पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप कक्षा 6 भूगोल

पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप कक्षा 6 भूगोल - Notes of important topics

पृथ्वी की सतह पर बाह्य प्रक्रियाओं के कारण निरंतर निर्माण और टूटने की प्रक्रिया होती है। इनमें अपरदन और निक्षेपण प्रमुख हैं।


1. बाह्य प्रक्रियाएँ:

  • अपरदन (Erosion):
    • यह वह प्रक्रिया है जिसमें बहते जल, वायु और बर्फ के कारण पृथ्वी की सतह टूटकर घिस जाती है।
    • इससे सतह नीची हो जाती है।
  • निक्षेपण (Deposition):
    • अपरदन के बाद टूटे हुए कण जब किसी स्थान पर जमा होते हैं, तो इसे निक्षेपण कहते हैं।
    • यह प्रक्रिया नए स्थलरूपों का निर्माण करती है।

2. स्थलरूपों का वर्गीकरण:

स्थलरूपों को उनकी ऊँचाई और ढाल के आधार पर तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

(i) पर्वत (Mountains):

  • परिभाषा:
    • पृथ्वी की सतह की प्राकृतिक ऊँचाई, जिसका शिखर छोटा और आधार चौड़ा होता है।
    • यह आस-पास के क्षेत्रों से बहुत ऊँचा होता है।
  • विशेषताएँ:
    • कुछ पर्वत इतने ऊँचे होते हैं कि वे बादलों से भी ऊपर होते हैं।
    • ऊँचाई बढ़ने पर जलवायु ठंडी होती जाती है।
    • कई पर्वतों पर हिमानी (Glaciers) पाई जाती हैं, जो जमी हुई बर्फ की नदियाँ होती हैं।
    • कुछ पर्वत समुद्र के भीतर होते हैं और दिखाई नहीं देते।
  • पर्वतीय क्षेत्रों की समस्याएँ:
    • कठोर जलवायु।
    • खड़ी ढाल वाली भूमि।
    • कृषि योग्य भूमि की कमी।
    • कम जनसंख्या।

(ii) पठार (Plateaus):

  • परिभाषा:
    • पठार एक समतल ऊँचाई वाली भूमि है, जिसका शिखर चौड़ा और सपाट होता है।
    • यह भी आस-पास के क्षेत्र से ऊँचा होता है।
  • विशेषताएँ:
    • खनिज संसाधनों में समृद्ध।
    • जलवायु और ऊँचाई के आधार पर कृषि और पशुपालन के लिए उपयुक्त।

(iii) मैदान (Plains):

  • परिभाषा:
    • मैदान समतल और निचली भूमि होती है।
    • यह कृषि और आवास के लिए सबसे उपयुक्त है।
  • विशेषताएँ:
    • उपजाऊ मिट्टी।
    • नदियों के किनारे स्थित।
    • घनी जनसंख्या।

3. स्थलरूपों के निर्माण में योगदान करने वाले कारक:

  • बहता जल: नदियाँ और धाराएँ अपरदन और निक्षेपण करती हैं।
  • वायु: रेतीले क्षेत्रों में भूमि का अपरदन और रेत का जमाव।
  • बर्फ: हिमानी अपरदन और निक्षेपण से घाटियाँ और अन्य स्थलरूप बनते हैं।
पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप कक्षा 6 भूगोल - Notes of important topics

निष्कर्ष:
अपरदन और निक्षेपण की प्रक्रियाएँ मिलकर पृथ्वी की सतह को निरंतर बदलती रहती हैं। इन प्रक्रियाओं से पर्वत, पठार और मैदान जैसे स्थलरूप बनते हैं, जो पृथ्वी की भौगोलिक विविधता को दर्शाते हैं।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए:

(i) प्रमुख स्थलरूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर: प्रमुख स्थलरूप हैं – पर्वत, पठार और मैदान।

(ii) पर्वत एवं पठार में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर:

  • पर्वत ऊँचाई वाले स्थलरूप होते हैं, जिनका शिखर संकीर्ण होता है।
  • पठार समतल ऊँचाई वाले स्थलरूप होते हैं, जिनका शिखर चौड़ा और सपाट होता है।

(iii) पर्वतों के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर: पर्वत तीन प्रकार के होते हैं:

  1. वलित पर्वत (Fold Mountains)
  2. अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountains)
  3. ज्वालामुखी पर्वत (Volcanic Mountains)

(iv) मनुष्यों के लिए पर्वत किस प्रकार उपयोगी हैं?
उत्तर:

  • पर्वत जलवायु को नियंत्रित करते हैं।
  • यह जल स्रोतों का प्रमुख स्थान है।
  • औषधीय पौधों और खनिजों का भंडार है।

(v) मैदानों का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर: मैदानों का निर्माण नदियों द्वारा लाए गए अवसादों के जमाव से होता है।

(vi) नदियों द्वारा निर्मित मैदान जनसंख्या वाले होते हैं, क्यों?
उत्तर: नदियों द्वारा निर्मित मैदान उपजाऊ मिट्टी, जल आपूर्ति और परिवहन की सुविधा के कारण घनी जनसंख्या वाले होते हैं।

(vii) पर्वतों में जनसंख्या कम होती है, क्यों?
उत्तर: पर्वतों में कठोर जलवायु, खड़ी ढाल और कृषि योग्य भूमि की कमी के कारण जनसंख्या कम होती है।


2. सही उत्तर चुनिए (✔):

(i) पर्वत पहाड़ों से भिन्न होते हैं –
उत्तर: घ. अभिमुखता

(ii) हिमानी कहाँ पाई जाती हैं?
उत्तर: ग. पहाड़ों में

(iii) टक्कर पठार कहाँ स्थित है?
उत्तर: ख. ऑस्ट्रेलिया

(iv) यांग्सी नदी कहाँ बहती है?
उत्तर: ग. चीन

(v) यूरोप की एक महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखला कौन-सी है?
उत्तर: ख. आल्प्स


3. खाली स्थान भरो:

(i) समतल भूमि वाले विस्तृत क्षेत्र को __________ कहते हैं।
उत्तर: मैदान।

(ii) हिमालय एवं आल्प्स __________ पर्वतों के उदाहरण हैं।
उत्तर: वलित।

(iii) __________ क्षेत्रों में खनिजों की प्रचुरता होती है।
उत्तर: पठारी।

(iv) __________ पर्वतों का एक प्रकार है।
उत्तर: ज्वालामुखी।

(v) __________ जैसी कृषि के लिए सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र होते हैं।
उत्तर: मैदान।