मलिक मुहम्मद जायसी एवं पद्मावत (संक्षिप्त नोट्स)
1. मलिक मुहम्मद जायसी परिचय
- 16वीं शताब्दी के प्रमुख सूफी कवि।
- जन्म स्थान: जायस (अमेठी के निकट)।
- शेख मोहिदी के शिष्य एवं सिद्ध फकीर।
- अमेठी के राजघराने में सम्मानित।
2. प्रमुख रचनाएँ
- अखरावट: देवनागरी वर्णमाला आधारित चौपाइयाँ।
- आखिरी कलाम: कयामत का वर्णन।
- पद्मावत: इनकी प्रसिद्धतम रचना।
- कन्हावत (अप्रमाणिक)।
3. पद्मावत का रचनाकाल
- 1520 ई. (927 हिजरी) या 1547 ई.
4. पद्मावत की विशेषताएँ
- प्रेम की पीर की अभिव्यक्ति।
- दोहा-चौपाई में निबद्ध मसनवी शैली।
- प्रारंभिक वंदना: अल्लाह, मुहम्मद, चार मित्र, समकालीन शासक और पीर।
- सामाजिक विषमता का चित्रण।
- कल्पना और ऐतिहासिकता का मिश्रण।
5. पद्मावत की कथा
- मुख्य पात्र:
- रतनसेन: चित्तौड़ का शासक।
- पद्मिनी: सिंहल देश की राजकन्या।
- अलाउद्दीन खिलजी: चित्तौड़ पर आक्रमणकर्ता।
- नागमती: रतनसेन की पहली पत्नी।
- राघवचेतन: कूटनीति करने वाला पंडित।
- गोरा-बादल: वीर राजपूत।
- रतनसेन योगी बनकर पद्मिनी की खोज में जाता है।
- अलाउद्दीन छल से रतनसेन को पकड़ता है।
- गोरा-बादल युद्ध में रतनसेन को छुड़ाते हैं।
- रतनसेन युद्ध में मारा जाता है, पद्मिनी और नागमती सती हो जाती हैं।
6. काव्यगत विशेषताएँ
- विषद प्रबंध काव्य: कथा सुगठित एवं भावनात्मक।
- प्रतीकात्मकता:
- पद्मिनी → परम सत्ता।
- रतनसेन → साधक।
- राघवचेतन → शैतान।
- विविध वर्णन: नगर, ऋतु, बारहमासा, नख-शिख, प्रकृति चित्रण।
- प्रयोगशैली: हठयोग, कुंडलिनी योग, वैष्णव धर्म, सूफी साधना का प्रभाव।
7. भाषा एवं अलंकार
- विशुद्ध अवधी भाषा में रचना।
- हेतुत्प्रेक्षा अलंकार का सुंदर प्रयोग।
- अतिशयोक्ति के माध्यम से भाव-सत्य की अभिव्यक्ति।
8. नागमती विरह वर्णन
- मध्यकालीन भारतीय नारी की विवशता।
- पुरुष द्वारा उपेक्षा का करुण चित्रण।
- लोकसामान्य भावभूमि पर स्थित प्रस्तुति।
9. निष्कर्ष
मध्यकालीन हिंदी साहित्य का महत्वपूर्ण ग्रंथ।
पद्मावत केवल एक प्रेमकथा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक प्रतीकात्मक काव्य भी।
इसमें सामाजिक, धार्मिक और ऐतिहासिक तत्वों का संतुलित समावेश।