स्थिर विद्युत कक्षा 7 विज्ञान पाठ 15 स्मरणीय तथ्य
1 आवेशित वस्तुएँ- विद्युत् आवेशों के प्रवाह को विद्युत् धारा कहते हैं।
2 कुछ वस्तुएँ अन्य विशेष पदार्थों से रगड़े जाने पर आवेश ग्रहण कर लेती है। जिन वस्तुओं पर आवेश होता है, वह आवेशित वस्तुएँ कहलाती हैं।
3. शीशे की छड़ पर धन आवेश उत्पन्न हो जाता है जब उसे रेशम से रगड़ते हैं।
4. विद्युत्दर्शी – धन आवेश ऋण आवेश वह उपकरण जो वस्तु पर विद्युतीय आवेश की पहचान करने में सहायक है, विद्युत्दर्शी कहलाता है।
5. तड़ित चालक विद्युत रोधी एबोनाइड की छड़ पर ऋण आवेश उत्पन्न हो जाता है, जब उसे फलालेन से रगड़ते हैं।
6. बादलों में उत्पन्न विद्युत् से बड़ी-बड़ी इमारतों को बचाने हेतु उपयोगी उपकरण को तड़ित चालक कहते हैं।
7. जिनमें विद्युत् आवेश नहीं वह सकता, उन्हें विद्युत् रोधी कहते हैं।
8. वस्तुओं को ऊन, रेशम, फलालेन, चमड़ा इत्यादि से रगड़कर कर आवेशित किया जा सकता है।
9. आवेशित वस्तुओं में आकर्षण का गुण पाया जाता है।
10. आवेश दो प्रकार के होते हैं- धन आवेश (+) एवं ऋण आवेश (-)।
11. समान आवेशों (‘+’+’ अथवा ‘-,-‘) के बीच प्रतिकर्षण एवं विपरीत आवेशों (+,-) के बीच आकर्षण होता है।
12. दो भिन्न वस्तुओं को रगड़ने से आवेश का पृथक्करण होता है, अर्थात् जब एक पर आवेश आयेगा तो दूसरे पर आवेश, दोनों वस्तुओं पर उपस्थित आवेश की मात्रा समान होती है।
13. विद्युत्दर्शी का उपयोग वस्तु में उपस्थित आवेश का पता लगाने के लिए किया जाता है।
14. आवेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण किया जा सकता है।
15. विपरीत आवेशों में आवेशित बादलों के एक-दूसरे के निकट आने से उनमें विद्युत् विसर्जन होता है, जिससे तड़ित उत्पन्न होती है।
16. ऊँची इमारतों व भवनों को तड़ित से सुरक्षा के लिए तड़ित चालक लगाया जाता है।