मैं अमर शहीदों का चारण -श्रीकृष्ण ‘सरल’ (कविता) कक्षा 5 हिन्दी

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मैं अमर शहीदों का चारण -श्रीकृष्ण ‘सरल’ (कविता) कक्षा 5 हिन्दी

मैं अमर शहीदों का चारण
उनके गुण गाया करता हूँ
जो कर्ज राष्ट्र ने खाया है,
मैं उसे चुकाया करता हूँ।

  • चारण शाही दरबारों से जुड़े कवि थे जो स्तुति गाकर शाही कीर्ति फैलाते थे।
  • अमर =न मरनेवाला
  • शहीद= धर्म हेतु मारा गया
  • कर्ज =ऋण, उधार
  • राष्ट्र= जो एक ही देश में रहता है और एकता से बंधा होता है

यह सच है, याद शहीदों की
हम लोगों ने दफनाई है
यह सच है, उनकी लाशों पर
चलकर आज़ादी आई है,
उन गाथाओं से सर्द खून को मैं गरमाया करता हूँ।
मैं अमर शहीदों का चारण उनके यश गाया करता हूँ।

  • आज़ादी= देश को समाज को तथा ,स्वयं के वर्तमान और भविष्य को नुकसान पहुंचाए बिना अपने मन की कर लेना स्वतंत्रता है।
  • सर्द खून= दया या संवेदना की कमी होना या उसका प्रदर्शन करना.
  • यश =प्रशंसा, महिमा

भावार्थ–
कवि कहते है कि मैं उन लोगों के यश का गायन करनेवालों का चारण हूँ जिन्होंने देश के लिए प्राणों को बलिदान कर दिया मैं उनका यश गान करता हूँ. भारत उनके बलिदान पर स्वतंत्र हुआ है इसलिए उसी ऋण को उनके यश गान करके चुकाता हूँ। यह सच है कि आज हमने उनको भूला दिया है जिनके बलिदान के कारण हमको आजादी प्राप्त हुई है। मैं उनके यश गायन के माध्यम से आज के लोगों में ठंडी पड़ गयी देशभक्ति और उत्साह को फिर से जगाता हूँ।

गिरता है उनका रक्त जहाँ,
वे ठौर तीर्थ कहलाते हैं,
वे रक्त—बीज, अपने जैसों की
नई फसल दे जाते हैं।
यह धर्म—कर्म यह मर्म सभी को मैं समझाया करता हूँ।
मैं अमर शहीदों का चारण उनके यश गाया करता हूँ।

  • तीर्थ (पुल्लिंग )= पुण्यस्थान 
  • पौराणिक कथाओं के अनुसार, रक्तबीज एक राक्षस था जो अपने खून से अपनी संख्या बढ़ा सकता था. 
  • मर्म =भेद, रहस्य
  • धर्म और कर्म का मतलब है, ब्रह्मांड की व्यवस्था को बनाए रखना और किसी काम या विचार का परिणाम

भावार्थ –वे वीर जहाँ भी बलिदान हुए वह स्थान तीर्थ स्थल बन गया है। वे वीर रक्त बीज के समान है जिनके उत्साह ,वीरता और बलिदान से प्रेरित हो कर उन जैसे अनेक वीर पैदा हो जाते है। मैं उन वीरों का यशगान के माध्यम से सबको इस रहस्य को समझता हूँ कि देशभक्ति ही उनका धर्म और कर्म था।

वे अगर न होते तो भारत
मुर्दों का देश कहा जाता,
जीवन ऐसा बोझा होता
जो हमसे नहीं सहा जाता,
इस पीढ़ी में, उस पीढ़ी के मैं भाव जगाया करता हूँ।
मैं अमर शहीदों का चारण उनके यश गाया करता हूँ।

  •  मुर्दों का देश= एक सुनसान जगह है, यहां लोगों का आना-जाना नहीं होता।
  • पीढ़ी = कुल, वंश परंपरा में क्रम–क्रम से बढ़नेवाली संतान की प्रत्येक कड़ी

भावार्थ–
अगर वे वीर नहीं होते तो आज भारतवासी मुर्दे के समान होते जो अपने अधिकारों के लिए आवाज़ नही उठा पाते और अत्याचार को सहते रहने के कारण जीवन बोझ बनकर असहनीय हो जाता।इसलिए मैं वीर बलिदानियों की वीरता साहस का वर्णन कर उस पीढ़ी की वीरता, साहस औऱ पराक्रम के भाव को इस पीढ़ी में भी जगाता हूँ।

पूजे न शहीद गए तो फिर
यह बीज कहाँ से आएगा?
धरती को माँ कह कर,
मिट्टी माथे से कौन लगाएगा?
मैं चौराहे—चौराहे पर ये प्रश्न उठाया करता हूँ।
जो कर्ज ने खाया है, मैं चुकाया करता हूँ।

चौराहा (पुल्लिंग )= चारों ओर से आकर मिलनेवाले रास्तों का केंद्र बिंदु

भावार्थ–
अगर आज हम उन वीरों की भूल गए तो उनसे प्रेरणा ले कर नए देशभक्त कहाँ से पैदा होंगे, जो देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने की तैयार रहेंगे। इसी प्रश्न को मैं प्रत्येक चौराहों पर उठाया करता हूँ। चूंकि भारत उनके बलिदान की कीमत पर स्वतंत्र हुआ इसलिए भारत उनका ऋणी है और उनके यष गान कर के मैं उस ऋण को चुकता हूँ।

प्रश्न और अभ्यास

प्रश्न 1. यदि देशभक्तों ने अपनी कुर्बानी न दी होती तो देश पर क्या प्रभाव पड़ता ?

उत्तर- यदि देशभक्तों ने अपनी कुर्बानी न दी होती तो हमारा देश मुर्दों का देश कहलाता। ऐसे जीवन का बोझ हमसे सहा नहीं जाता।

प्रश्न 2. कवि किसका यशगान कर रहे है ?

उत्तर- कवि अमर शहीदों के बलिदान का यशगान कर रहे हैं।

प्रश्न 3. राष्ट्र के कर्ज को कवि किस प्रकार चुकाना चाहते है ?

उत्तर – देश की आजादी के लिए मर मिटने वाले शहीदों के कीर्ति का गायक बनकर, उनके गौरव का गान करके राष्ट्र के कर्ज को चुकाना चाहते हैं।

प्रश्न 4. कवि के अनुसार यदि शहीदों को न पूजा गया तो उसका परिणाम क्या होगा ?

उत्तर- कवि के अनुसार यदि शहीदों को न पूजा गया तो देशहित में बलिदान देने वाली पीढ़ी कैसे पैदा होगी। धरती को माँ कहकर उसकी मिट्टी माथे से कौन देशभक्त लगायेगा।

प्रश्न 5. कवि के अनुसार जहाँ शहीदों का रक्त गिरता है, उस स्थान को क्या कहते हैं?

उत्तर—कवि के अनुसार जहाँ शहीदों का रक्त गिरता है उस स्थान को तीर्थस्थल कहते हैं।

प्रश्न 6. कविता की उन पंक्तियों को लिखो जिनमें ये भाव आए हैं-

(क) शहीदों के न पूजने का परिणाम बताया गया है।

उत्तर -पूजे न गये शहीद तो फिर, वह बीज कहाँ से आयेगा।

(ख) शहीदों के बलिदान स्थल को तीर्थ कहा गया है।

उत्तर- गिरता है उनका रक्त जहाँ, वे ठौर तीर्थ कहलाते हैं ।

(ग) जीवन को बोझ माना गया है।

उत्तर- जीवन ऐसा बोझ होता, जो हमसे नहीं सहा जाता।

प्रश्न 8. “उन गाथाओं के सर्द खून को मैं गरमाया करता हूँ” – यह पंक्ति लिखकर कवि पाठकों में कौन- सा भाव जाग्रत करना चाहते है ?

उत्तर- इस पंक्ति में कवि पाठकों में “देशभक्ति” का भाव जाग्रत करना चाहते है।

प्रश्न 9. “इस पीढ़ी में उस पीढ़ी के मैं भाव जगाया करता हूँ” ऐसे कौन-से भाव हैं जो कवि आज की पीढ़ी में जगाना चाहते है ?

उत्तर – देश प्रेम का, मातृभूमि पर समर्पण का, गर्व का, उत्साह का भाव जगाना चाहते है।

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