महाराजा जसवंत सिंह – संक्षिप्त विवरण (Short Notes):
- जन्म: संवत् 1683 (1626 ई.)
- पिता: महाराजा गजसिंह
- राजगद्दी प्राप्ति: बड़े भाई अमरसिंह के उग्र स्वभाव के कारण गद्दी से वंचित होने पर जसवंत सिंह को राज्य सौंपा गया।
- राज्य: मारवाड़; दिल्ली दरबार के अधीन
- सैन्य कार्य:
- शाहजहाँ के काल में कई युद्धों में भाग लेकर विजय प्राप्त की।
- औरंगज़ेब इनसे भयभीत रहता था और इन्हें दिल्ली से दूर रखता था।
- अफगानों को नियंत्रित करने हेतु काबुल भेजा गया, जहाँ संवत् 1735 (1678 ई.) में निधन हुआ।
- स्वभाव व विशेषताएँ:
- वीर, तेजस्वी, उदार शासक
- साहित्य मर्मज्ञ, कवि, और कवियों के आश्रयदाता
- हिन्दी साहित्य के प्रधान आचार्य के रूप में प्रसिद्ध
- प्रमुख रचनाएँ:
- अपरोक्षसिद्धान्त
- अनुभवप्रकाश
- आनन्द-विलास
- सिद्धान्तबोध
- सिद्धान्तसार
- प्रबोधचन्द्रोदय नाटक
- भाषा-भूषण (अलंकारशास्त्र का प्रसिद्ध ग्रंथ, जिस पर ‘चन्द्रालोक’ का प्रभाव स्पष्ट है)
- भाषा-भूषण के उदाहरण:
- अत्युक्ति अलंकार:
“अलंकार अत्युक्ति यह बरनत अतिसय रूप।
जाचक तेरे दान तें गये कल्पतरु भूप।।” - सार अलंकार:
“एक-एक ते सरस जब अलंकार यह सार।
मधु सों मधुरी है सुधा कविता मधुर अपार।।”
- अत्युक्ति अलंकार:
➡️ महाराजा जसवंत सिंह हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में कवि से अधिक आचार्य रूप में विख्यात हैं।