नंददास – संक्षिप्त नोट्स
परिचय:
- जन्म: 1533 ई., रामपुर गाँव, सूकर क्षेत्र, उत्तर प्रदेश
- जाति: सनाढ्य ब्राह्मण
- गुरु: गोस्वामी विट्ठलनाथ
- तुलसीदास के भाई होने की बात अप्रामाणिक मानी जाती है।
- प्रसिद्ध उक्ति: “और कवि गढ़िया, नन्ददास जड़िया।” (इनके काव्य की कलात्मकता पर जोर)
मुख्य कृतियाँ:
- रासपंचाध्यायी – यश का आधार, भागवत के रासपंचाध्यायी अंश पर आधारित, रोला छंद में रचित, कृष्ण की रासलीला का संगीतात्मक वर्णन।
- सिद्धांतपंचाध्यायी – भक्ति सिद्धांत का परिचायक ग्रंथ।
- भागवत दशम स्कंध
- रुक्मिणी मंगल
- रूपमंजरी – भक्त महिला रूपमंजरी का चरित्र वर्णन।
- रसमंजरी – नायिका भेद पर आधारित कृति।
- दानलीला
- मानलीला
- भँवरगीत – दर्शन, विवेक, तर्क एवं भक्ति की दृष्टि से श्रेष्ठ कृति।
विशेषताएँ:
- विभिन्न काव्यरूपों में रचनाएँ कीं।
- काव्यशास्त्र में निपुण थे।
- संगीतात्मकता एवं स्वानुप्रासिक पदावली का प्रयोग।
- भक्ति एवं कृष्ण भक्ति भावना का व्यापक वर्णन।
उदाहरण पद:
“कहन श्याम संदेश एक मै तुम पै आयो।
कहन सभय संकेत कहूँ अवसर नहिं पायो।।”
(इस पद में संदेशवाहक की असमंजस एवं भावुकता को दर्शाया गया है।)