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प्रयोग की दृष्टि से शब्द भेद

प्रयोग की दृष्टि से शब्द भेद

विकारी शब्द –  विकार शब्द का अर्थ होता है परिवर्तन या बदलाव। जब किसी शब्द के रूप में लिंग, वचन, और कार्य के आधार पर किसी प्रकार का परिवर्तन आ जाता है तो उन शब्दों को विकारी शब्द कहते हैं। 

जैसे लिंग के आधार पर परिवर्तन – 

लड़का काम कर रहा है – लड़की काम कर रही है। 

लड़की खाना खा रही है – लड़का खाना खा रहा है। 

उपयुक्त वाक्य में लिंग के आधार पर शब्दों में परिवर्तन किया गया है। जैसे ‘कर रहा’ का ‘कर रही’ हो गया, जब लिंग के आधार पर परिवर्तन किया जाता है तो शब्दों में कुछ ज्यादा अंतर नहीं आता। 

एकवचन और बहुवचन के आधार पर शब्दों में परिवर्तन –

लड़का खेलता है – लड़के खेलते हैं। 

लड़का शब्द सिर्फ एक लड़के के लिए प्रयोग किया गया है जबकि लड़के अनेक के लिए प्रयोग किया गया है।

औरत घर का काम करती है – औरतें घर का काम करती है।

‘औरत’ शब्द सिर्फ एक औरत के लिए है जबकि ‘औरतें’ शब्द बहुत सारी औरतों के लिए है, इस प्रकार से वचन के आधार पर भी शब्दों में परिवर्तन किया जाता है।

कारक के आधार पर शब्दों का परिवर्तन – 

वह आदमी नौकरी करता है – उस आदमी को नौकरी करने दो।

वह लड़की लिखती है – उस लड़की को लिखने दो। 

ऊपर वाक्य में कारक के बदल जाने से शब्दों का ही अर्थ बदल जाता है। 

विकारी शब्द भी चार प्रकार के होते है- 

(i) संज्ञा 

(ii) सर्वनाम 

(iii) विशेषण 

(iv) क्रिया 

(ii) अविकारी शब्द – 

जब शब्दों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता तो उन्हें अविकारी शब्द कहा जाता है जैसे – परंतु, तथा, धीरे-धीरे, अधिक आदि। 

जिन शब्दों में लिंग, वचन, कार्य के आधार पर किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाता वह अविकारी शब्द कहलाते हैं। 

जैसे – तुम धीरे-धीरे वहाँ जाओ।

         परंतु तुम हो कौन?

वाक्य में लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। वाक्य का प्रयोग लड़के के लिए हो रहा है या लड़की के लिए हो रहा है इसका अर्थ बता पाना मुश्किल है। 

अविकारी शब्द भी चार प्रकार के होते है

(i) क्रिया-विशेषण 

(ii) सम्बन्ध बोधक

(iii) समुच्चय बोधक

(iv) विस्मयादि बोधक