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कुलपति मिश्र का साहित्यिक परिचय

कुलपति मिश्र – जीवन एवं साहित्य परिचय

परिचय

  • पूरा नाम: कुलपति मिश्र
  • उपाधि: ‘माथुर चौबे’ के रूप में प्रसिद्ध
  • जन्मस्थान: आगरा (ब्रजमंडल क्षेत्र)
  • पारिवारिक संबंध: महाकवि बिहारी के भानजे
  • पिता का नाम: परशुराम मिश्र
  • राजदरबार: महाराज जयसिंह के पुत्र महाराज रामसिंह (जयपुर दरबार) में निवास एवं सेवा

काव्य काल

  • मुख्य कृति:रस रहस्य
    • रचना काल: कार्तिक कृष्ण 11, संवत् 1727
    • यह ‘मम्मट’ के काव्यप्रकाश का छायानुवाद है।
  • अन्य ग्रंथ:
    1. द्रोणपर्व (संवत् 1737)
    2. युक्तितरंगिणी (संवत् 1743)
    3. नखशिख
    4. संग्रहसार
    5. गुण रसरहस्य (संवत् 1724)

काव्य सौष्ठव

  • रीतिकाल के प्रमुख कवि और संस्कृत के विद्वान
  • साहित्य शास्त्र का गहन ज्ञान
  • प्रचलित लक्षण ग्रंथों से अधिक प्रौढ़ और गंभीर निरूपण का प्रयास
  • काव्य में रस, अलंकार और साहित्यिक सौंदर्य का उत्तम मेल

भाषा शैली

  • ब्रजभाषा पर उत्कृष्ट अधिकार
  • जहाँ स्वतंत्रता मिली, वहाँ रचना अत्यंत सरस और प्रभावपूर्ण
  • उदाहरण पंक्तियाँ: ऐसिय कुंज बनी छबिपुंज रहै अलि गुंजत यों सुख लीजै। नैन बिसाल हिए बनमाला बिलोकत रूप सुधा भरि पीजै। जामिनि जाम की कौन कहै जुग जात न जानिए ज्यों छिन छीजै। आनंद यों उमग्योई रहै, पिय मोहन को मुख देखिबो कीजै॥

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