विदेशों से व्यापार और संपर्क कक्षा 6 वीं सामाजिक विज्ञान
(ईसा पूर्व 100 से 300 ईस्वी)
स्मरणीय बिन्दु
- आज ईसा के जन्म से पहले की घटनाओं को ईसा पूर्व (ई. पू. B.C.) में और बाद की घटनाओं को ईसवी सन् (ई. A.D.) में व्यक्त
- अशोक के समय में अपने देश में बड़े-बड़े व्यापारी होते थे। उन्हें ‘श्रेष्ठी’ या ‘सेट्ठी’ कहा जाता था। इसी शब्द से ‘सेठ’ शब्द बना है।
- चीन से मध्य एशिया होते हुए भूमध्यसागर तक एक रास्ता जाता था। उस रास्ते से चीन के रेशम का व्यापार होता था। इसलिए इसे रेशमी मार्ग कहते हैं .
- अजातशत्रु और अशोक के समय के सिक्के चाँदी या ताँबे के टुकड़ों पर एक तरह के निशानों का ठप्पा (आहत) लगाकर बनाए जाते थे।
- हिन्दू-यूनानी राजाओं के सिक्के साँचों में ढलते थे। इनमें राजा की तस्वीर और उसका नाम लिखा होता था ।
- गांधार में बनी मूर्तियों में हम यूनानी मूर्तिकला के प्रभाव को देख सकते हैं। इन मूर्तियों में चुन्नरों की बनावट पर जोर है।
- मथुरा के कलाकार मूर्तियों की हृष्ट-पुष्ट आकृति पर ज्यादा जोर देते हैं और चुन्नरों पर कम
- रोमन-साम्राज्य और यूनान से सम्पर्क के कारण गणित, ज्योतिष और खगोलशास्त्र की जानकारियों का आदान-प्रदान हुआ।