हिंदी साहित्य का वस्तुनिष्ठ प्रश्न
आनंदवर्धन ने ध्वनि के कितने प्रकार माने हैं?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 5
आनंदवर्धन के अनुसार रीति के चार नियामक कौन-कौन से हैं?
- (a) वक्त्रोचित्य, वाच्योचित्य, विषयोचित्य, रसोचित्य
- (b) वक्त्रोचित्य, वाच्योचित्य, अलंकार, ध्वनि
- (c) वाच्योचित्य, रसोचित्य, अलंकार, कांति
- (d) अलंकार, ध्वनि, रस, रीति
अभिनवगुप्त ने ध्वनि के कितने भेद किए हैं?
- (a) 25
- (b) 35
- (c) 45
- (d) 51
मम्मट ने ध्वनि के शुद्ध भेदों की संख्या कितनी स्वीकार की है?
- (a) 21
- (b) 35
- (c) 51
- (d) 61
पंडित राज जगन्नाथ ने काव्य के कितने भेद किए हैं?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 5
आचार्यों ने व्यंग्यार्थ की प्रधानता, गौणता, एवं अभाव के आधार पर काव्य के कितने भेद किए हैं?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 5
आधुनिक काल के प्रारंभिक समय में “काव्यकल्पद्रुम” नामक ग्रंथ की रचना किसने की थी?
- (a) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- (b) सेठ कन्हैयालाल पौद्दार
- (c) आचार्य वामन
- (d) आचार्य रुद्रट
“हृदयदर्पण” नामक ग्रंथ की रचना किसने की?
- (a) भट्टनायक
- (b) आनंदवर्धन
- (c) मम्मट
- (d) अभिनवगुप्त
“हिंदी वक्रोक्ति जीवित” की भूमिका किसने लिखी?
- (a) नगेंद्र
- (b) आचार्य शुक्ल
- (c) आचार्य शंकर
- (d) मम्मट
रस निरूपण के प्रथम व्याख्याता और रस निरूपण का प्रथम ग्रंथ किसे माना जाता है?
- (a) भरत मुनि व उनके नाट्यशास्त्र
- (b) वामन
- (c) आनंदवर्धन
- (d) पंडित राज जगन्नाथ
भरत ने कितने स्थाई भावों, सात्विक भावों, और संचारी भावों का उल्लेख किया है?
- (a) 8 स्थाई भाव, 8 सात्विक भाव, 33 संचारी भाव
- (b) 9 स्थाई भाव, 9 सात्विक भाव, 34 संचारी भाव
- (c) 7 स्थाई भाव, 7 सात्विक भाव, 32 संचारी भाव
- (d) 10 स्थाई भाव, 10 सात्विक भाव, 35 संचारी भाव
किस आचार्य ने रीति को काव्य की आत्मा माना है और कांति गुण का वर्णन किया है?
- (a) आचार्य वामन
- (b) आचार्य रुद्रट
- (c) आनंदवर्धन
- (d) मम्मट
आचार्य रुद्रट ने शांत रस का स्थाई भाव किसे माना है?
- (a) प्रेम
- (b) क्रोध
- (c) समयक ज्ञान
- (d) भय
रस को ध्वनि के साथ युक्त करने का श्रेय किसे है?
- (a) आनंदवर्धन
- (b) अभिनवगुप्त
- (c) मम्मट
- (d) पंडित राज जगन्नाथ
भोज ने कुल कितने रसों का विवेचन किया है, जिनमें चार नवीन रस कौन-कौन से हैं?
- (a) 10 रस, नवीन रस: प्रेम, क्रोध, उदात्त, शांत
- (b) 12 रस, नवीन रस: प्रेयस, शांत, उदात्त, उद्धात
- (c) 9 रस, नवीन रस: शृंगार, वीर, करुण, हास्य
- (d) 8 रस, नवीन रस: अद्भुत, रौद्र, भयानक, शांत