तंत्रिका कोशिका न्यूरॉन्स (Neurons)

तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन, तंत्रिका तंत्र की आधारभूत इकाई है। यह न केवल संरचनात्मक रूप से तंत्रिका तंत्र का निर्माण करती है, बल्कि इसके सभी क्रियात्मक कार्यों (जैसे संवेदनाओं का संचरण, सोच, समझना, और प्रतिक्रियाएँ देना) का संचालन करती है।


तंत्रिका तंत्र और तंत्रिका कोशिका का महत्व

  1. तंत्रिका तंत्र के कार्य:
    • शरीर के विभिन्न अंगों की क्रियाओं का नियमन।
    • ग्रंथियों और ऊतकों के बीच समन्वय।
    • बाह्य परिवर्तनों के प्रति शरीर की प्रतिक्रियाएँ।
  2. तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue):
    • तंत्रिका कोशिकाएँ (Neurons) और न्यूरोग्लिया (Neuroglia) से बना होता है।
    • ये ऊतक भ्रूण के एक्टोडर्म से विकसित होते हैं।

तंत्रिका कोशिका का संरचनात्मक वर्णन

न्यूरॉन मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित होता है:

1. कोशिका काय (Cell Body or Cyton):

  • कोशिका का मुख्य भाग, जिसमें गोल केंद्रक और कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) होता है।
  • कोशिकाद्रव्य में माइटोकॉन्ड्रिया, गॉल्जीकाय, लाइसोसोम, एन्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम, और निसिल्स कण (Nissl granules) पाए जाते हैं।
  • यह हिस्सा तंत्रिका कोशिका के चयापचय को नियंत्रित करता है।

2. डेन्ड्राइट्स (Dendrites):

  • कोशिका से निकलने वाले छोटे, शाखित प्रवर्ध।
  • ये उत्तेजनाओं को ग्रहण करते हैं और उन्हें कोशिका काय तक पहुंचाते हैं।
  • निसिल्स कण और न्यूरोफाइब्रिल्स इनमें पाए जाते हैं।

3. एक्सॉन (Axon):

  • कोशिका से निकलने वाला एकल, लंबा, बेलनाकार प्रवर्ध।
  • यह संवेदनाओं को कोशिका काय से अन्य न्यूरॉन्स, मांसपेशियों, या ग्रंथियों तक पहुँचाता है।
  • इसमें विशेष संरचनाएँ होती हैं:
    • टीलोडेंड्रिया (Telodendria): एक्सॉन के अंत में शाखाएँ।
    • टर्मिनल नॉब्स (Terminal Knobs): टीलोडेंड्रिया के सिरे पर छोटी-छोटी घुंडी जैसी संरचनाएँ, जो रासायनिक संकेत (Acetylcholine) का स्राव करती हैं।
    • माइलिन खोल (Myelin Sheath): वसा युक्त आवरण, जो स्वान कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है। यह आवरण सिग्नल संचरण की गति बढ़ाता है।
    • रैनवियर संधि (Nodes of Ranvier): माइलिन खोल में नियमित अंतराल पर पाए जाने वाले गैप, जो आवेग संचरण में सहायक होते हैं।

तंत्रिका तंतुओं के प्रकार

  1. मेड्यूलेटेड तंतु (Myelinated Fibres):
    • माइलिन खोल से आवृत।
    • तेज गति से आवेग संचरण।
  2. नॉन-मेड्यूलेटेड तंतु (Non-myelinated Fibres):
    • माइलिन खोल नहीं होता।
    • धीमी गति से आवेग संचरण।

तंत्रिका आवेग संचरण (Nerve Impulse Transmission)

  • तंत्रिका कोशिका में संवेदनाओं का संचरण एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक होता है।
  • युग्मानुबंध (Synapse):
    • यह वह स्थान है, जहाँ एक न्यूरॉन का एक्सॉन दूसरी कोशिका के डेन्ड्राइट से जुड़ता है।
    • यहाँ पर एक रसायन, एसीटाइलकोलाइन (Acetylcholine) स्रावित होता है, जो संकेत को आगे बढ़ाता है।
  • तंत्रिका तंतु के माध्यम से:
    • संवेदी तंतु (Sensory Fibres): संवेदनाओं को ग्राही अंगों से मस्तिष्क तक ले जाते हैं।
    • प्रेरक तंतु (Motor Fibres): मस्तिष्क या मेरुरज्जु से क्रियात्मक अंगों तक संकेत ले जाते हैं।

निष्कर्ष

तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है। इसकी जटिल संरचना और विशेष कार्यप्रणाली शरीर की सभी संवेदनाओं और प्रतिक्रियाओं का आधार है। न्यूरॉन्स के बीच सूचनाओं का तीव्र और सटीक संचरण जीव को बाहरी परिवर्तनों के प्रति अनुकूल बनाता है, जिससे वह अपने पर्यावरण के साथ समन्वय स्थापित कर पाता है।