उर्जा की बज़त कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 14

उर्जा की बज़त कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 14

जाड़े के दिन थे। मीनू अपने आँगन में रस्सी कूद रही थी- एक, दो, तीन, चार
.. पच्चीस तक आते-आते थककर हाँफने लगी। उसकी माँ सोलर कुकर में दाल,चावल, आलू रख रही थीं। इतने में मीनू की सहेली रजिया आई और बोली, “मौसी, ये क्या कर रही हो ? इस बक्से में आप क्या रख रही हैं ?
मौसी कुछ जवाब देतीं इसी बीच मीनू ने हँसते हुए कहा, “अरी मूर्ख, यह बक्सा नहीं है, सोलर कुकर है।”
“सोलर कुकर! मौसी यह क्या होता है ? यह किस काम आता है?” अब मौसी बोलीं-“बेटी! इसे सोलर कुकर कहते हैं। सोलर का अर्थ है सूर्य का और कुकर का अर्थ है खाना
बनाने का यंत्र। सोलर कुकर का अर्थ हुआ- वह यंत्र जिसमें सूर्य की ऊर्जा से खाना पकता है।”
“मौसी, हमें सोलर कुकर की आवश्यकता क्यों पड़ी ? खाना तो हम चूल्हे पर, स्टोव पर
और गैस पर ही बनाते हैं।”
मौसी बोलीं, “यह तो तू जानती है हमारे देश की जनसंख्या दिन दूनी, रात चौगुनी बढ़ती
जा रही है। ऊर्जा के जो स्रोत हैं- लकड़ी, तेल, गैस आदि -वे धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं।
इसलिए नए स्रोतों को खोजा जा रहा है। सूर्य से हमें बहुत ऊर्जा मिल सकती है। इसलिए
वैज्ञानिकों ने यह नया यंत्र बनाया है- सोलर कुकर। इसमें खाना पकाया जाता है। इसमें खाना बहुत स्वादिष्ट पकता है।”
“मौसी, इसमें काले-काले डिब्बे रखे हैं, भीतर आइना लगा है। यह किसलिए?”
“हाँ, देख इसके ढक्कन में अंदर की तरफ बड़ा-सा आइना लगा है। उसके बाद यह एक
पारदर्शी काँच की पट्टी है। बक्से के अंदर खाना रखने के लिए काले-काले डिब्बे हैं। बक्से के ढक्कन को खोलकर धूप की तरफ रखते हैं। सूरज की किरणें आइने से टकराकर अंदर वाले काँच पर सीधी पड़ती हैं। इसकी गर्मी से ही डिब्बों में रखा खाना पकता है।”
“मौसी, खाना तो गैस चूल्हे पर भी पक जाता है- फिर सोलर कुकर पर क्यों पकाया
जाए।”

प्रश्न 1: सोलर कुकर का वर्णन करो।

सोलर कुकर सूर्य की ऊर्जा से भोजन पकाने का एक यंत्र है। इसमें काले रंग के डिब्बे होते हैं, जिनमें खाना रखा जाता है। कुकर के ढक्कन के अंदर एक बड़ा आइना और पारदर्शी काँच लगा होता है। सूर्य की किरणें आइने से टकराकर काँच पर पड़ती हैं, जिससे अंदर का खाना गर्मी से पकता है। यह पर्यावरण के अनुकूल है और ऊर्जा की बचत करता है।


प्रश्न 2: सोलर कुकर से क्या-क्या लाभ हैं?

  1. यह सूर्य की नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करता है, जिससे पारंपरिक ईंधन (लकड़ी, गैस) की बचत होती है।
  2. पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता।
  3. इसमें भोजन पौष्टिक और स्वादिष्ट बनता है।
  4. यह सुरक्षित है और जलने या गैस रिसाव का खतरा नहीं होता।
  5. इसका रख-रखाव सरल और लागत कम होती है।

प्रश्न 3: पेट्रोल की बचत हम कैसे कर सकते हैं?

  1. सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें।
  2. छोटी दूरी के लिए साइकिल चलाएँ या पैदल चलें।
  3. ईंधन-कुशल वाहनों का उपयोग करें।
  4. वाहन को नियमित रूप से सर्विसिंग करवाएँ।
  5. अनावश्यक ड्राइविंग से बचें और कारपूलिंग को प्रोत्साहित करें।

प्रश्न 4: बिजली की बचत किस प्रकार की जा सकती है?

  1. दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिक उपयोग करें।
  2. ऊर्जा-कुशल एलईडी बल्ब और उपकरण लगाएँ।
  3. बिजली के उपकरणों को उपयोग के बाद बंद करें।
  4. सोलर पैनल और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करें।
  5. एयर कंडीशनर और हीटर का सीमित उपयोग करें।

प्रश्न 1 (शब्दों/वाक्यांशों का प्रयोग):

  1. अधिक-से-अधिक: हमें अधिक-से-अधिक पेड़ लगाने चाहिए ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे।
  2. नए-नए: वैज्ञानिक नए-नए ऊर्जा स्रोतों की खोज कर रहे हैं।
  3. तरह-तरह: बाजार में तरह-तरह के सोलर कुकर उपलब्ध हैं।

प्रश्न 2 (वाक्य प्रश्नवाचक में बदलो):

क. हम लोगों को भी कुछ काम करना चाहिए।

  • क्यों हमें भी कुछ काम करना चाहिए?
    ख. वैज्ञानिक ऊर्जा के नए स्रोत खोज रहे हैं।
  • कौन ऊर्जा के नए स्रोत खोज रहे हैं?
    ग. ऊर्जा की बचत के लिए उपाय होने चाहिए।
  • कौन-से उपाय ऊर्जा की बचत के लिए होने चाहिए?

प्रश्न 3 (‘इक’ लगाकर नए शब्द बनाओ):

  1. धर्म + इक = धार्मिक
  2. साहित्य + इक = साहित्यिक
  3. परिवार + इक = पारिवारिक
  4. अर्थ + इक = आर्थिक