हमारी न्याय व्यवस्था
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- सर्वोच्च न्यायालय देश का बड़ा और अंतिम न्यायालय होता है। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का फैसला सेशंस बदल सकता है।
- किसी घटना की सूचना पुलिस को देना ही एफ. आई. आर. या फर्स्ट इफार्मेशन रिपोर्ट कहलाता है।
- जमीन जायदाद के झगड़े का निपटारा दीवानी मामले के अंतर्गत होता है।
- राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होता है।
- उच्च न्यायालय में मुजरिम और गवाहों को नहीं बुलाया जाता है। केवल केस फाईल के आधार पर बहस होती है। और फैसले होते है।
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(1) गिरफ्तारी कोई………..नहीं है।
(2) पुलिस नियंत्रण कक्ष का फोन नंबर………… है।
उत्तर- (1) सजा, (2) 1001
प्रश्न 2. नीचे दिए गए विवरण को पढ़कर खाली स्थान भरे-
तहसीलदार ने मामले की सुनवाई के लिए………. की तारीख दी। पहली …. में चैतू से जमीन के विवाद के बारे में विस्तार से जानकारी ली गई। दूसरी पेशी के लिए उसे तीन माह बाद की तारीख दी गई। तहसीलदार ने दूसरी बार जमीन के कब्जे के बारे में पूछा तो पटवारी ने कहा कि वर्तमान में चैतू को जमीन के कुछ हिस्से पर रामसिंह ने कब्जा किया हुआ है। तीसरी पेशी में रामसिंह को नोटिस दी गई कि वह अपनी तरफ से जमीन के कागजात व …………पेश करे। चौथी पेशी में दोनों पक्षों के …………ने गवाही दी। दोनों वकीलों ने तहसीलदार के सवालों के जवाब दिए। तहसीलदार ने दोनों पक्षों के बयान तथा वकीलों की बहस को सुना तथा प्रस्तुत कागजातों की जाँच की, जाँच में विवादित भूमि चैतू का होना तय पाया। अतः उसने अपने फैसले में लिखा कि रामसिंह चैतू की जमीन के ……….. को छोड़ दे तथा मुआवजे के रूप में चैतू को 5000 रु. तथा न्यायालय खर्च के रूप में 500 रु. दे ।
उत्तर- आगे, पेशी, गवाह, गवाहों, हिस्से।
प्रश्न 3. नीचे लिखे कथन सत्य है या असत्य लिखिए-
(1) किसी बात की शिकायत पुलिस थाने में करने के लिए एफ. आई. आर. दर्ज करवाई जाती है।
(2) वकील का काम अपराधी को फैसला सुनाना है।
(3) उच्च न्यायालय में छोटी कचहरी और सेशंस कोर्ट के फैसले बदले जा सकते हैं।
उत्तर- (1) सत्य, (2) असत्य, (3) सत्य ।
प्रश्न 4. अंतर बताएँ-
(1) वकील और जज, (2) मुजरिम और कैदी ।
उत्तर- (1) वकील और जज- वकील-वकील जुर्म की बात मजिस्ट्रेट (जज) के सामने रखता है, दलीलें देता है एवं अपराधी को सजा दिलवाता है।
जज ( मजिस्ट्रेट ) – जज दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनता है एवं विचार कर दोषी पाए जाने पर सजा सुनाता है। दोषी नहीं होने पर दोष मुक्त करता है।
(2) मुजरिम और कैदी- मुजरिम—किसी भी मनुष्य से अगर अपराध होता है तो वह मुजरिम कहलाता है। ऐसे अपराध जिनसे समाज की शांति भंग होती है, जैसे- चोरी, रिश्वत, डकैती, हत्या, मारपीट आदि अपराध की श्रेणी में आते हैं । कैदी-अपराधी व्यक्ति को जज के द्वारा सजा मिलने पर जब वह जेल में रहता है तो उसे कैदी कहते हैं।
प्रश्न 6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(अ) हमें न्यायालयों की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर- किसी भी प्रकार के विवाद से निपटने, अपराधिक जन्य मामलों एवं अनेक प्रकार से न्याय पाने के लिए हमें न्यायालयों की आवश्यकता होती है।
(ब) दीवानी मामलों और फौजदारी मामलों में क्या अंतर है ?
उत्तर- दीवानी मामले – जमीन जायदाद के झगड़े या मजदूर मालिक के बीच पैसों के लेनदेन में जो विवाद होता है ऐसे मामले दीवानी मामले हैं। फौजदारी मामले- ऐसे मामले जिनसे समाज की शांति भंग होती है जैसे-चोरी, रिश्वत, डकैती, हत्या, मारपीट आदि फौजदारी मामले हैं।
(स) न्यायालय में बार-बार पेशियाँ क्यों होती हैं ?
उत्तर- किसी भी अपराधिक मामले की जड़ तक पहुँचने के लिए तथा उचित फैसला लेने के लिए न्यायालय में बार-बार पेशियाँ होती हैं।