Category हिंदी विषय नोट्स

महापुरुषों का बचपन (प्रेरक-प्रसंग) कक्षा 5 हिन्दी

महापुरुषों का बचपन (प्रेरक-प्रसंग) पहला प्रसंग शाहजी अपने आश्रयदाता, बीजापुर के सुल्तान के दरबार में जाने की तैयारी कर रहे थे। उनके मन में विचार आया, क्यों न शिवा को भी आज अपने साथ ले चलूँ? आखिर उसे भी तो…

सुनता के डोर (कहानी) कक्षा 5 हिन्दी

सुनता के डोर एक जंगल म परेवा अउ मुसवा रहँय । दुनो झन सँगवारी रहिन । परेवा अउ मुसवा के मितान बनना ह समझ म नइ आवत हे फेर मन मिल जाये तब अइसन बात के बारे म कोनो नइ…

रोबोट (निबंध) कक्षा 5 हिन्दी

रोबोट (निबंध) आज राहुल का जन्मदिन है। सुबह से ही वह बहुत व्यस्त एवं खुश नजर आ रहा है। सुबह वह जल्दी उठ गया। आज उसने जल्दी स्नान भी कर लिया। अपने जन्मदिन पर उसने अपने मित्रों को भी बुला…

मैं सड़क हूँ (आत्मकथा) कक्षा 5 हिन्दी

मैं सड़क हूँ (आत्मकथा) जी हाँ! मैं सड़क हूँ। मिट्टी, पत्थर और डामर से बनी। एक बड़े अजगर की तरह मैदानों, जंगलों, पहाड़ों के बीच से गुजरती हुई। पेड़ों की छाया के नीचे से होकर मैदानों को पार करती हुई,…

सोन के फर (कहानी) कक्षा 5 हिन्दी

सोन के फर (कहानी) गजब दिन के बात आय। एक ठन गाँव रहिस। इहाँ के आदमी मन खेती-किसानी के बुता करें। जेकर खेत खार नइ रहँय, ओमन छेरी-पठरू अउ गाय गरुवा राखे रहँय। उही मन ल चरावय । दूध-दही, गोबर,…

मस्जिद या पुल (कहानी) सुनीति कक्षा 5 हिन्दी

मस्जिद या पुल दीन-ए-इलाही, गरीब नवाज़ शहंशाह-ए-आलम, महान बादशाह अकबर की अगवानी में जौनपुर के सूबेदार मुबारक खान ने जमीन-आसमान एक कर दिया। यह उसकी बरसों पुरानी साध थी। बरसों से वह लगातार बादशाह को जौनपुर आने के लिए न्यौते…

राष्ट्र- प्रहरी (निबंध) कक्षा 5 हिन्दी

राष्ट्र- प्रहरी (निबंध) कक्षा 5 हिन्दी राष्ट्रप्रहरी अक्षय दूरदर्शन पर 26 जनवरी की परेड देख रहा था। जैसे ही थलसेना की टुकड़ी के सैनिक अपनी वर्दी में कदम-से-कदम मिलाते हुए आगे आए, अक्षय की आँखें चमक उठीं। कतारों में चलते…

घी गुड़ और शहद देनेवाला वृक्ष (निबंध) कक्षा 5 हिन्दी

घी गुड़ और शहद देनेवाला वृक्ष आओ तुम्हारा परिचय घी गुड़ और शहद देनेवाले एक विचित्र वृक्ष से करवाएँ। उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में एक ऐसा वृक्ष पाया जाता है जो घी गुड़ तथा शहद देता है। इसके अलावा यह…

जीवन के दोहे ठाकुर जीवन सिंह कक्षा 5 हिन्दी

जीवन के दोहे ठाकुर जीवन सिंह धुर्रा- माटी ल घलो, कभू न समझैं नीच । पालन-पोसन इहि करय, कमल फुलय इहि कीच ।। चारी चुगली ल समझ, खजरी, खसरा रोग । खजुवावत सुख होत हे पाछू दुख ला भोग ।।…

हार नहीं होती -हरिवंशराय ‘बच्चन’ (कविता) कक्षा 5 हिन्दी

हार नहीं होती लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती।नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है,मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है,…