पहली बूँद (कविता) – कक्षा 6 हिंदी मल्हार

पाठ में आये कठिन शब्दों के अर्थ
  1. पावस – वर्षा ऋतु
  2. प्रथम दिवस – पहला दिन
  3. धरा – पृथ्वी, धरती
  4. अंकुर – बीज से निकला छोटा पौधा
  5. फूट पड़ा – बाहर निकल आया
  6. नव-जीवन – नया जीवन
  7. अँगड़ाई –शरीर को खींचकर फैलाने की क्रिया
  8. अधर – होंठ
  9. वसुंधरा – धरती, पृथ्वी
  10. रोमावलि – शरीर के रोमों की पंक्ति
  11. हरी दूब – हरी घास
  12. पुलकी-मुसकाई – प्रसन्न होकर खिल उठी 
  13. सागर – समुद्र
  14. स्वर्णिम – सुनहरा, सोने जैसा
  15. नगाड़े –  एक बजाने वाला यंत्र, डंका
  16. तरुणाई – युवा अवस्था 
  17. नीले नयनों-सा यह अंबर – आकाश नीली आँखों के समान दिख रहा है
  18. काली पुतली-से ये जलधर – काले बादल आँखों की काली पुतली के जैसे लग रहे हैं
  19. करुणा-विगलित अश्रु बहाकर – दया से पिघलकर वर्षा रूपी आँसू बहाकर
  20. धरती की चिर-प्यास बुझाई – धरती की लंबे समय की प्यास बुझा दी
  21. बूढ़ी धरती – सूखी और बंजर हो चुकी धरती
  22. शस्य-श्यामला – फसलों से हरी-भरी
  23. ललचाई – इच्छा हुई 

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-

1. कविता में ‘नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

  • बादल
  • अंकुर
  • बूँद
  • पावस

उत्तर

अंकुर (★)

2. ‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली से ये जलधर’ में ‘काली पुतली’ है-

  • बारिश की बूँदें
  • वृद्ध धरती
  • नगाड़ा
  • बादल

उत्तर

बारिश की बूँदें

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर क्यों चुने?

उत्तर

“अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अँगड़ाई” – यह पंक्ति स्पष्ट रूप से अंकुर के बारे में बात करती है।

“काली पुतली-से ये जलधर” – यहाँ जलधर का अर्थ बादल है, जो काली आँखों की पुतली के समान दिखते हैं।

मिलकर करें मिलान

कविता की कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन पंक्तियों में कुछ शब्द रेखांकित हैं। दाहिनी ओर रेखांकित शब्दों के भावार्थ दिए गए हैं। इनका मिलान कीजिए।

पहली बूँद (कविता) – कक्षा 6 हिंदी मल्हार - TEACHER'S KNOWLEDGE & STUDENT'S GROWTH
कविता की पंक्तियाँभावार्थ
1. आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर1. मेघ गर्जना
2. बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई2. बादल
3. नीले नयनों सा यह अम्बर, काली पुतली-से ये जलधर ।3. हरी दूब
4. वसुंधरा की रोमावलि -सी, हरी दूब पुलकी-मुसकाई।4. आकाश

उत्तर

कविता की पंक्तियाँभावार्थ
1. आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर2. बादल
2. बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई1. मेघ गर्जना
3. नीले नयनों सा यह अम्बर, काली पुतली-से ये जलधर ।4. आकाश
4. वसुंधरा की रोमावलि -सी, हरी दूब पुलकी-मुसकाई।3. हरी दूब

1 → 2
2 → 1
3→ 4
4 →3

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

“आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर,
जा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई । ”

उत्तर

बादलों का विशाल समूह आकाश में सागर की तरह फैला हुआ दिखता है। जैसे सागर में पानी होता है, वैसे ही बादलों में भी पानी भरा होता है।

बिजली की चमक को सुनहरे (स्वर्णिम ) पंखों के रूप में दर्शाया गया है। मानो बादल रूपी सागर में सुनहरे पंख वाली मछलियाँ तैर रही हों।

बादलों की गड़गड़ाहट को नगाड़े के बजने से तुलना दी गई है। यह ध्वनि प्रभाव को दर्शाता है, जो बारिश के आगमन की घोषणा करता है।

बादल धरती की युवावस्था को जगा रहे हैं। यह दर्शाता है कि बारिश धरती को नया जीवन और ताजगी देती है।

समग्र भावः

  • ये पंक्तियाँ बारिश के आगमन के दृश्य को बहुत जीवंत तरीके से चित्रित करती हैं।
  • आकाश में छाए बादल, चमकती बिजली, और गरजते मेघ – ये सब मिलकर एक रोमांचक माहौल बनाते हैं।
  • यह दृश्य न केवल आँखों को आनंद देता है, बल्कि प्रकृति के नवीनीकरण का संकेत भी देता है।

“नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर।
करुणा-विगलित अश्रु बहाकर, धरती की चिर-प्यास बुझाई।”

उत्तर

नीला आसमान नीली आँखों के समान है और काले बादल उन नीली-नीली आँखों की काली पुतली के समान है। मानो बादल धरती के दुःखों से दुखित होकर वर्षा रूपी आँसू बहा रहा हो। इस प्रकार धरती की प्यास बुझ जाती है।

समग्र भाव और विश्लेषणः

  • मानवीकरण: कवि ने प्राकृतिक तत्वों को मानवीय गुण दिए हैं। आकाश को आँख, बादलों को पुतली, और बारिश को आँसू के रूप में दर्शाया गया है।
  • भावनात्मक संबंध: इन उपमाओं के माध्यम से कवि प्रकृति और मानव के बीच एक भावनात्मक संबंध स्थापित करता है। प्रकृति का चक्र: ये पंक्तियाँ प्रकृति के चक्र को दर्शाती हैं – कैसे आकाश, बादल और बारिश मिलकर धरती की प्यास बुझाते हैं।
  • करुणा का भाव: बारिश को ‘करुणा-विगलित अश्रु’ कहकर कवि यह दर्शाता है कि प्रकृति धरती के प्रति दयालु है।
  • चित्रात्मक प्रस्तुति: कवि ने शब्दों के माध्यम से एक जीवंत दृश्य प्रस्तुत किया है, जिसमें पाठक आकाश, बादल और बारिश का चित्र अपने मन में साकार कर सकता है।

सोचविचार के लिए

कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए –

बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष कैसे प्रकट होता है?

उत्तर

धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद अमृत के समान गिरती है, मानो वर्षा होने से बेजान और सूखी पड़ी धरती को नवीन जीवन ही मिल गया हो। इस प्रकार बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष प्रकट होता है।

कविता में आकाश और बादलों को किनके समान बताया गया है?

उत्तरप्रस्तुत कविता के अनुसार, नीले आकाश को नीली आँखों के समान और काले बादल को उन नीली-नीली आँखों की काली पुतली के समान बताया गया है।

कविता की रचना

‘आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर कविता की इस पंक्ति का सामान्य अर्थ देखें तो समुद्र का आकाश में उड़ना असंभव होता है। लेकिन जब हम इस पंक्तिका भावार्थ समझते हैं तो अर्थ इस प्रकार निकलता है— समुद्र का जल बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आकाश में उड़ रहा है। ऐसे प्रयोग न केवल कविता की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि उसे आनंददायक भी बनाते हैं।

इस कविता में ऐसे दृश्यों को पहचानें और उन पर चर्चा करें।

उत्तर

‘अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अँगड़ाई”

धरती से अंकुर का निकलना और उसे नव-जीवन की अंगड़ाई लेते हुए दिखाया गया है। यह दृश्य प्रकृति में नए जीवन के जन्म और विकास को मानवीय क्रियाओं के माध्यम से दर्शाता है।

“हरी दूब पुलकी-मुसकाई”

हरी घास को मुस्कुराते हुए दिखाया गया है। यह दृश्य प्रकृति के जीवंत होने और खुशी व्यक्त करने का भाव प्रस्तुत करता है।

“नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर”

आकाश को नीली आँखों के रूप में और बादलों को काली पुतलियों के रूप में चित्रित किया गया है। यह दृश्य प्राकृतिक तत्वों को मानवीय अंगों से जोड़कर एक अनूठा और कल्पनाशील चित्र प्रस्तुत करता है।

“करुणा-विगलित ‘अश्रु बहाकर”

बारिश की बूँदों को करुणा से भरे आँसुओं के रूप में दर्शाया गया है। यह दृश्य बारिश को एक भावनात्मक रूप देता है, जो धरती के प्रति सहानुभूति दर्शाता है।

“बूढ़ी धरती शस्य-श्यामला बनने को फिर से ललचाई”

धरती को एक बूढ़ी महिला के रूप में दर्शाया गया है जो फिर से युवा और हरी-भरी होने के लिए लालायित है। यह दृश्य प्रकृति के पुनर्जन्म और नवीनीकरण की प्रक्रिया को मानवीय इच्छाओं के रूप में प्रस्तुत करता है।

शब्द एक अर्थ अनेक

‘अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ कविता की इस पंक्ति में ‘फूटने’ का अर्थ पौधे का अंकुरण है। ‘फूट’ का प्रयोग अलग-अलग अर्थों में किया जाता है, जैसे— फूट डालना, घड़ा फूटना आदि। अब फूट शब्द का प्रयोग ऐसे वाक्यों में कीजिए जहाँ इसके भिन्न-भिन्न अर्थ निकलते हों, जैसे— अंग्रेज़ों की नीति थी फूट डालो और राज करो।

उत्तर

  1. दोस्तों में फूट पड़ गई।
  2. उसका सिर फूट गया।
  3. धरती से जल की धारा फूट पड़ी।
  4. दीवार से टकराते ही उसकी एक आँख फूट गई।

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली से ये जलधर’ कविता की इस पंक्ति में ‘जलधर’ शब्द आया है। ‘जलधर’ दो शब्दों से बना है, जल और धर इस प्रकार जलधर का शाब्दिक अर्थ हुआ जल को धारण करने वाला। बादल और समुद्र; दोनों ही जल धारण करते हैं। इसलिए दोनों जलधर हैं। वाक्य के संदर्भ या प्रयोग से हम जान सकेंगे कि जलधर का अर्थ समुद्र है या बादल।

शब्दकोश या इंटरनेट की सहायता से ‘धर’ से मिलकर बने कुछ शब्द और उनके अर्थ ढूँढ़कर लिखिए।

उत्तर

शब्द – अर्थ
चक्रधर – चक्र को धारण करने वाला अर्थात विष्णु
हलधर – हल को धारण करने वाला अर्थात बलराम
गिरिधर – पर्वत को धारण करने वाला अर्थात कृष्ण
मुरलीधर – मुरली को धारण करने वाला अर्थात कृष्ण

शब्द पहेली

दिए गए शब्द –जाल में प्रश्नों के उत्तर खोजें-

पहली बूँद (कविता) – कक्षा 6 हिंदी मल्हार - TEACHER'S KNOWLEDGE & STUDENT'S GROWTH

उत्तर

पहली बूँद (कविता) – कक्षा 6 हिंदी मल्हार - TEACHER'S KNOWLEDGE & STUDENT'S GROWTH

क. एक प्रकार का वाद्य यंत्र ……
उत्तर
नगाड़ा

ख. आँख के लिए एक अन्य शब्द ……
उत्तर

नयन

ग. जल को धारण करने वाला ……
उत्तर

जलधर

घ. एक प्रकार की घास ……
उत्तर

दूब

ङ. आँसू का समानार्थी ……
उत्तर

अश्रु

च. आसमान का समानार्थी शब्द ……
उत्तर

अंबर

पाठ से आगे

आपकी बात

बारिश को लेकर हर व्यक्ति का अनुभव भिन्न होता है। बारिश आने पर आपको कैसा लगता है ? बताइए |

उत्तर

मुझे बारिश का मौसम बहुत पसंद है। जब पहली बूँदें गिरती हैं, तो मिट्टी की सुगंध मुझे बहुत भाती है। बारिश की रिमझिम ध्वनि मन को शांत करती है। हालाँकि, कभी-कभी तेज बारिश से सड़कों पर पानी भर जाता है, जो चलने-फिरने में परेशानी पैदा करता है। फिर भी, बारिश के बाद का ताजा माहौल और हरी-भरी प्रकृति देखकर मन प्रसन्न हो जाता है।

आपको कौन-सी ऋतु सबसे अधिक प्रिय है और क्यों? बताइए।

उत्तर

मुझे वसंत ऋतु सबसे अधिक प्रिय है। इसके कई कारण हैं:

  • मौसम बहुत सुहावना होता है, न ज्यादा गर्मी और न ही ज्यादा ठंड
  • चारों र रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं, जो प्रकृति को सुंदर बना देते हैं।
  • पेड़ों पर नई कोंपलें निकलती हैं, जो नए जीवन का संकेत देती हैं।
  • इस मौसम में कई त्योहार जैसे होली आते हैं, जो खुशियाँ लाते हैं।
  • पक्षियों का कलरव सुनाई देता है, जो मन को प्रसन्न कर देता है।

समाचार माध्यमों से

प्रत्येक मौसम समाचार के विभिन्न माध्यमों (इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट या सोशल मीडिया) के प्रमुख समाचारों में रहता है। संवाददाता कभी बाढ़ तो कभी सूखे या भीषण ठंड के समाचार देते दिखाई देते हैं। आप भी बन सकते हैं संवाददाता या लिख सकते हैं समाचार |

  • अत्यधिक गर्मी, सर्दी या बारिश में आपने जो स्थिति देखी है का आँखों देखा हाल अपनी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।
    उत्तर

    पिछले गर्मियों में, जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया था, मैंने देखा
    • सड़कें सूनी थीं, लोग घरों में ही रहना पसंद कर रहे थे।
    • कुछ लोग जो बाहर थे, वे छाते या टोपी का उपयोग कर रहे थे।
    • पशु-पक्षी छाया में आराम कर रहे थे, कुत्ते जीभ बाहर निकाले हाँफ रहे थे।
    • गर्म हवाएँ चल रही थीं, जो धूल भी उड़ा रही थीं।
    • लोग ठंडे पेय पदार्थों और आइसक्रीम की दुकानों पर भीड़ लगा रहे थे।
    • कई जगहों पर बिजली की कटौती के कारण लोग परेशान दिख रहे थे।

सृजन

नाम देना भी सृजन है। ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए और इसे एक नाम दीजिए ।

पहली बूँद (कविता) – कक्षा 6 हिंदी मल्हार - TEACHER'S KNOWLEDGE & STUDENT'S GROWTH

उत्तर

रेगिस्तानी लिली या मरुस्थल का जीवन

इन्हें भी जानें

इस कविता में नगाड़े की ध्वनि का उल्लेख है- “बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई ।” नगाड़ा भारत का एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है। कुछ वाद्ययंत्रों को उन पर चोट कर बजाया जाता है, जैसे— ढोलक, नगाड़ा, डमरू, डफली आदि । नगाड़ा प्रायः लोक उत्सवों के अवसर पर बजाया जाता है। होली जैसे लोकपर्व के अवसर पर गाए जाने वाले गीतों में इसका प्रयोग होता है। नगाड़ों को जोड़े में भी बजाया जाता है जिसमें एक की ध्वनि पतली तथा दूसरे की मोटी होती है।

उत्तर

परीक्षोपयोगी नहीं ।

खोजबीन

आपके यहाँ उत्सवों में कौन-से वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं? उनके बारे में जानकारी एकत्र करें और अपने समूह में उस पर चर्चा करें।

उत्तर

ढोलक, नगाड़ा, डमरू, डफली, तबला, हारमोनियम, गिटार आदि ।

आइए इंद्रधनुष बनाएँ

बारिश की बूँदें न केवल जीव-जंतुओं को राहत पहुँचाती हैं बल्कि धरती को हरा-भरा भी बनाती हैं। कभी-कभी ये बूँदें आकाश में बहुरंगी छटा बिखेरती हैं जिसे ‘इंद्रधनुष’ कहा जाता है। आप भी एक सुंदर इंद्रधनुष बनाइए और उस पर एक छोटी-सी कविता लिखिए। इसे कोई प्यारा सा नाम भी दीजिए।

पहली बूँद (कविता) – कक्षा 6 हिंदी मल्हार - TEACHER'S KNOWLEDGE & STUDENT'S GROWTH

उत्तर

“सात रंगों की सीढ़ी,

आसमान में दिखी।

लाल, नारंगी, पीला,

हरा, नीला, जामुनी, बैंगनी,

हर रंग अपनी कहानी कहे,

बारिश के बाद यह दृश्य महके ।

इंद्रधनुष ने मन मोह लिया,

प्रकृति ने अद्भुत चित्र बनाया।”

झरोखे से

एक बूँद

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही मन में लगी
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी।
– अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’