गोविन्दस्वामी वल्लभ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के आठ कवियों (अष्टछाप कवि) में एक थे।
गोविन्द स्वामीजी का साहित्यिक जीवन परिचय
इनका जन्म राजस्थान के भरतपुर राज्य के अन्तर्गत आँतरी गाँव में 1505 ई० में हुआ था। ये सनाढ्य ब्राह्मण थे, ये विरक्त हो गये थे और महावन में आकर रहने लगे थे।
गोविन्द स्वामी जी की रचनाएँ
उनकी एक कृति ‘गोविन्दकृति’ थी जो ‘आर्यभटीय’ के क्रम में रचित गणितीय ग्रन्थ था। किन्तु अब यह अप्राप्य है। शंकरनारायण (८६९ ई), उदयदिवाकर (१०७३ ई) तथा नीलकण्ठ सोमयाजि ने गोविन्दस्वामी को अनेक बार उद्धृत किया है।
गोविन्द स्वामी जी का वर्ण्य विषय
इन्होंने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का अपने पदों में वर्णन किया
गोविन्द स्वामीजी का लेखन कला
अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया।
गोविन्द स्वामी जी साहित्य में स्थान
गोविन्दस्वामी वल्लभ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के आठ कवियों (अष्टछाप कवि) में एक थे।