ये आँखे – सुमित्रानंदन पंत कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड
वे आँखें अंधकार की गुहा सरीखी उन आँखों से डरता है मन, भरा दूर तक उनमें दारुण दैन्य दुख का नीरव रोदना वह स्वाधीन किसान रहा, अभिमान भरा आँखों में इसका, छोड़ उसे मँझधार आज संसार कगार सदृश वह खिसका!…
TEACHER'S KNOWLEDGE & STUDENT'S GROWTH
वे आँखें अंधकार की गुहा सरीखी उन आँखों से डरता है मन, भरा दूर तक उनमें दारुण दैन्य दुख का नीरव रोदना वह स्वाधीन किसान रहा, अभिमान भरा आँखों में इसका, छोड़ उसे मँझधार आज संसार कगार सदृश वह खिसका!…
पथिक प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला । रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद माला। नीचे नील समुद्र मनोहर ऊपर नील गगन है। धन पर बैठ, बीच में बिच यही चाहता मन है। रत्नाकर गर्जन करता है,…
सहर्ष स्वीकारा है -गजानन माधव मुक्तिबोध कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड गजानन माधव मुक्तिबोध का जीवन परिचय– प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के श्योपुर नामक स्थान पर 1917 ई० में…
पद 1 हम लौ एक एक करि जाना। दौड़ कहूँ तिनहीं को दोजग जिन नाहिन पहिचानां || एकै पवन एक ही पानी एकै जोति समाना। एकै खाक गढ़े सब भांडै एकै कोहरा सांनां ।। जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि…
अक्क महादेवी, कर्नाटक की प्रसिद्ध शैव कवयित्री, शिव की अनन्य भक्त थीं। उनके वचनों में भक्ति, वैराग्य और आत्मसमर्पण के अद्भुत दर्शन होते हैं। उनकी कविताएँ ईश्वर-प्राप्ति के मार्ग में इंद्रियों और सांसारिक मोह-माया की बाधाओं को उजागर करती हैं…