समान्तर रेखाएं कक्षा 8 गणित अध्याय 3

समान्तर रेखाएं कक्षा 8 गणित

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रेखा पाँच प्रकार की होती हैं।

  • सरल रेखा
  • समांतर रेखा
  • तिर्यक रेखा
  • वक्र रेखा
  • सांगामी रेखा

1. सरल रेखा

वह रेखा जो एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक बिना बदले जाती है सरल रेखा कहलाती है।

दूसरे शब्दों में, जब किसी समतल पृष्ठ पर दो बिंदुओं के बीच में एक ही दिशा में कोई रेखा बनती है तो वह सरल रेखा कहलाती है।

Saral rekha

सरल रेखा के नियम

  • सरल रेखा की केवल लम्बाई होती है। चौड़ाई और मोटाई नहीं होती है।
Saral rekha
  • सरल रेखाएं असंख्य बिंदुओं से मिलकर बन सकती हैं।
Saral rekha
  • इस रेखा को प्रदर्शित करने के लिए कम से कम दो बिंदुओं की आवश्यकता होती है।
Saral rekha
  • दो सरल रेखाएं अधिक से अधिक एक बिंदु पर काट सकती हैं।
  • दो बिंदुओं से अधिक से अधिक एक सरल रेखा गुजर सकती है

2. समांतर रेखा

जब कोई रेखा किसी दूसरी रेखा के बिल्कुल समांतर शुरू से अंत तक चलती है तो उस रेखा को समांतर रेखा कहा जाता है।

3. तिर्यक रेखा

जब कोई समानांतर रेखा किसी अन्य रेखा को काटती है तो उसे तिर्यक रेखा कहा जाता है।

tiryak rekha

4. वक्र रेखा

किन्हीं दो बिंदुओं के बीच किसी भी दिशा में बढ़ने वाली रेखा को वक्र रेखा कहा जाता है।

5. सांगामी रेखा

जब दो या दो से अधिक रेखाओं का प्रारंभिक बिंदु एक ही होता है तो उसे संगामी रेखा कहते हैं।

sangami rekha
  • दो समान्तर रेखाओं के बीच की लम्बवत् दूरी सदैव समान रहती है।
  • एक रेखा के समान्तर खींची गई सभी रेखाएँ आपस में समान्तर होती हैं।
  • एक रेखा के विभिन्न बिन्दुओं से लम्बवत खींची गई सभी रेखाएँ परस्पर समान्तर होती हैं।
  • तीन समान्तर रेखाओं पर एक तिर्यक रेखा समान अन्तःखण्ड काटती है तो अन्य तिर्यक रेखा भी समान अन्तःखण्ड काटेगी।
  • तीन समान्तर रेखाओं पर दो तिर्यक रेखाओं के अन्तःखण्डों का अनुपात समान होता है।
  • त्रिभुज में एक भुजा के समान्तर खींची गई रेखा अन्य भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करती है।
  • त्रिभुज की दो भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा तीसरी भुजा के समान्तर होती है।
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