Category हिंदी विषय नोट्स

अब्राहम लिंकन का पत्र – श्री अब्राहम लिंकन कक्षा 8 हिंदी

अब्राहम लिंकन का पत्र – श्री अब्राहम लिंकन कक्षा 8 हिंदी अब्राहम लिंकन द्वारा अपने पुत्र के शिक्षक को लिखा गया यह पत्र एक आदर्श शिक्षा प्रणाली और नैतिक मूल्यों का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस पत्र में लिंकन अपने पुत्र…

नई उषा [Nayi Usha] – श्री सत्यनारायण लाल कक्षा 8 हिंदी

नई उषा [Nayi Usha]- श्री सत्यनारायण लाल उठो, नई किरण लिए जगा रही नई उषा उठो, उठो नए संदेश दे रही दिशा-दिशा । सन्दर्भ- प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ भारती’ के पाठ ‘नई उषा’ से लिया गया है। इसके…

सबसे खतरनाक – अवतार सिंह पाश कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है सहमी सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो है पर सबसे खतरनाक नहीं…

रैदास के पद – रैदास कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

रैदास के पद जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात ।। रैदास कनक और कंगन माहि जिमि अंतर कुछ नाहि । जैसे ही अंतर नहीं हिन्दुअन तुरकन माहि ।…

गज़ल – दुष्यंत कुमार कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

गज़ल कहाँ तो तय या चिरागों हरेक घर के लिए, कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए। 0 यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है, चलो यहाँ से चलें और उम्र भर के लिए। न हो कमीज तो पाँवों…

घर की याद – भवानी प्रसाद मिश्र कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

घर की याद आज पानी गिर रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, घर नज़र में तिर रहा है, घर कि मुझसे दूर है जो…

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती – त्रिलोचन कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती मैं जब पढ़ने लगता हूँ वह आ जाती है खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है। उसे बड़ा अचरज होता है इन काले चीन्हों से कैसे ये सब स्वर निकला करते हैं चंपा सुन्दर की…

ये आँखे – सुमित्रानंदन पंत कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

वे आँखें अंधकार की गुहा सरीखी उन आँखों से डरता है मन, भरा दूर तक उनमें दारुण दैन्य दुख का नीरव रोदना वह स्वाधीन किसान रहा, अभिमान भरा आँखों में इसका, छोड़ उसे मँझधार आज संसार कगार सदृश वह खिसका!…

पथिक – रामनरेश त्रिपाठी कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

पथिक प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला । रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद माला। नीचे नील समुद्र मनोहर ऊपर नील गगन है। धन पर बैठ, बीच में बिच यही चाहता मन है। रत्नाकर गर्जन करता है,…

कबीर पद्य – कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड

पद 1 हम लौ एक एक करि जाना। दौड़ कहूँ तिनहीं को दोजग जिन नाहिन पहिचानां || एकै पवन एक ही पानी एकै जोति समाना। एकै खाक गढ़े सब भांडै एकै कोहरा सांनां ।। जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि…