Tag Hindi Grammar

वर्ण की परिभाषा भाग व भेद

Hindi Sahity

वर्ण(Phonology)- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते।इसे हम ऐसे भी कह सकते हैं- वह सबसे छोटी ध्वनि जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते, वर्ण कहलाती है। वर्ण की परिभाषा-  भाषा की सबसे…

निबन्ध लेखन में ध्यान योग्य बातें

Hindi Sahity

निबन्ध लिखना भी एक कला हैं। इसे विषय के अनुसार छोटा या बड़ा लिखा जा सकता है। निबंध को प्रबंध, लेख आदि नामों से पुकारा जाता है। निबन्ध लेखन निबन्ध- अपने मानसिक भावों या विचारों को संक्षिप्त रूप से तथा…

वचन की परिभाषा प्रकार व नियम

Hindi Sahity

शब्द के जिस रूप से एक या एक से अधिक का बोध होता है, उसे हिन्दी व्याकरण में ‘वचन’ कहते है।दूसरे शब्दों में- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है। जैसे-…

कारक के भेद

Hindi Sahity

संज्ञा या सर्वनाम के आगे जब ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि विभक्तियाँ लगती हैं, तब उनका रूप ही ‘कारक’ कहलाता हैं। कारक संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) सम्बन्ध…

लिंग के भेद

Hindi Sahity

‘लिंग’ संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘चिह्न’ या ‘निशान’। चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। ‘संज्ञा’ किसी वस्तु के नाम को कहते है और वस्तु या तो पुरुषजाति की होगी या स्त्रीजाति…

अव्यय की परिभाषा भेद व क्रिया विशेषण

Hindi Sahity

 ‘अव्यय’ ऐसे शब्द को कहते हैं, जिसके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नही होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे…

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

Hindi Sahity

भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके। समास, तद्धित…

अनेकार्थी शब्द की परिभाषा व उदाहरण

Hindi Sahity

भाषा में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है, जो अनेकार्थी होते हैं। अनेकार्थी शब्द की परिभाषा ऐसे शब्द, जिनके अनेक अर्थ होते है, अनेकार्थी शब्द कहलाते है।दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें ‘अनेकार्थी…

छन्द के अंग

Hindi Sahity

वर्णो या मात्राओं के नियमित संख्या के विन्यास से यदि आहाद पैदा हो, तो उसे छन्द कहते है।दूसरे शब्दो में-अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रागणना तथा यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्यरचना ‘छन्द’ कहलाती है। छन्द महर्षि पाणिनी…

वाक्य और वाक्य के भाग

Hindi Sahity

जिस शब्द समूह से वक्ता या लेखक का पूर्ण अभिप्राय श्रोता या पाठक को समझ में आ जाए, उसे वाक्य कहते हैं।सरल शब्दों में- वह शब्द समूह जिससे पूरी बात समझ में आ जाये, ‘वाक्य’ कहलाता हैै। जैसे- विजय खेल रहा…