अब्राहम लिंकन का पत्र – श्री अब्राहम लिंकन कक्षा 8 हिंदी

अभ्यास पाठ से- प्रश्न 1. अब्राहम लिंकन कौन थे ? उन्होंने किसे पत्र लिखा ? उत्तर - अब्राहम लिंकन तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति थे, जिन्हें का मुक्तिदाता कहा जाता है। उन्होंने…

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एक नई शुरुआत – सुश्री कमला चमोला कक्षा 8 हिंदी

D पाठ से-प्रश्न 1. श्रीकान्त को कक्षा का मॉनीटर क्यों बनाया गया ?उत्तर- श्रीकान्त को कक्षा का मॉनीटर इसलिए बनाया गया क्योंकि कक्षा के 85 प्रतिशत लड़कों ने उसके नाम…

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नई उषा [Nayi Usha] – श्री सत्यनारायण लाल कक्षा 8 हिंदी

नई उषा [Nayi Usha]- श्री सत्यनारायण लाल https://www.youtube.com/watch?v=Zg3crE5DchI&list=PLva56x2QQlj6Ms8qmfl1wOypZmntyCTkx&index=6&pp=iAQB नई उषा [Nayi Usha] का विडिओ उठो, नई किरण लिए जगा रही नई उषा उठो, उठो नए संदेश दे रही दिशा-दिशा ।…

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रैदास के पद – रैदास कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

रैदास के पदजाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पातरैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात ।। रैदास कनक और कंगन माहि जिमि अंतर कुछ नाहि ।…

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सबसे खतरनाक – अवतार सिंह पाश कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होतीपुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होतीबैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो हैसहमी सी चुप में जकड़े जाना…

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गज़ल – दुष्यंत कुमार कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

गज़लकहाँ तो तय या चिरागों हरेक घर के लिए, कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।0यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है, चलो यहाँ से चलें और उम्र भर…

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चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती – त्रिलोचन कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हतीमैं जब पढ़ने लगता हूँ वह आ जाती है खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है। उसे बड़ा अचरज होता है इन काले चीन्हों से कैसे…

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घर की याद – भवानी प्रसाद मिश्र कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

घर की यादआज पानी गिर रहा है,बहुत पानी गिर रहा है, रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है,बहुत पानी गिर रहा है, घर नज़र में तिर रहा…

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ये आँखे – सुमित्रानंदन पंत कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

वे आँखेंअंधकार की गुहा सरीखी उन आँखों से डरता है मन, भरा दूर तक उनमें दारुण दैन्य दुख का नीरव रोदनावह स्वाधीन किसान रहा,अभिमान भरा आँखों में इसका, छोड़ उसे…

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पथिक – रामनरेश त्रिपाठी कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

पथिकप्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला । रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद माला। नीचे नील समुद्र मनोहर ऊपर नील गगन है। धन पर बैठ, बीच में…

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