सर्वनाम : परिभाषा प्रकार और वस्तुनिष्ठ प्रश्न

दिए गए अनुच्छेद में सर्वनाम शब्द पहचानकर लिखिए। मैं बड़ा होकर अपने देश के लिए कुछ करना चाहता हूँ। मुझे देश का सैनिक बनना है। मेरे पिताजी आर्मी में एक ऑफिसर हैं। मैं उन्हीं की तरह बनूँगा । वे हमेशा…
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दिए गए अनुच्छेद में सर्वनाम शब्द पहचानकर लिखिए। मैं बड़ा होकर अपने देश के लिए कुछ करना चाहता हूँ। मुझे देश का सैनिक बनना है। मेरे पिताजी आर्मी में एक ऑफिसर हैं। मैं उन्हीं की तरह बनूँगा । वे हमेशा…
प्रत्यय शब्द के मूल में जुड़कर उसके अर्थ और रूप में परिवर्तन लाने वाला शब्दांश होता है। इसे हम शब्द के अंत में जोड़ते हैं। यह शब्द के अर्थ को विस्तृत करने, क्रिया बनाने या किसी विशेष गुण को दर्शाने…
उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते है, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है। उपसर्ग की परिभाषा दूसरे शब्दों में– ”उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय है, जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके…
‘पर्याय’ का अर्थ है- ‘समान’ तथा ‘वाची’ का अर्थ है- ‘बोले जाने वाले’ अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं। पर्यायवाची शब्द (Synonyms Words)की परिभाषा जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन्हें…
वर्ण(Phonology)- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते।इसे हम ऐसे भी कह सकते हैं- वह सबसे छोटी ध्वनि जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते, वर्ण कहलाती है। वर्ण की परिभाषा- भाषा की सबसे…
निबन्ध लिखना भी एक कला हैं। इसे विषय के अनुसार छोटा या बड़ा लिखा जा सकता है। निबंध को प्रबंध, लेख आदि नामों से पुकारा जाता है। निबन्ध लेखन निबन्ध- अपने मानसिक भावों या विचारों को संक्षिप्त रूप से तथा…
शब्द के जिस रूप से एक या एक से अधिक का बोध होता है, उसे हिन्दी व्याकरण में ‘वचन’ कहते है।दूसरे शब्दों में- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है। जैसे-…
संज्ञा या सर्वनाम के आगे जब ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि विभक्तियाँ लगती हैं, तब उनका रूप ही ‘कारक’ कहलाता हैं। कारक संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) सम्बन्ध…
‘लिंग’ संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘चिह्न’ या ‘निशान’। चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। ‘संज्ञा’ किसी वस्तु के नाम को कहते है और वस्तु या तो पुरुषजाति की होगी या स्त्रीजाति…
‘अव्यय’ ऐसे शब्द को कहते हैं, जिसके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नही होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे…