स्थिर विद्युत् : स्मरणीय तथ्य
- विद्युत् धारा: विद्युत् आवेशों के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।
- आवेशित वस्तुएं: “कुछ वस्तुएं अन्य विशेष पदार्थों से रगड़े जाने पर आवेश ग्रहण कर लेती हैं। जिन वस्तुओं पर आवेश होता है, वह आवेशित वस्तुएं कहलाती हैं।
- धन आवेश: वह उपकरण जो वस्तु पर विद्युतीय आवेश की पहचान करने में सहायक है, विद्युतदर्शी कहलाता है। शीशे की छड़ पर धन आवेश उत्पन्न हो जाता है जब उसे रेशम से रगड़ते हैं।
- ऋण आवेश: एवोनाइड की छड़ पर ऋण आवेश उत्पन्न हो जाता है, जब उसे फलालेन से रगड़ते हैं।
- तड़ित चालक: बादलों में उत्पन्न विद्युत् से बड़ी-बड़ी इमारतों को बचाने हेतु उपयोगी उपकरण को तड़ित चालक कहते हैं।
- विद्युत रोधी: जिनमें विद्युत् आवेश नहीं बह सकता, उन्हें विद्युत् रोधी कहते हैं।
- आवेशित वस्तुओं का गुण: आवेशित वस्तुओं में आकर्षण का गुण पाया जाता है।
- आवेशों के प्रकार: आवेश दो प्रकार के होते हैं- धन आवेश (+) एवं ऋण आवेश (-)।
- समान और विपरीत आवेशों का व्यवहार: समान आवेशों (+, + अथवा -, -) के बीच प्रतिकर्षण एवं विपरीत आवेशों (+ और -) के बीच आकर्षण होता है।
- आवेश का पृथक्करण: दो भिन्न वस्तुओं को रगड़ने से आवेश का पृथक्करण होता है, अर्थात् जब एक पर + आवेश आयेगा तो दूसरे पर – आवेश, दोनों वस्तुओं पर उपस्थित आवेश की मात्रा समान होती है।
- विद्युतदशों का उपयोग: विद्युतदशों का उपयोग वस्तु में उपस्थित आवेश का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- आवेशों का स्थानान्तरण: आवेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण किया जा सकता है।
- विद्युत विसर्जन: विपरीत आवेशों में आवेशित बादलों के एक-दूसरे के निकट आने से उनमें विद्युत् विसर्जन होता है, जिससे तड़ित उत्पन्न होती है।
- तड़ित सुरक्षा: ऊँची इमारतों व भवनों को तड़ित से सुरक्षा के लिए तड़ित चालक लगाया जाता है।
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. सही उत्तर चुनकर लिखें
- दो वस्तुएँ (अ) और (ब) को रगड़ने पर यदि (अ) में ऋण आवेश (-) आ जाता है, तो (ब) में होगा-
(ग) धन आवेश - निम्नलिखित में से किसको घर्षण द्वारा आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता है-
(ग) ताँबे की छड़ - मनुष्य का शरीर होता है विद्युत् का-
(ग) सुचालक - जब दो वस्तुओं को आपस में रगड़ा जाता है तो उनमें होता है-
(क) विपरीत आवेश, समान मात्रा में - तड़ित चालक बनते हैं-
(क) धातु से
उत्तर:
- (ग), 2. (ग), 3. (ग), 4. (क), 5. (क)
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- जिन पदार्थों से विद्युत् आवेश प्रवाह होता है, उन पदार्थों को विद्युत् सुचालक कहते हैं।
- सजातीय आवेश परस्पर प्रतिकर्षित होते हैं, जबकि विजातीय आवेश परस्पर आकर्षित होते हैं।
- भवनों को तड़ित नुकसान से बचाने वाली युक्ति को कहते हैं तड़ित चालक।
- एक-दूसरे से रगड़ने पर दो वस्तुओं द्वारा उपार्जित आवेश की प्रकृति एक-दूसरे के विपरीत होती है।
उत्तर:
- सुचालक, 2. प्रतिकर्षित, आकर्षित, 3. तड़ित चालक, 4. विपरीत।
प्रश्न 3. दो विद्युत् चालकों तथा दो विद्युतरोधी पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
दो विद्युत् चालक: ऐल्युमिनियम, तांबा
दो विद्युतरोधी पदार्थ: लकड़ी, रबर
प्रश्न 4. हमारे शरीर से स्पर्श करने पर किसी आवेशित वस्तु का आवेश समाप्त क्यों हो जाता है?
उत्तर:
हमारे शरीर से स्पर्श करने पर किसी आवेशित वस्तु का आवेश समाप्त हो जाता है, क्योंकि हमारा शरीर विद्युत् का सुचालक होता है, जिससे उस वस्तु का आवेश हमारे शरीर से होता हुआ पृथ्वी में चला जाता है।
प्रश्न 5. तड़ित आघात से सुरक्षा के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
उत्तर:
तड़ित आघात से सुरक्षा के लिए तड़ित चालक का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न 6, कारण बताइए
- जब वर्षा हो रही हो और आकाश में बिजली चमकती हो तब पेड़ों के नीचे खड़ा रहना असुरक्षित होता है।
उत्तर:
चूँकि पेड़ विद्युत के सुचालक एवं ऊँचे होते हैं, अतः जब आवेशित बादल पेड़ के पास से गुजरते हैं तो पेड़ में विपरीत आवेश उत्पन्न हो जाता है, जिससे उसमें विद्युत् विसर्जन हो जाता है। हमारा शरीर भी विद्युत् का सुचालक है, अतः पेड़ के नीचे खड़े होने पर हमारे शरीर में भी विद्युत् विसर्जन होने का खतरा रहता है। - मोर के पंख को दो कागज के पन्नों के बीच रगड़ने पर वह फैल जाता है।
उत्तर:
मोर के पंख को दो कागज के पन्नों के बीच रगड़ने पर पंखों में घर्षण से समान आवेश उत्पन्न हो जाता है, जिससे वे प्रतिकर्षित होकर दूर-दूर हो जाते हैं। - टेलीविजन को बंद या चालू करते समय स्क्रीन पर हाथ रखने पर चट चट की आवाज आती है।
उत्तर:
टेलीविजन में विद्युत् प्रवाह के कारण आवेश रहता है। अतः टेलीविजन को बंद या चालू करते समय स्क्रीन पर हाथ रखने पर चट चट की आवाज आती है।