) विश्व के विभिन्न भागों के वनों एवं घासस्थ्लों के चित्र एकत्रित करें। प्रत्येक चित्र के नीचे इससे सम्बन्धित एक वाक्य लिखें।
(ख) वर्षावन, घासस्थल, एवं शंकुधारी वन का एक कोलाज बनाए।
उत्तर :- शीतोष्ण पर्णपाती वन
शंकुधारी वन
उष्णकटिबंधीय घासस्थल
शीतोष्ण सदाबहार वन