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पाठ में आये कठिन शब्दों के अर्थ
- पावस – वर्षा ऋतु
- प्रथम दिवस – पहला दिन
- धरा – पृथ्वी, धरती
- अंकुर – बीज से निकला छोटा पौधा
- फूट पड़ा – बाहर निकल आया
- नव-जीवन – नया जीवन
- अँगड़ाई –शरीर को खींचकर फैलाने की क्रिया
- अधर – होंठ
- वसुंधरा – धरती, पृथ्वी
- रोमावलि – शरीर के रोमों की पंक्ति
- हरी दूब – हरी घास
- पुलकी-मुसकाई – प्रसन्न होकर खिल उठी
- सागर – समुद्र
- स्वर्णिम – सुनहरा, सोने जैसा
- नगाड़े – एक बजाने वाला यंत्र, डंका
- तरुणाई – युवा अवस्था
- नीले नयनों-सा यह अंबर – आकाश नीली आँखों के समान दिख रहा है
- काली पुतली-से ये जलधर – काले बादल आँखों की काली पुतली के जैसे लग रहे हैं
- करुणा-विगलित अश्रु बहाकर – दया से पिघलकर वर्षा रूपी आँसू बहाकर
- धरती की चिर-प्यास बुझाई – धरती की लंबे समय की प्यास बुझा दी
- बूढ़ी धरती – सूखी और बंजर हो चुकी धरती
- शस्य-श्यामला – फसलों से हरी-भरी
- ललचाई – इच्छा हुई
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