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आकाश दर्शन कक्षा 8 वीं विज्ञान
आकाश दर्शन (SKY VISION)
प्रस्तावना (Introduction)
- रात में हम जिन ग्रहों और तारों को देखते हैं, उन्हें खगोलीय पिंड (Celestial Bodies) कहते हैं।
- दिन में हमें आकाश में सिर्फ सूर्य (Sun) दिखाई देता है।
1.1 आकाश में और क्या-क्या है? (WHAT IS THERE IN THE SKY?)
- तारों की दृश्यता (Visibility of Stars):
- किसी ऐसी अंधेरी रात में आकाश को देखें जब बादल न हों, आपको बहुत सारे तारे दिखाई देंगे।
- इनमें से कुछ अधिक चमकीले होते हैं, कुछ धुंधले, कुछ बड़े और कुछ छोटे।
- कई गुना बड़े तारे हमें छोटे दिखाई देते हैं, जबकि हमारी पृथ्वी से कई गुना बड़े हैं।
- सूर्य भी हमसे कई गुना बड़ा है, फिर भी हमें छोटा दिखाई देता है।
- आकाश में दिखने वाले पिंड (Objects Visible in the Sky):
- ध्यान से देखने पर हमें आकाश में तारे जैसे कुछ अन्य पिंड भी टिमटिमाते प्रतीत नहीं होते। ये ग्रह (Planets) हैं जो हमारी पृथ्वी की ही तरह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- कभी-कभी आकाश में कुछ क्षणों के लिए प्रकाश की एक चमकीली रेखा दिखाई देती है। वास्तव में ये जलते हुए उल्का पिंड (Meteors) हैं।
- इस तरह हमारी पृथ्वी तथा अन्य ग्रह, सूर्य, चंद्रमा, उल्का पिंड आदि मिलकर आकाश गंगा (Milky Way/Galaxy) की रचना करते हैं।
1.2 तारे एवं तारा मण्डल (STARS AND THE STAR WORLD)
- आकाश में दिखाई देने वाले पिंडों में तारे सबसे आकर्षक हैं। (Stars are the most fascinating objects in the sky.)
- तारे ऐसे खगोलीय पिंड हैं जो लगातार प्रकाश (light) और ऊष्मा (heat) उत्सर्जित (emit) करते हैं।
- सूर्य (Sun) पृथ्वी का निकटतम तारा है।
- दिन के समय आकाश में सूर्य के प्रकाश के कारण अन्य तारे दिखाई नहीं देते।
- तारों की दूरी (Distance of Stars):
- अधिकांश तारे पृथ्वी से इतनी अधिक दूरी पर हैं कि उनके प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लाखों वर्ष लग सकते हैं।
- तारों की दूरियाँ प्रकाशवर्ष (Light-year) में मापी जाती हैं।
- प्रकाश वर्ष क्या है? (What is a Light-year?):
- प्रकाश लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड (3 lakh kilometers per second) की चाल से एक वर्ष में जितनी दूरी तय करता है, उसे प्रकाश वर्ष (Light-year) कहते हैं।
- अतः, प्रकाश वर्ष दूरी का मात्रक (unit of distance) है।
- 1 प्रकाश वर्ष = 365 दिन x 24 घंटे x 60 मिनट x 60 सेकंड x 300000 किलोमीटर = 9460800000000 km = 9.46 x 10¹² km
1. आकाशीय दूरियाँ (Celestial Distances)
- पृथ्वी से सूर्य की दूरी (Distance from Earth to Sun): लगभग 15,00,00,000 km (150 million km) या 15 करोड़ किलोमीटर।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में समय (Time for Sunlight to Reach Earth): लगभग 8.3 मिनट (8.3 minutes)।
- पृथ्वी के सबसे निकट का तारा (Nearest Star to Earth):
- सूर्य (Sun) के बाद, पृथ्वी के सबसे निकट का तारा अल्फा सेंटौरी (Alpha Centauri) है।
- यह लगभग 4.3 प्रकाश वर्ष (4.3 light-years) दूर है।
- सबसे चमकीला तारा (Brightest Star): आकाश में सबसे चमकीला तारा साइरस (Sirius) है, जो लगभग 8.7 प्रकाश वर्ष (8.7 light-years) दूर है।
2. आकाशगंगाएँ (Galaxies)
- आकाश में अनगिनत तारे दिखाई देते हैं।
- ध्यान से देखने पर आपको तारों की एक धुंधली पट्टी (hazy band) उत्तर से दक्षिण की ओर दिखाई देगी। इसे ही आकाशगंगा (Galaxy) कहते हैं।
- ब्रह्मांड (Universe) में ऐसे कई समूह अर्थात् कई आकाशगंगाएँ (Galaxies) हैं।
- हमारी आकाशगंगा को मंदाकिनी (Milky Way) कहते हैं।
- हमारा सौर परिवार (Solar System) इसी आकाशगंगा में स्थित है।
- सूर्य सहित सभी तारे किसी न किसी खगोलीय पिंड या पिंड समूह की तीव्र गति से परिक्रमा कर रहे हैं।
- अत्यधिक दूरी पर स्थित होने के कारण इनके बीच की दूरी में होने वाले परिवर्तन हमें अनुभव नहीं हो पाते हैं।
3. ध्रुव तारा (Pole Star)
- हम जानते हैं कि पृथ्वी अपने अक्ष (axis) के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर घूम रही है, जबकि तारे हमें पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते प्रतीत होते हैं।
- किंतु उत्तर दिशा (North direction) में स्थित एक तारा हमें स्थिर (stationary) प्रतीत होता है। इसे ही ध्रुव तारा (Pole Star) के नाम से जानते हैं।
- पृथ्वी के घूर्णन (rotation) पर स्थित होने के कारण ध्रुव तारे की स्थिति पृथ्वी के किसी भी स्थान से सापेक्ष नहीं बदलती दिखाई देती।
- लंबे समय से दिशा ज्ञात करने के लिए ध्रुव तारे का उपयोग किया जाता रहा है।
तारामंडल की पहचान (Identifying Constellations)
तारों के वे समूह जो आकाश में विशेष आकृतियाँ बनाते प्रतीत होते हैं, उन्हें तारामंडल (Constellations) कहते हैं। आइए, कुछ प्रमुख तारामंडलों के बारे में जानें:
1. वृहत् सप्तर्षि (Ursa Major / Big Dipper)
- परिचय (Introduction): यह आकाश में आसानी से पहचाना जाने वाला एक प्रमुख तारामंडल है।
- अन्य नाम (Other Names): इसे बिग डिपर (Big Dipper) या उर्सा मेजर (Ursa Major) भी कहते हैं।
- आकृति (Shape):
- इसमें कुल सात सर्वाधिक चमकदार तारे होते हैं।
- ये तारे मिलकर एक बड़ी करछुल (ladle) या प्रश्न चिन्ह (question mark) जैसी आकृति बनाते हैं।
- इनमें से तीन तारे करछुल के हैंडल में होते हैं और चार कटोरी में।
- संकेतक तारे (Pointer Stars):
- करछुल के शीर्ष पर स्थित दो तारे संकेतक तारे (Pointer Stars) कहलाते हैं।
- इनको मिलाने वाली सीधी रेखा ध्रुव तारे (Pole Star) की ओर संकेत करती है।
2. लघु सप्तर्षि (Ursa Minor)
- परिचय (Introduction): यह भी एक महत्वपूर्ण तारामंडल है जिसमें अधिक चमक वाले सात प्रमुख तारे होते हैं।
- ध्रुव तारे की स्थिति (Position of Pole Star): ध्रुव तारा (Pole Star) इस तारामंडल के हैंडल के सिरे पर स्थित होता है।
3. मृग या ओरियन (Orion / Hunter)
- परिचय (Introduction): यह भी आकाश में दिखाई देने वाला एक प्रमुख तारामंडल है।
- चमक (Brightness): इसमें अन्य तारामंडलों की अपेक्षा अधिक चमकीले तारे होते हैं।
- आकृति (Shape): इस तारामंडल की आकृति एक शिकारी (hunter) की तरह दिखाई देती है।
- अन्य नाम (Other Names): इसी कारण इसे कालपुरुष (Kalpurush) के नाम से भी जाना जाता है।
विषय: ग्रह – अब केवल आठ (Planets – Now Only Eight)
1. ग्रह क्या हैं? (What are Planets?)
- परिभाषा (Definition): ग्रह ऐसे खगोलीय पिंड हैं जो सूर्य (Sun) की परिक्रमा (revolve) करते हैं।
- प्रकाश (Light):
- ग्रह तारों की तरह स्वयं प्रकाश उत्पन्न नहीं करते हैं। (Planets do not generate their own light like stars.)
- वे अपने ऊपर पड़ने वाले सौर प्रकाश को परावर्तित (reflect) करते हैं, इसलिए वे तारों की तरह चमकदार दिखाई देते हैं। (They reflect sunlight, which makes them appear shiny like stars.)
2. हमारे सौर मंडल के ग्रह (Planets of Our Solar System)
पहले सूर्य के कुल नौ ग्रह माने जाते थे, लेकिन अब केवल आठ (Eight) ग्रह हैं। प्रत्येक ग्रह अपने निश्चित पथ (कक्षा/Orbit) पर सूर्य की परिक्रमा करता है।
अ.) प्राचीन काल से ज्ञात ग्रह (Planets Known Since Ancient Times): ये ग्रह सामान्यतः नंगी आँखों से देखे जा सकते थे, इसलिए इनकी खोज प्राचीन खगोलविदों ने कर ली थी।
- बुध (Mercury)
- शुक्र (Venus)
- पृथ्वी (Earth)
- मंगल (Mars)
- बृहस्पति (Jupiter)
- शनि (Saturn)
ब.) दूरबीन के आविष्कार के बाद खोजे गए ग्रह (Planets Discovered After the Invention of the Telescope):
- अरुण (Uranus)
- वरुण (Neptune)
3. प्लूटो – अब ग्रह नहीं (Pluto – No Longer a Planet)
- पूर्व स्थिति (Former Status): एक समय था जब यम (प्लूटो/Pluto) को भी सूर्य का नौवां ग्रह माना जाता था।
- स्थिति में बदलाव (Change in Status): प्लूटो को अपनी खोज के 76 वर्ष (76 years) पश्चात् ग्रहों की बिरादरी (family of planets) से अलग कर दिया गया।
- कारण (Reason): यह निर्णय कुछ विवादों (controversies) और खगोलीय पिंडों के वर्गीकरण (classification) की नई परिभाषाओं के कारण लिया गया। प्लूटो ‘बौने ग्रह’ (dwarf planet) की श्रेणी में आता है।
इस प्रकार अब हमारे सौर मंडल में कुल आठ ग्रह हैं।
4. सौर मंडल का चित्र (Diagram of the Solar System)
- सूर्य (Sun): केंद्र में।
- ग्रह (Planets) – सूर्य से दूरी के क्रम में (in order of distance from the Sun):
- बुध (Mercury)
- शुक्र (Venus)
- पृथ्वी (Earth)
- मंगल (Mars)
- बृहस्पति (Jupiter)
- शनि (Saturn)
- अरुण (Uranus)
- वरुण (Neptune)
उपग्रह (Satellites)
- परिभाषा (Definition): उपग्रह एक ऐसा खगोलीय पिंड है, जो किसी दूसरे ग्रह की परिक्रमा करता है।
- उदाहरण (Examples):
- चंद्रमा (Moon): पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है।
- बृहस्पति (Jupiter), शनि (Saturn), अरुण (Uranus), वरुण (Neptune): इन ग्रहों के एक से अधिक प्राकृतिक उपग्रह हैं।
ग्रहों के बारे में जानें (Let’s Learn About the Planets)
1. बुध (MERCURY)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य के सबसे समीप (closest) का ग्रह है।
- दृश्यता (Visibility):
- यह अधिकतर समय सूर्य के प्रकाश के कारण दिखाई नहीं देता।
- सूर्य के निकट होने के कारण यहां अत्यधिक गर्मी होती है।
- विशेषताएँ (Characteristics):
- बुध के अधिकांश लक्षण जैसे व्यास (diameter) और द्रव्यमान (mass) चंद्रमा के लगभग समान हैं।
- चंद्रमा के समान ही बुध पर भी किसी तरह का वायुमंडल (atmosphere) नहीं है।
- इसकी सतह पर बराबर चट्टानें (rocky terrain) और पर्वत (mountains) हैं।
- उपग्रह (Satellites): इसका कोई ज्ञात उपग्रह नहीं है।
2. शुक्र (VENUS)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में दूसरा (second) ग्रह है।
- चमक (Brightness):
- यह सबसे अधिक चमकीला (brightest) दिखाई पड़ता है।
- इसकी चमक का कारण इसका घने बादलों से युक्त वायुमंडल है।
- यह अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश के लगभग तीन-चौथाई (three-fourths) भाग को परावर्तित कर देता है।
- विशेष नाम (Special Name): सूर्योदय से कुछ पहले तथा सूर्यास्त के तुरंत बाद यह क्षितिज के पास चमकदार तारे जैसा दिखाई देता है। यद्यपि यह तारा नहीं है, फिर भी इसकी चमक के कारण इसे ‘भोर का तारा’ (Morning Star) या ‘सांध्य तारा’ (Evening Star) भी कहा जाता है।
- विशेषताएँ (Characteristics):
- इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 4/5 (four-fifths) है, जबकि दोनों का व्यास लगभग समान है।
- उपग्रह (Satellites): शुक्र का अपना कोई उपग्रह नहीं है।
3. पृथ्वी (EARTH)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य से दूरी के क्रम में पृथ्वी का स्थान तीसरा (third) है।
- जीवन का अस्तित्व (Existence of Life): अब तक ज्ञात ग्रहों में पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन नहीं है।
- सूर्य की परिक्रमा (Orbit around the Sun): पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 365.26 दिन (365.26 days) में पूरा करती है।
- अपनी धुरी पर घूर्णन (Rotation on its Axis): पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे (24 hours) में एक पूर्ण घूर्णन करती है, जिसके कारण दिन और रात (day and night) होते हैं।
- झुकाव (Tilt): पृथ्वी अपनी अक्ष पर थोड़ी झुकी हुई है, जिसके कारण ऋतु परिवर्तन (seasonal changes) होते हैं।
- प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satellite): पृथ्वी का एक प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (Moon) है।
- चंद्रमा की भूमिका (Role of Moon): चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करने के साथ-साथ पृथ्वी सहित सूर्य की परिक्रमा भी करता है। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को हमारी ओर परावर्तित कर देता है।
- हम चंद्रमा को केवल वह भाग देखते हैं जो हमारी ओर है।
4. मंगल (MARS)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में यह चौथा (fourth) ग्रह है।
- रंग (Color): यह लाल रंग (red color) का दिखाई देता है। अतः इसे लाल ग्रह (Red Planet) भी कहते हैं।
- आकार (Size): वर्ष के अधिकांश दिनों में यह पृथ्वी से दिखाई देता है। मंगल की त्रिज्या (radius) पृथ्वी की त्रिज्या के लगभग आधी है।
5. बृहस्पति (JUPITER)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में यह पांचवां (fifth) ग्रह है।
- आकार (Size): सभी ग्रहों में यह सबसे बड़ा (largest) है।
- द्रव्यमान (Mass): इसका द्रव्यमान शेष सभी ग्रहों के कुल द्रव्यमान से भी अधिक है।
- प्रकाश और ऊष्मा (Light and Heat):
- सूर्य से बृहस्पति की दूरी इतनी अधिक है कि सूर्य से इस तक पहुँचने वाली ऊष्मा तथा प्रकाश की मात्रा बहुत कम होती है।
- यह ग्रह शुक्र तथा कभी-कभी मंगल के अतिरिक्त अन्य ग्रहों की तुलना में अधिक चमकदार दिखाई देता है।
- इसका कारण इसके घने वायुमंडल (dense atmosphere) द्वारा अधिकांश प्रकाश को परावर्तित करना (reflecting most of the light) है।
- उपग्रह (Satellites): बृहस्पति के 28 ज्ञात प्राकृतिक उपग्रह हैं।
6. शनि (SATURN)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में यह छठा (sixth) ग्रह है।
- सूर्य से दूरी का अनुपात (Distance Ratio): सूर्य से इसकी दूरी बृहस्पति की दूरी की लगभग दोगुनी (double) है।
- द्रव्यमान और संरचना (Mass and Structure): द्रव्यमान और संरचना में यह बृहस्पति जैसा ही है, किंतु बृहस्पति की तुलना में यह ठंडा है।
- वलय (Rings): इसके चारों ओर पाए जाने वाले तीन वलयों (three rings) के कारण यह अन्य ग्रहों से अधिक सुंदर दिखाई देता है। इन वलयों को दूरबीन (telescope) की सहायता से देखा जा सकता है।
- उपग्रह (Satellites): शनि के ज्ञात उपग्रहों की संख्या 30 है।
7. अरुण (URANUS)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में यह सातवां (seventh) ग्रह है।
- खोज (Discovery): दूरबीन की सहायता से खोजा गया यह पहला ग्रह है।
- सूर्य से दूरी का अनुपात (Distance Ratio): सूर्य से इसकी दूरी शनि से सूर्य की दूरी की लगभग दोगुनी (double) है।
- उपग्रह (Satellites): इसके ज्ञात उपग्रहों की संख्या 21 है।
8. वरुण (NEPTUNE)
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में यह आठवां (eighth) ग्रह है।
- उपग्रह (Satellites): इसके उपग्रहों की संख्या 8 है।
- तापमान (Temperature): सूर्य से अधिक दूरी के कारण यह ठंडा (cold) है।
यम (प्लूटो) अब ग्रहों की बिरादरी से बाहर क्यों? (PLUTO: WHY IS IT NOT A PLANET?)
- पूर्व स्थिति (Former Status): प्लूटो को एक समय सूर्य का नौवां ग्रह माना जाता था।
- सूर्य से दूरी (Distance from Sun): यह सूर्य से अत्यधिक दूरी पर स्थित था (सूर्य से पृथ्वी की दूरी का लगभग 39.5 गुना)।
- आकार (Size): प्लूटो का पिंड आकार में बहुत छोटा है।
- प्रकाश पहुँचने में समय (Time for Light to Reach): सूर्य से प्रकाश को इस तक पहुँचने में 32 मिनट (32 minutes) का समय लगता है।
- वर्गीकरण में परिवर्तन (Change in Classification): कई वर्षों से प्लूटो को ग्रह माने जाने पर विवाद चल रहा था।
- IAU का निर्णय (IAU’s Decision): अंततः 24 अगस्त 2006 को अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान संघ (International Astronomical Union – IAU) की प्राग (चेकोस्लोवाकिया) में हुई बैठक में ग्रहों की परिभाषा निर्धारित की गई।
- परिणाम (Outcome): नई परिभाषा के अनुसार, प्लूटो ग्रह की श्रेणी में नहीं आता है और अब इसे बौना ग्रह (Dwarf Planet) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
1. ग्रह की परिभाषा के लिए आवश्यक शर्तें (Essential Conditions for a Planet’s Definition)
अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान संघ (IAU) द्वारा निर्धारित ग्रह की परिभाषा के अनुसार, एक खगोलीय पिंड को ग्रह कहलाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना चाहिए:
- सूर्य का चक्कर लगाता हो। (Must orbit the Sun.)
- जिसमें इतना द्रव्यमान हो कि गुरुत्वाकर्षण के कारण आकार गोल हो। (Must have enough mass for its own gravity to pull it into a round shape.)
- जिसका परिक्रमा पथ साफ हो। (Must have cleared its orbital path of other debris.)
- जिसमें अन्य खगोलीय पिंड मौजूद न हों। (Must be gravitational dominant in its orbit, meaning no other celestial bodies of comparable size are present in its path.)
2. अब प्रश्न यह उठता है कि प्लूटो ग्रह क्यों नहीं है? (Now the question arises: Why is Pluto not a planet?)
- सूर्य का चक्कर (Orbits the Sun): प्लूटो सूर्य का चक्कर अवश्य लगाता है।
- आकार और द्रव्यमान (Size and Mass): परंतु छोटा और कम द्रव्यमान होने के कारण यह ग्रह नहीं है।
- दीर्घवृत्ताकार कक्षा (Elliptical Orbit):
- प्लूटो एक बहुत ही दीर्घवृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगाता है।
- इसकी कक्षा इतनी बड़ी है (लगभग 17° का कोण बनाती है) कि यह नेपच्यून (वरुण) की कक्षा को काटते हुए भीतर चला आता है।
- इसके अलावा, इसकी कक्षा में अन्य ग्रह एक ही तल में सूर्य की परिक्रमा करते हैं, जबकि प्लूटो की कक्षा उनसे लगभग 17° का कोण बनाती है।
- वर्गीकरण (Classification): इन सभी कारणों से इसे ग्रहों की बिरादरी से बाहर कर दिया गया और इसे “वामन ग्रह” (Dwarf Planet) का दर्जा दिया गया है।
1.4 क्षुद्रग्रह (ASTEROIDS)
- स्थिति (Location): मंगल (Mars) और बृहस्पति (Jupiter) की कक्षाओं के बीच पाए जाने वाले छोटे-छोटे पिंड जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं, उन्हें क्षुद्रग्रह (Asteroids) कहते हैं।
- उत्पत्ति (Origin): ऐसा माना जाता है कि क्षुद्रग्रह ग्रहों के ही वे खंड हैं जो किसी कारणवश ग्रहों का रूप नहीं ले पाए।
1.5 धूमकेतु (धुम्प तारा) (COMETS)
- परिभाषा (Definition): धूमकेतु अत्यधिक छोटे खगोलीय पिंड हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- दृश्यता (Visibility): इन्हें हम तभी देख सकते हैं जब ये सूर्य के बहुत पास होते हैं।
- संरचना (Structure): इनका एक छोटा चमकदार शीर्ष (bright head) और उसके पीछे लंबी पूंछ (long tail) होती है।
- पूंछ की दिशा (Tail Direction): धूमकेतु की पूंछ सदैव सूर्य से विपरीत दिशा (opposite direction) में रहती है।
- पुनरावृति (Recurrence): धूमकेतु प्रायः एक निश्चित समयावधि के बाद बार-बार प्रकट होते हैं।
- उदाहरण (Example): हैली का धूमकेतु (Halley’s Comet) एक प्रसिद्ध उदाहरण है जो हर 75-76 साल में दिखाई देता है
- हैली का धूमकेतु (Halley’s Comet):
- यह एक प्रसिद्ध धूमकेतु है जो लगभग 76 वर्ष (76 years) के अंतराल पर फिर से प्रकट होता है।
- इसे पिछली बार सन् 1986 (1986) में देखा गया था।
- (भविष्य में, यह 2061-2062 के आसपास फिर से दिखाई देने की उम्मीद है)।
1.6 उल्काएँ एवं उल्कापिंड (METEORS AND METEORITES)
- परिचय (Introduction):
- अंधेरी रात में जब आकाश साफ हो, तो कभी-कभी आपको आकाश में प्रकाश की चमकदार धारी (bright streak of light) दिखाई देती है।
- कुछ लोग इन्हें ‘टूटते तारे’ (shooting stars) कहते हैं।
- वास्तव में, ये तारे नहीं हैं, बल्कि ये उल्काएँ (Meteors) हैं।
- उल्का (Meteors):
- उल्का एक छोटा आकाशीय पिंड (small celestial body) होता है जो सूर्य की परिक्रमा (orbits the Sun) करता रहता है।
- जब यह पिंड पृथ्वी के वायुमंडल (atmosphere) में बहुत तीव्र गति से प्रवेश करता है, तब घर्षण (friction) के कारण जल जाता (burns up) है और प्रकाश की एक चमकदार धारी दिखाई देती है।
- उल्कापिंड (Meteorites):
- कुछ उल्काएँ वायुमंडल में पूरी तरह से नहीं जल पाती हैं।
- उनका कुछ भाग पृथ्वी पर बिना जले गिर जाता है।
- उल्का के इन बिना जले पिंडों को उल्कापिंड (Meteorites) कहते हैं।
चिंतनशील गद्यांश (Reflective Passage)
सौर मंडल में विभिन्न ग्रह और उपग्रह अपने-अपने परिपथ में एक-दूसरे की गति और मार्ग में अवरोध पहुँचाए बिना करोड़ों वर्षों से निरंतर सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं।
- क्या हमारा व्यवहार भी इसी तरह का है?
- क्या हम अपने समुदाय के सदस्यों के साथ उन्हें बिना नुकसान पहुँचाए समन्वय स्थापित कर शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं?
हमें इस पर विचार करना चाहिए ताकि समुदाय के सभी सदस्य शांतिपूर्वक जीवन जी सकें।
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. कई तारे सूर्य से बड़े होने पर भी हमें सूर्य से छोटे दिखाई देते हैं। क्यों ?
उत्तर- कई तारे सूर्य से बड़े होने पर भी हमें सूर्य से छोटे इसलिये दिखाई पड़ते हैं क्योंकि इनकी दूरी सूर्य से बहुत अधिक है और जो तारा जितना अधिक दूर होगा वह उतना ही छोटा दिखाई देगा तथा पास का तारा बड़ा दिखाई देगा।
प्रश्न 2. एक तारा पृथ्वी से 3-4 प्रकाश वर्ष दूर है इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर- एक तारा पृथ्वी से 3-4 प्रकाश वर्ष दूर है इसका अर्थ यह है कि उस तारे के प्रकाश को पृथ्वी में पहुँचने के लिये 3-4 वर्ष का समय लगता है।
प्रश्न 3. उत्तर दिशा में स्थिर प्रतीत होने वाले तारे को आप कैसे खोजेंगे ?
उत्तर- उत्तर दिशा में स्थिर प्रतीत होने वाले तारे को खोजने में हमें सप्तर्षि तारा मंडल मदद करता है। सप्तर्षि तारा मंडल करछुल की आकृति बनाता है। इनमें से तीन हैण्डल की आकृति बनाते हैं और चार कटोरे के। इन्हीं कटोरे के चार तारों में से दो शीर्ष तारे की सीध में स्थित स्थिर तारा ध्रुव तारा होगा।
प्रश्न 4. दी गई जानकारी के आधार पर ग्रहों की पहचान कीजिए-
(i) सबसे बड़ा ग्रह,
(ii) ग्रह जिस पर जीवन है,
(iii) सबसे चमकीला ग्रह,
(iv) लाल ग्रह,
(v) दूरबीन द्वारा खोजा गया पहला ग्रह,
(vi) तीन वलयों वाला ग्रह,
(vii) आठ उपग्रहों वाला ग्रह।
उत्तर- (i) सबसे बड़ा ग्रह – बृहस्पति
(ii) ग्रह जिस पर जीवन है – पृथ्वी
(iii) सबसे चमकीला ग्रह – शुक्र
(iv) लाल ग्रह – मंगल
(v) दूरबीन द्वारा खोजा गया पहला ग्रह – अरुण
(vi) तीन वलयों वाला ग्रह – शनि
(vii) आठ उपग्रहों वाला ग्रह – वरुण
प्रश्न 5. निम्न के बारे में संक्षिप्त जानकारी दीजिए-
(i) वे आकाशीय पिंड जो किसी कारण ग्रह का रूप नहीं ले पाए।
(ii) वह आकाशीय पिंड जिसकी लंबी चमकदार पूँछ होती है।
उत्तर- (i) वे आकाशीय पिंड जो किसी कारण ग्रह का रूप नहीं ले पाये इन्हें क्षुद्र ग्रह या ग्रहिकाएँ कहते हैं। ये मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के मध्य पाये जाने वाले छोटे-छोटे पिंड हैं। ये सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं।
(ii) वह आकाशीय पिंड जिसकी लंबी चमकदार पूँछ होती है धूमकेतु कहलाते हैं। ये एक निश्चित समयावधि के बाद बार- बार प्रकट होते हैं। पूँछ सदा सूर्य के विपरीत दिशा में होती है।
प्रश्न 6. उल्का एवं उल्का पिंड में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- उल्का एवं उल्का पिंड में अंतर-
क्र. | उल्का | उल्का पिंड |
1 | एक छोटा आकाशीयपिंड जो सूर्य की परिक्रमा करता रहता है। | उल्का के बिना जले पिंड जो पृथ्वी पर मिलते हैं। |
2 | इन्हें टूटता तारा भी कहते है . | अन्य कोई विशेष नाम नहीं। |
प्रश्न 7. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये-
(i) तारों की विशेष आकृति के समूह को………. कहा जाता है।
(ii) वह पिण्ड जो किसी ग्रह की परिक्रमा करता है……….. कहलाता है।
(iii) सबसे ठंडा ग्रह ……… है ।
(iv)………..तारा उत्तर दिशा में स्थिर प्रतीत होता है।
(v) ………तारामंडल की आकृति एक शिकारी की तरह दिखाई देती है।
उत्तर- (i) तारामंडल, (ii) उपग्रह, (iii) वरुण, (iv) ध्रुव, (v) कालपुरुष (मृग) ।
प्रश्न 8. सही विकल्प चुनिए-
1. सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है-
(2) शुक्र
(b) बुध
(c) बृहस्पति
(d) पृथ्वी।
2. क्षुद्र ग्रह पाए जाते हैं, निम्न दो ग्रहों की कक्षाओं के बीच-
(a) मंगल और बृहस्पति
(b) शनि और बृहस्पति
(c) शुक्र और बृहस्पति
(d) पृथ्वी और मंगल।
3. निम्न में से किस ग्रह के उपग्रह नहीं है-
(a) मंगल
(b) अरुण
(c) बुध
(d) वरुण।
4. इनमें से कौन सौर परिवार का सदस्य नहीं है-
(a) ग्रहिकाएँ
(b) ग्रह
(c) उपग्रह
(d) तारामंडल।
5. तारामंडल नहीं है-
(3) उस मेजर
(c) ओरायन
(b) उस माइनर
(d) हेली।
उत्तर- 1. (b), 2. (a), 3. (c), 4. (d), 5. (d) ।
प्रश्न 9. सूर्य हमें सबसे बड़ा और सबसे चमकदार तारा क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर- सूर्य हमें सबसे बड़ा और सबसे चमकदार तारा इसलिए दिखाई पड़ता है क्योंकि यह पृथ्वी के सबसे पास पाया जाने वाला तोरा है।
10. ध्रुव तारा हमें स्थिर प्रतीत क्यों होता है ?
उत्तर- पृथ्वी के घूर्णन अक्ष पर स्थित होने के कारण ध्रुव तारे की स्थिति पृथ्वी के किसी भी स्थान के सापेक्ष बदलती दिखाई नहीं देती अतः ध्रुव तारा हमें स्थिर दिखाई देता है।

प्रश्न 11. उस मेजर तथा ओरायन के विभिन्न तारों की स्थिति का चित्र बनाइए।
उत्तर- उस मेजर या वृहत सप्तर्षि तारामंडल में तारों की स्थिति हेतु

प्रश्न 12. शुक्र सूर्य का निकटतम ग्रह नहीं है, फिर भी यह सर्वाधिक चमकीला ग्रह क्यों है ?
उत्तर- शुक्र में घने बादल युक्त वायुमंडल है जो अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश का लगभग 3/4 भाग को परावर्तित कर देता है इसलिए यह सूर्य का निकटतम ग्रह नहीं है फिर भी सर्वाधिक चमकीला है।
प्रश्न 13. ध्रुव तारे को आप किस प्रकार पहचानेंगे ?
उत्तर- उस मेजर या बृहत् सप्तर्षि तारामंडल के शीर्ष दो तारों की सीधी रेखा में मिलने वाली रेखा पर स्थित तारा जो स्थिर प्रतीत होता है, ध्रुव तारा होगा।
प्रश्न 14. सूर्य से दूरी के क्रम में सौर परिवार के सभी ग्रहों के नाम लिखिये।
उत्तर-सूर्य से दूरी के क्रम में सौर परिवार के सभी ग्रहों के नाम निम्नलिखित हैं- (i) बुध, (ii) शुक्र, (iii) पृथ्वी, (iv) मंगल, (v) बृहस्पति, (vi) शनि, (vii) अरुण और (viii) वरुण ।
कक्षा 8 विज्ञान: आकाश दर्शन पर 20 MCQ प्रश्न
प्रश्न 1: तारे किस प्रकार के खगोलीय पिंड हैं?
(A) प्रकाश और ऊष्मा उत्सर्जित करने वाले
(B) केवल प्रकाश उत्सर्जित करने वाले
(C) केवल ऊष्मा उत्सर्जित करने वाले
(D) कोई नहीं
प्रश्न 2: प्रकाश वर्ष क्या है?
(A) समय का मात्रक
(B) दूरी का मात्रक
(C) गति का मात्रक
(D) ऊर्जा का मात्रक
प्रश्न 3: उत्तर दिशा में स्थिर प्रतीत होने वाला तारा कौन सा है?
(A) ध्रुव तारा
(B) सूर्य
(C) सप्तर्षि
(D) ओरायन
प्रश्न 4: तारों का ऐसा समूह जो विशेष आकृति बनाता है, उसे क्या कहते हैं?
(A) ग्रह
(B) तारामंडल
(C) उपग्रह
(D) धूमकेतु
प्रश्न 5: सूर्य का निकटतम ग्रह कौन सा है?
(A) पृथ्वी
(B) मंगल
(C) बुध
(D) शुक्र
प्रश्न 6: सौर परिवार में कौन शामिल नहीं है?
(A) ग्रहिकाएँ
(B) ग्रह
(C) उपग्रह
(D) तारामंडल
प्रश्न 7: सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है?
(A) पृथ्वी
(B) बृहस्पति
(C) शनि
(D) वरुण
प्रश्न 8: सबसे चमकीला ग्रह कौन सा है?
(A) मंगल
(B) शुक्र
(C) बुध
(D) शनि
प्रश्न 9: मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पाए जाने वाले पिंड क्या कहलाते हैं?
(A) ग्रहिकाएँ
(B) धूमकेतु
(C) उपग्रह
(D) उल्काएँ
प्रश्न 10: शुक्र ग्रह सबसे चमकीला क्यों है?
(A) यह सूर्य के सबसे पास है
(B) इसका वायुमंडल घना है
(C) इसकी सतह चमकदार है
(D) यह बड़ा ग्रह है
प्रश्न 11: धूमकेतु की पूँछ किस दिशा में होती है?
(A) सूर्य की ओर
(B) सूर्य के विपरीत
(C) उत्तर दिशा में
(D) दक्षिण दिशा में
प्रश्न 12: उल्का पिंड क्या है?
(A) टूटता तारा
(B) जली हुई उल्का
(C) बिना जला हुआ उल्का
(D) ग्रह का टुकड़ा
प्रश्न 13: सप्तर्षि तारामंडल की आकृति किसके समान है?
(A) करछुल
(B) शिकारी
(C) चम्मच
(D) घोड़ा
प्रश्न 14: वरुण ग्रह को क्या विशेषता है?
(A) यह सबसे बड़ा ग्रह है
(B) यह सबसे ठंडा ग्रह है
(C) इसमें वलय हैं
(D) यह सबसे चमकीला है
प्रश्न 15: सूर्य से दूरी के क्रम में दूसरा ग्रह कौन सा है?
(A) बुध
(B) शुक्र
(C) पृथ्वी
(D) मंगल
प्रश्न 16: कौन सा ग्रह वामन ग्रह कहलाता है?
(A) मंगल
(B) यम (प्लूटो)
(C) वरुण
(D) अरुण
प्रश्न 17: सौर परिवार का सबसे बड़ा सदस्य कौन है?
(A) शनि
(B) सूर्य
(C) बृहस्पति
(D) शुक्र
प्रश्न 18: तारामंडल का उदाहरण कौन सा है?
(A) ध्रुव तारा
(B) ओरायन
(C) शुक्र
(D) मंगल
प्रश्न 19: ध्रुव तारे को कैसे खोजा जा सकता है?
(A) ओरायन तारामंडल से
(B) सप्तर्षि तारामंडल के शीर्ष तारों से
(C) शुक्र ग्रह से
(D) धूमकेतु से
प्रश्न 20: सौर परिवार में ग्रहों की संख्या कितनी है?
(A) 7
(B) 8
(C) 9
(D) 10
उत्तर कुंजी:
- (A), 2. (B), 3. (A), 4. (B), 5. (C), 6. (D), 7. (B), 8. (B), 9. (A), 10. (B), 11. (B), 12. (C), 13. (A), 14. (B), 15. (B), 16. (B), 17. (B), 18. (B), 19. (B), 20. (B)
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