Class 11 Biology

  • पादप-जगत का वर्गीकरण

    पादप-जगत को संरचनात्मक जटिलता के आधार पर दो प्रमुख समूहों में बाँटा गया है: यह वर्गीकरण पौधों की संरचनात्मक जटिलता, प्रजनन प्रणाली, और जीवन-चक्र के आधार पर किया गया है, जो उनके विभिन्न रूपों और प्रकारों को स्पष्ट करता है।

  • पादप जगत के विशिष्ट लक्षण (Salient Features of Plant Kingdom)

    पादपों के मुख्य लक्षण:

  • जीवाणुभोजी की संरचना व प्रजनन

    जीवाणुभोजी एक प्रकार का विषाणु होता है जो विशेष रूप से बैक्टीरिया कोशिकाओं में संक्रमण करता है। इसे टेडपोल (Tadpole) के आकार के समान देखा जा सकता है, और यह फ्रेंच वैज्ञानिक एफ. डब्ल्यू. ट्वर्ट द्वारा 1915 में खोजा गया था। डी. हेरेल ने 1917 में इसका विस्तृत अध्ययन किया था। जीवाणुभोजी की संरचना: 1.…

  • विषाणुओं के प्रकार (Types of Viruses).

    विषाणु के प्रकार उनके पोषक जीवों के आधार पर:

  • विषाणुओं के लक्षण

    (A) विषाणुओं के जैविक लक्षण (Living characters of viruses) (B) विषाणुओं के निर्जीव लक्षण (Non-living characters of viruses)

  • विषाणुओं की प्रकृति (Nature of Viruses)*

    विषाणुओं की प्रकृति (Nature of Viruses): विषाणुओं (Viruses) की प्रकृति हमेशा से विवादास्पद रही है। कुछ वैज्ञानिक इन्हें निर्जीव मानते हैं, जबकि कुछ इन्हें सजीव मानते हैं। विषाणुओं में सजीवों और निर्जीवों दोनों के लक्षण पाए जाते हैं, और यही कारण है कि इन्हें सजीवों और निर्जीवों के बीच एक कड़ी (Connecting link) माना गया…

  • विषाणुओं के सामान्य लक्षण (General Characteristics of Viruses)

    विषाणु (Virus) के प्रमुख लक्षण: जैविक प्रक्रियाएँ: विषाणु में श्वसन, प्रकाश संश्लेषण, या किसी अन्य जैविक प्रक्रिया का अभाव होता है। ये सभी गतिविधियाँ केवल जीवित कोशिकाओं में ही संभव होती हैं। अकोशिकीय और अतिसूक्ष्म: विषाणु एककोशिकीय नहीं होते, बल्कि ये अकोशिकीय (Acellular) होते हैं, यानी इनमें कोशिका नहीं होती। ये अत्यंत सूक्ष्म होते हैं…

  • विषाणु अथवा वायरस (Virus)

    विषाणु पृथ्वी पर उत्पन्न न्यूक्लियोप्रोटीन से बने होने वाले प्रथम जीव हैं। ये ऐसे अकोशिकीय (Acellular) जीव हैं जिनमें जीवित एवं अजीवित दोनों समूह के लक्षण पाये जाते हैं। विषाणु न्यूक्लियोप्रोटीन (प्रोटीन एवं नाभिकीय अम्लों) से बने अकोशिकीय, परासूक्ष्मदर्शीय (Ultra- microscopic) सूक्ष्मजीव है जो कि जीवित कोशिकाओं के अन्दर गुणन करते हैं जबकि कोशिका के…

  • वर्ग-ड्यूटेरोमाइसिटीज (Deuteromycetes) के विशिष्ट लक्षण

    वर्ग-ड्यूटेरोमाइसिटीज (Deuteromycetes) के विशिष्ट लक्षण निष्कर्ष: ड्यूटेरोमाइसिटीज वर्ग में वे कवक आते हैं जिनमें केवल अलैंगिक प्रजनन पाया जाता है, और इनमें लैंगिक जनन की पहचान या खोज संभव नहीं हो पाई है। इन्हें “अपूर्ण कवक” कहा जाता है क्योंकि इनकी जीवन-चक्र में पूर्ण अवस्थाएँ (जैसे जाइगोस्पोर, ओओस्पोर) नहीं होतीं। ये कवक अक्सर परजीवी होते…

  • बेसिडियोमाइसिटीज (Basidiomycetes) के विशिष्ट लक्षण

    बेसिडियोमाइसिटीज (Basidiomycetes) के विशिष्ट लक्षण यह वर्ग उच्चतम कवकों के समूह में आता है, जिसमें अत्यधिक विकसित तन्तु और विशेष लैंगिक प्रजनन क्रियाएँ पाई जाती हैं। इन कवकों का कवकजाल और बीजाणु निर्माण प्रक्रिया बहुत जटिल होती है, जो इन्हें अन्य वर्गों से विशिष्ट बनाती है।