ईश्वरदास – संक्षिप्त नोट्स (Short Notes):
- काल: 15वीं शती (सिकन्दर लोदी के समय, लगभग 1501 ई.)
- प्रमुख रचनाएँ:
- रामजन्म
- अंगदपैज (वीर रस प्रधान)
- भरत मिलाप (करुण रस से युक्त)
- सत्यवती कथा
- स्वर्गारोहिणी कथा
- एकादशी कथा
- विशेषताएँ:
- तुलसीदास से पूर्व के रामकाव्य परंपरा के महत्वपूर्ण कवि
- रामकथा को करुण एवं वीर रसों में प्रस्तुत किया
- ‘भरत मिलाप’ में भरत की राम के प्रति भक्ति और त्याग का मार्मिक चित्रण
- ‘अंगदपैज’ में अंगद की वीरता का चित्रण
- भक्ति भाव से युक्त पद:
“रामनाम कवि नरक नेवारा। तेहि सेवा मनु लागु हमारा।
संख, चक्र धरू सारंग पानी। दया करहु कछु कहौं बखानी।।”
➡️ ईश्वरदास तुलसी पूर्व रामभक्ति काव्य परंपरा के एक सशक्त स्तंभ हैं, जिनकी काव्य रचनाएँ भक्ति, करुणा और वीरता से भरपूर हैं।