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सबसे खतरनाक – अवतार सिंह पाश कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है सहमी सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो है पर सबसे खतरनाक नहीं…

गज़ल – दुष्यंत कुमार कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

गज़ल कहाँ तो तय या चिरागों हरेक घर के लिए, कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए। 0 यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है, चलो यहाँ से चलें और उम्र भर के लिए। न हो कमीज तो पाँवों…

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती – त्रिलोचन कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती मैं जब पढ़ने लगता हूँ वह आ जाती है खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है। उसे बड़ा अचरज होता है इन काले चीन्हों से कैसे ये सब स्वर निकला करते हैं चंपा सुन्दर की…

घर की याद – भवानी प्रसाद मिश्र कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

घर की याद आज पानी गिर रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, घर नज़र में तिर रहा है, घर कि मुझसे दूर है जो…

ये आँखे – सुमित्रानंदन पंत कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

वे आँखें अंधकार की गुहा सरीखी उन आँखों से डरता है मन, भरा दूर तक उनमें दारुण दैन्य दुख का नीरव रोदना वह स्वाधीन किसान रहा, अभिमान भरा आँखों में इसका, छोड़ उसे मँझधार आज संसार कगार सदृश वह खिसका!…

पथिक – रामनरेश त्रिपाठी कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

पथिक प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला । रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद माला। नीचे नील समुद्र मनोहर ऊपर नील गगन है। धन पर बैठ, बीच में बिच यही चाहता मन है। रत्नाकर गर्जन करता है,…

कबीर पद्य – कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

पद 1 हम लौ एक एक करि जाना। दौड़ कहूँ तिनहीं को दोजग जिन नाहिन पहिचानां || एकै पवन एक ही पानी एकै जोति समाना। एकै खाक गढ़े सब भांडै एकै कोहरा सांनां ।। जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि…

सहर्ष स्वीकारा है -गजानन माधव मुक्तिबोध कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड

सहर्ष स्वीकारा है -गजानन माधव मुक्तिबोध कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड गजानन माधव मुक्तिबोध का जीवन परिचय– प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के श्योपुर नामक स्थान पर 1917 ई० में…

मेरी अभिलाषा है कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 1

मेरी अभिलाषा है कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 1-श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी इस कविता में एक बच्चे ने अपने मन की इच्छा प्रकट की है। वह सूरज, चाँद, तारों, जैसा चमकना चाहता है और फूलों जैसा महकना चाहता है। वह…

जीत खेल भावना की कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 11

जीत खेल भावना की कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 11 प्रधान अध्यापक जी के ऑफिस के आगे भीड़ लगी हुई थी। कुछ लड़कों ने सुरेश को इतना मारा था कि उसका सिर फूट गया था। सब इस बात को जानते…