जीव जगत का वर्गीकरण
वर्गीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें कुछ सरलता से दृश्य गुणों के आधार पर सुविधाजनक वर्ग में वर्गीकृत किया जा सके। गुणों के आधार पर सभी जीवों को विभिन्न टैक्सा में वर्गीकृत कर सकते हैं। गुण जैसे प्रकार, रचना, कोशिका की रचना, विकासीय प्रक्रम तथा जीव की पारिस्थितिक सूचनाएं आवश्यक हैं और ये आधुनिक वर्गीकरण अध्ययन के आधार हैं।
वर्गीकरण पद्धति (सिस्टेमेटिक्स)
मानव विभिन्न प्रकार के जीवों के विषय में जानने और उनकी विविधता सहित उनके संबंध में रुचि लेता रहा है। अध्ययन की इस शाखा को वर्गीकरण पद्धति (सिस्टेमेटिक्स) कहते हैं। ‘सिटेमेटिक्स’ शब्द लैटिन शब्द ‘सिस्टेमा’ से आया है जिसका अर्थ है जीवों की नियमित व्यवस्था। लीनियस ने अपने पब्लिकेशन का टाइटल ‘सिस्टेमा नेचर’ चुना।

वर्गिकी संवर्ग
वर्गीकरण एकल सोपान प्रक्रम नहीं है; बल्कि इसमें पदानुक्रम सोपान होते हैं जिसमें प्रत्येक सोपान पद अथवा वर्ग को प्रदर्शित करता है। चूँकि संवर्ग समस्त वर्गिकी व्यवस्था है इसलिए इसे वर्गिकी संवर्ग कहते हैं और तभी सारे संवर्ग मिलकर वर्गिकी पदानुक्रम बनाते हैं। प्रत्येक संवर्ग वर्गीकरण की एक इकाई को प्रदर्शित करता है। वास्तव में, यह एक पद को दिखाता है और इसे प्रायः वर्गक (टैक्सॉन) कहते हैं।
स्पीशीज (जाति)
वर्गिकी अध्ययन में जीवों के वर्ग, जिसमें मौलिक समानता होती है, उसे स्पीशीज कहते हैं। मैंजीफेरा इंडिका (आम) सोलेनम टयूवीरोसम (आलू) तथा पेंथरा लिओ (शेर) के उदाहरण लेते हैं। इन सभी तीनों नामों में इंडिका, टयूबीरोसम तथा लिओ जाति संकेत पद हैं। जबकि पहले शब्द मैंजीफेरा, सोलेनम, तथा पेंथरा वंश के नाम हैं और यह टैक्सा अथवा संवर्ग का भी निरूपण करते हैं।
वंश (जीनस)
वंश समीपस्थ संबंधित स्पीशीज का एक समूह है। उदाहरणार्थ आलू, टमाटर तथा बैंगन; ये दोनों अलग-अलग
स्पीशीज हैं, लेकिन ये सभी सोलेनम वंश में आती हैं। शेर (पेंथरा लिओ), चीता (पेंथर पारडस) तथा (पेंथर टिगरिस) जिनमें बहुत से गुण हैं, वे सभी पेंथरा वंश में आते हैं।
कुल
अगला संवर्ग कुल है जिसमें संबंधित वंश आते हैं। वंश स्पीशीज की तुलना में कम समानता प्रदर्शित करते हैं। कुल के वर्गीकरण का आधार पौधों के कायिक तथा जनन गुण हैं। उदाहरणार्थ; पौधों में तीन विभिन्न वंश सोलेनम, पिटूनिआ तथा धतूरा को सोलेनेसी कुल में रखते हैं। जबकि प्राणी वंश पेंथरा जिसमें शेर, बाघ, चीता आते हैं को फेलिस (बिल्ली) के साथ फेलिडी कुल में रखे जाते हैं।
गण (आर्डर)
प्रायः गण तथा अन्य उच्चतर वर्गिकी संवर्ग की पहचान लक्षणों के समूहन के आधार पर करते हैं। गण में उच्चतर वर्ग होने के कारण कुलों के समूह होते हैं। जिनके कुछ लक्षण एक समान होते हैं। पादप कुल जैसे कोनवोलव्युलेसी, सोलेनेसी को पॉलिसोनिएलस गण में रखा गया है। इसका मुख्य आधार पुष्पी लक्षण है। जबकि प्राणी कारनीवोरा गण में फेलिडी तथा कैनीडी कुलों को रखा गया है।
वर्ग (क्लास)
इस संवर्ग में संबंधित गण आते हैं। उदाहरणार्थ प्राइमेटा गण जिसमें बंदर, गोरिला तथा गिब्बॉन आते हैं, और कारनीवोरा गण जिसमें बाघ, बिल्ली तथा कुत्ता आते हैं, को मैमेलिया वर्ग में रखा गया है।
संघ (फाइलम)
वर्ग जिसमें जंतु जैसे मछली, उभयचर, सरीसृप, पक्षी तथा स्तनधारी आते हैं, अगले उच्चतर संवर्ग, जिसे संघ कहते हैं, का निर्माण करते हैं। इन सभी को एक समान गुणों जैसे पृष्ठरज्जु (नोटोकॉर्ड) तथा पृष्ठीय खोखला तंत्रिका तंत्र के होने के आधार पर कॉर्डेटा संघ में रखा गया है। पौधों में इन वर्गो, जिसमें कुछ ही एक समान लक्षण होते हैं, को उच्चतर संवर्ग भाग (डिविजन) में रखा गया है।
जगत (किंगडम)
जंतु के वर्गिकी तंत्र में विभिन्न संघों के सभी प्राणियों को उच्चतम संवर्ग जगत में रखा गया है। जबकि पादप जगत में विभिन्न भाग (डिविजन) के सभी पौधों को रखा गया है। विभिन्न संघों के सभी प्राणियों को एक अलग जगत एनिमेलिया में रखा गया है जिससे कि उन्हें पौधों से अलग किया जा सके। पौधों को प्लांटी जगत में रखा गया है।

MCQ
1. जीवित जीवों में वृद्धि को किससे परिभाषित किया जा सकता है?
A. द्रव्यमान और संख्या में वृद्धि
B. केवल ऊंचाई में वृद्धि
C. सतह पर सामग्री के संचय से वृद्धि
D. कोशिका विभाजन के नष्ट होने से वृद्धि
Answer: A. द्रव्यमान और संख्या में वृद्धि
2. पौधों में वृद्धि कब तक होती है?
A. केवल बचपन तक
B. जीवनभर
C. प्रजनन के दौरान
D. कोशिका विभाजन रुकने तक
Answer: B. जीवनभर
3. जानवरों में वृद्धि किस आयु तक होती है?
A. पूरे जीवन काल
B. निश्चित आयु तक
C. केवल बचपन तक
D. कोशिका विभाजन समाप्त होने तक
Answer: B. निश्चित आयु तक
4. निर्जीव वस्तुओं में वृद्धि कैसे होती है?
A. अंदर से सामग्री के संचय से
B. सतह पर सामग्री के संचय से
C. कोशिका विभाजन से
D. बाहरी चयापचय से
Answer: B. सतह पर सामग्री के संचय से
5. जीवित और निर्जीव वस्तुओं की वृद्धि में मुख्य अंतर क्या है?
A. बाहरी चयापचय
B. आंतरिक और बाहरी वृद्धि का तरीका
C. संख्या में वृद्धि
D. रंग परिवर्तन
Answer: B. आंतरिक और बाहरी वृद्धि का तरीका
6. चयापचय (Metabolism) किसके द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
A. केवल पौधों द्वारा
B. केवल जानवरों द्वारा
C. सभी जीवित जीवों द्वारा
D. निर्जीव वस्तुओं द्वारा
Answer: C. सभी जीवित जीवों द्वारा
7. द्विपद नामकरण प्रणाली किसने विकसित की?
A. अरस्तू
B. कैरोलस लिनियस
C. डार्विन
D. मेंडेल
Answer: B. कैरोलस लिनियस
8. द्विपद नामकरण प्रणाली में नाम के कितने घटक होते हैं?
A. एक
B. दो
C. तीन
D. चार
Answer: B. दो
9. ज्ञात प्रजातियों की अनुमानित संख्या क्या है?
A. 1-1.2 मिलियन
B. 1.7-1.8 मिलियन
C. 2-2.5 मिलियन
D. 2.7-3 मिलियन
Answer: B. 1.7-1.8 मिलियन
10. वर्गीकरण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A. जीवों को अद्वितीय नाम देना
B. जीवों को आसान श्रेणियों में वर्गीकृत करना
C. केवल पौधों का अध्ययन करना
D. केवल जानवरों का अध्ययन करना
Answer: B. जीवों को आसान श्रेणियों में वर्गीकृत करना
11. चयापचय क्या है?
A. बाहरी गतिविधियों का योग
B. कोशिकाओं के बाहर की प्रतिक्रिया
C. शरीर में सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं का योग
D. केवल श्वसन प्रक्रिया
Answer: C. शरीर में सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं का योग
12. कवक किस प्रकार से आसानी से फैलते हैं?
A. यौन प्रजनन
B. अलैंगिक बीजाणु
C. कोशिका विभाजन
D. उदीयमान कोशिकाएं
Answer: B. अलैंगिक बीजाणु
13. खमीर और हाइड्रा में प्रजनन का तरीका क्या है?
A. बीजाणु द्वारा
B. उदीयमान प्रक्रिया
C. यौन प्रजनन
D. सतही संचय
Answer: B. उदीयमान प्रक्रिया
14. वैज्ञानिक नामकरण के लिए कौन सा कोड विकसित किया गया है?
A. ICZN (International Code of Zoological Nomenclature)
B. ICBN (International Code of Botanical Nomenclature)
C. DNA Code
D. RNA Code
Answer: A. ICZN
15. वर्गीकरण में जीवों को कैसे बांटा जाता है?
A. आकार के आधार पर
B. प्रजातियों के नाम के आधार पर
C. आसानी से पहचानने योग्य लक्षणों के आधार पर
D. भोजन के प्रकार के आधार पर
Answer: C. आसानी से पहचानने योग्य लक्षणों के आधार पर