छीतस्वामी – संक्षिप्त विवरण (Short Notes):
- जन्म: सन् 1515 ई. में मथुरा के चतुर्वेदी ब्राह्मण परिवार में।
- प्रारंभिक जीवन: मथुरा के एक समृद्ध पंडा थे; मंत्री बीरबल जैसे जजमान थे।
- स्वभाव: प्रारंभ में अक्खड़ और उद्दंड, बाद में गोस्वामी विट्ठलनाथ से दीक्षा लेकर शांत भक्त बने।
- रुचि: काव्य और संगीत में गहरी रुचि थी।
- काव्य-विशेषताएँ: पदों में शृंगार रस के साथ ब्रज भूमि के प्रति प्रेमभाव प्रमुख।
- प्रसिद्ध पद:
“हे विधना तोसों अँचरा पसारि माँगी, जनम जनम दीजौ चाही ब्रज बसिबो”
“भोर भए नवकुंज सदन तें, आवत लाल गोवर्धनधारी…” - रचनाएँ: इनकी स्फुट पद रचनाएँ ‘पदावली’ के नाम से प्रसिद्ध हैं, जिसमें लगभग 200 पद संकलित हैं।
- शैली: पदों में मधुरता, सरसता, और भक्ति रस की अभिव्यक्ति।