Skip to content
1. समाजीकरण का अर्थ
- समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति समाज के नियम, विश्वास, परंपराएँ, आदतें और मूल्य सीखता है।
- इसमें बच्चा दूसरों के साथ अंतःक्रिया करके अपना व्यवहार समाज की अपेक्षाओं के अनुसार ढालता है।
- मुख्य अंतर:
- सामाजिक अधिगम (Social Learning) में समाज का प्रत्यक्ष दबाव नहीं होता।
- समाजीकरण (Socialization) में बच्चा सीधे समाज के दबाव में सीखता है।
2. समाजीकरण की विशेषताएँ
- समाजीकरण से बच्चा सामाजिक गुण प्राप्त करता है।
- संस्कृति का हस्तांतरण समाजीकरण से होता है।
- बच्चा सभ्य और सुसंस्कृत बनता है।
- यह एक जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है।
3. समाजीकरण के कारक (Factors of Socialization)
- पालन-पोषण – प्रेम, देखभाल और भावनात्मक विकास।
- सहानुभूति – अपनापन, प्रेम, भेदभाव की समझ।
- सहकारिता – दूसरों के साथ मिलकर काम करना।
- निर्देशन – समाज के नियम और दिशा प्रदान करना।
- आत्मीकरण – परिवार व पड़ोस के आदर्शों को अपनाना।
- अनुकरण – दूसरों को देखकर सीखना (सबसे बुनियादी तत्व)।
- सामाजिक शिक्षण – खानपान, रहन-सहन, बोलचाल का तरीका सीखना।
- पुरस्कार और दंड – अच्छे काम पर इनाम, गलत काम पर सज़ा।
4. समाजीकरण के तत्व/स्थल (Agencies of Socialization)
- परिवार
- पड़ोस / रिश्तेदार
- विद्यालय
- समुदाय / धर्म / जाति / भाषा समूह
- आयु-समूह / खेलकूद
- राजनीतिक संस्थाएँ
- सामाजिक अंतःक्रियाएँ
- सामाजिक स्वीकृति और अस्वीकृति का अनुभव
5. समाजीकरण में बाधक तत्व (Barriers in Socialization)
(A) बाल्यकालीन परिस्थितियाँ
- माता-पिता का प्यार न मिलना
- कलहपूर्ण वातावरण
- माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु
- पक्षपात, एकाकीपन
- अनुचित दंड
(B) सांस्कृतिक परिस्थितियाँ
- जाति, धर्म, वर्ग की पूर्व धारणाएँ
(C) तात्कालिक परिस्थितियाँ
- निराशा, अपमान
- अनियमित जीवन, कठोरता, परिहास
- परिवार/पड़ोस से ईर्ष्या
(D) अन्य परिस्थितियाँ
- शारीरिक कमी
- निर्धनता
- असफलता
- आत्मविश्वास की कमी
6. समाजीकरण में शिक्षक की भूमिका
- छात्रों के सामने सामाजिक आदर्श प्रस्तुत करना।
- स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना पैदा करना।
- अभिभावकों से सहयोग लेना।
- विद्यालय की परंपराओं को निभाना।
- सामूहिक कार्यों को प्रोत्साहित करना।
7. समाजीकरण से होने वाले लाभ (Outcomes of Socialization)
- सामाजिक अधिगम से समाजीकरण का दायरा बड़ा है।
- अंतःक्रिया से बच्चे का व्यवहार सुधरता है और वह सामाजिक अपेक्षाओं के अनुसार ढलता है।
- कौशल अर्जन, अनुकरण, तादात्म्यीकरण (Identification), भूमिका-अधिगम आदि विकसित होते हैं।
- संबंध, उपलब्धि, निर्भरता, परोपकार, आक्रामकता, संग्रह, अनुरूपता जैसे गुण आते हैं।
- आत्म-नियंत्रण, अंतःकरण का विकास, आत्म-विकास होता है।
- उचित समाजीकरण न होने पर — असामाजिक प्रवृत्तियाँ (झूठ, चोरी, हिंसा, आक्रामकता) बढ़ती हैं।
- नैतिक और भावनात्मक विकास होता है।
8. समाजीकरण की अवस्थाएँ (Stages of Socialization)
(A) शैशवावस्था
- अनुकरण, स्व-प्रेम, पर-आश्रितता
- शर्म, ईर्ष्या, ध्यान आकर्षण
- सहयोग, प्रतिक्रिया
(B) पूर्व-बाल्यावस्था
- अनुकरण, आक्रामकता, नकारात्मकता
- ईर्ष्या, सहानुभूति, सहयोग
- प्रशंसा व अनुमोदन की चाह
- आत्मकेंद्रितता में कमी
- प्रतियोगिता, मित्रता
(C) उत्तर-बाल्यावस्था
- सामुदायिकता, समूह-भक्ति
- यौन-विरोध, नेतृत्व
- सहयोग, खेल, मित्रता
- प्रतियोगिता
(D) किशोरावस्था / वयःसंधि
- समूह की सदस्यता, सामाजिक संबंध
- सामाजिक रुचियों का विकास
- पारिवारिक संबंध, प्रतियोगिता
- नेतृत्व, मित्रता
- सामाजिक परिपक्वता, सुझाव-ग्रहणशीलता
- खिलाड़ी भावना, दायित्व-बोध
9. समाजीकरण के प्रमुख सिद्धांत (Theories of Socialization)
1. कूले का स्व-दर्पण सिद्धांत (Looking Glass Theory, 1902)
- समाजीकरण आत्म-अंतःक्रिया पर आधारित है।
- दूसरों से संपर्क में आने से हम अपने बारे में धारणा बनाते हैं।
- जैसे दर्पण में देखने पर हम अपना रूप देखते हैं, वैसे ही दूसरों की प्रतिक्रिया से हम अपने विचार, दृष्टिकोण और मूल्य बनाते हैं।
- प्राथमिक समूह (परिवार, पड़ोस, खेल-समूह) का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है।
2. मीड का आत्म-चेतना सिद्धांत (Self-Consciousness, 1934)
- भूमिका-निर्वाह (Role Playing) समाजीकरण में अहम है।
- बच्चा अपने व्यवहार का दूसरों पर प्रभाव देखकर आत्म-विकास करता है।
- अनुकरण से समाजीकरण तेज होता है।
- “मैं” (I) और “मुझे” (Me) का संयुक्त रूप “स्व” (Self) है।
- इससे अह-शक्ति (Ego Strength) विकसित होती है।
3. दुर्खीम का सामूहिक प्रतिनिधित्व सिद्धांत (Collective Representation, 1934)
- हर समाज के अपने मूल्य, आदर्श और संस्कार होते हैं।
- समाज नए सदस्यों/बच्चों के व्यवहार को इन्हीं मूल्यों से प्रभावित करता है।
- हंसी और दंड के माध्यम से समाज अपनी अपेक्षाएँ स्पष्ट करता है।
Post Views: 13