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कितना भोजन कैसा भोजन कक्षा 8 वीं विज्ञान अध्याय 15

कितना भोजन कैसा भोजन कक्षा 8 वीं विज्ञान अध्याय 15 महत्वपूर्ण बिन्दु

जिस भोजन में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन तथा खनिज लवण उचित मात्रा में होते हैं, उसे संतुलित भोजन कहते हैं।

सन्तुलित भोजन
संतुलित भोजन

कार्बोहाइड्रेट, वसा से हमें ऊर्जा मिलती है।

शरीर एवं मस्तिष्क के अच्छे विकास के लिए प्रोटीन आवश्यक है। साथ ही विटामिन्स व खनिज लवण भी होने चाहिए।

कार्बोहाइड्रेट अनाज (चावल, गेहूँ, मक्का) से, वसा से घी, मक्खन, तेल, प्रोटीन सभी प्रकार के दाल, मछली, अंडा, सोयाबीन से प्राप्त होता है।

विटामिन-ए-दूध, टमाटर, गाजर, विटामिन-बी-मांस, दूध, दही, अंडे, मक्खन, विटामिन-सी-आँवला, नीबू, विटामिन-डी धूप में रहने से प्राप्त होता है।

खनिज लवण में आयोडीन, लोहा, फॉस्फोरस व कैल्सियम महत्वपूर्ण हैं।

इन सबके अलावा जल हमारे भोजन का महत्वपूर्ण घटक है।

प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए जो जैविक क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाता है।

कच्ची सब्जी व फल आदि में रुक्षांश पाया जाता है जो पाचन हेतु महत्वपूर्ण होता है।

वैसे तो संतुलित भोजन सभी को मिलनी चाहिए पर विशेषकर गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिला व बच्चों को ज्यादा जरूरी है।

खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखना परिरक्षण कहलाता है, इनके उदाहरण हैं—अचार बनाना, विभिन्न सब्जियों को सुखाकर रखना, जेम, जेली, मुरब्बा आदि।

खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखना परिरक्षण

प्रश्न 1. जब बाजार से कोई चीज जैसे—सेव, भजिए, समोसे आदि कागज की पुड़िया में लाते हैं तो वह कागज पारदर्शक हो जाता है। ऐसा क्यों होता है ?

उत्तर- बाजार से सेव, भजिए या समोसे कागज की पुड़िया में लाने पर कागज पारदर्शक इसलिए हो जाता है क्योंकि ये सभी तेल से तली हुए होती है और तेल में वसा पाया जाता है। जब कागज में तेल अवशोषित होता है तो कागज हल्का पारदर्शक हो जाता है।

प्रश्न 2. यदि किसी व्यक्ति को संतुलित भोजन न मिले तो उसे क्या नुकसान हो सकता है ?

उत्तर- यदि किसी व्यक्ति को संतुलित भोजन न मिले तो उसके शरीर में भोजन के किसी घटक की कमी होने पर वह पूर्ण स्वस्थ नहीं रह पाएगा। किसी महत्वपूर्ण घटक की ज्यादा कमी होने पर उसे हीनताजन्य रोग जैसा-लौह तत्व की कमी से एनीमिया, Vit. A की कमी से रतौंधी, आयोडीन की कमी से घेंघा, प्रोटीन की कमी से विकास में बाधा आदि शिकायतें मिल सकती हैं। अतः प्रयास करें कि संतुलित भोजन प्राप्त कर सकें वरना कुपोषण का शिकार हो जाएगा।

प्रश्न 3. विटामिन ए, बी तथा सी किन चीजों में पाया जाता है ? इनकी कमी से होने वाले रोग कौन-कौन से हैं?

उत्तर- विटामिन ए दूध, अंडे का योक (पीला भाग), कलेजी, हरी सब्जी, टमाटर और गाजर में मिलता है। इसकी कमी से रतौंधी नामक बीमारी होती है। विटामिन बी- यह अमाज, माँस, दूध, दही, मक्खन, अंडा में मिलता है। इसकी कमी से रक्ताल्पता, बेरीबेरी, रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन जैसी बीमारी हो सकती है। विटामिन सी – आँवला, संतरा, नीबू जैसे फलों से प्राप्त होता है। इसकी कमी से स्कर्वी (त्वचा संबंधी) रोग होता है।

प्रश्न 4. नीचे दिए गए कथनों को सही करके अपने शब्दों में लिखिए-

(a) रुक्षांश मनुष्य के लिए हानिकारक होता है क्योंकि इसके कारण पाचन क्रिया में गड़बड़ी होती है।

(b) महँगे खाद्य पदार्थ हमेशा अधिक पोषक होते हैं।

(c) बच्चों, गर्भवती माताओं और दूध पिलाने वाली माताओं को अधिक मात्रा में संतुलित भोजन की आवश्यकता नहीं होती है।

(d) आलू में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है।

(e) एक प्रकार के खाद्य पदार्थ में हमेशा एक ही प्रकार का पोषक पदार्थ होता है।

(f) संतुलित भोजन में एक ही प्रकार का पोषक पदार्थ होना चाहिए।

(g) हमारे शरीर को विटामिन और लवणों की जरूरत अधिक मात्रा में और कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा की जरूरत सूक्ष्म मात्रा में होती है।

उत्तर- (a) रुक्षांश मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इससे पाचन क्रिया सुचारू ढंग से सम्पन्न होती है।

(b) नहीं कि महँगे खाद्य पदार्थ हमेशा अधिक पोषक हों सस्ते खाद्य पदार्थ भी अच्छे पोषक हो सकते हैं।

(c) बच्चों, माताओं और दूध पिलाने वाली माताओं को संतुलित भोजन की अधिक आवश्यकता होती है।

(d) आलू में कार्बोहाइड्रेट व वसा पाया जाता है। प्रोटीन दालों में मिलती है।

(e) एक प्रकार के खाद्य पदार्थ में कई पोषक तत्व हो सकते हैं।

(f) भोजन में सभी प्रकार के भोजन घटक मात्रा में होने चाहिए।

(g) शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व वसा की जरूरत अधिक मात्रा में और विटामिन तथा लवणों की जरूरत सूक्ष्म मात्रा में होती है

प्रश्न 5. हरी सब्जियों, प्याज और मिर्च को सुखाकर परिरक्षित किया जाता है। ऐसी अन्य चीजों के बारे में पता कर उनकी सूची बनाइये जिनका परिरक्षण सुखाकर किया जाता है।

उत्तर- सुखाकर परिरक्षित करने वाली चीजें आम, इमली, आँवला, मटर, चना, अनाज (सभी), सभी मसालें, पापड़, बड़ी व अन्य।

प्रश्न 6. ऐसी चीजों की सूची बनाइए जिन्हें आपके और पड़ोसियों के घरों में नमक लगाकर सुरक्षित किया जाता है।

उत्तर-नमक लगाकर सुरक्षित करने वाले सूची- आम, आँवला, नीबू, करौंदा, जिमीकंद आदि।

प्रश्न 7. आपके क्षेत्र में अनाज और सब्जियों को कीड़ों से बचाने के लिए कौन-से कीटनाशक काम में लाये जाते हैं। प्रकार अनाज को घर में सुरक्षित रखने के लिए उसमें क्या डालते हैं ?

उत्तर-कीटनाशक- बी.एच.सी. अनाज-सुरक्षित रखने हेतु उपयोग में लाये जाने वाले पदार्थ- नीम पत्ता, प्याज, पारद गोली।

प्रश्न 8. देखा जाता है ज्यादातर व्यक्ति संतुलित भोजन नहीं करते हैं। इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं ? आप उन्हें क्या सुझाव देंगे।

उत्तर- ज्यादातर व्यक्ति संतुलित भोजन नहीं करते हैं। इसके निम्न कारण हैं-

(1) व्यक्तियों को अधिक मिठाई, मसालेदार चीजें और तली हुई चीजें खाने की आदत होती हैं।

(2) ज्यादातर व्यक्तियों को अधिक चाय-कॉफी पीने की आदत होती है।

(3) पत्तेदार सब्जियाँ, फल आदि को व्यक्ति कम खाना पसंद करते हैं।

सुझाव – (1) अधिक मिठाई, मसालेदार चीजें तथा तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए। साथ ही कम से कम चाय-कॉफी पीना चाहिए क्योंकि ये पाचनतंत्र में खराबी पैदा करते हैं।

(2) हमें पत्तेदार सब्जियाँ तथा फल खाने चाहिए क्योंकि इनमें तथा लवण होते हैं जो हमें कई रोगों से बचाते हैं। तथा शरीर की टूट-फूट की मरम्मत में भी सहायक होते हैं।

प्रश्न 9. स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने के योग्य होता है, टिप्पणी लिखिए।

उत्तर- स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने के योग्य होता है। यह कथन सदैव सही नहीं होता है क्योंकि कभी-कभी स्वच्छ, साफ प्रतीत होने वाले जल में रोगवाहक सूक्ष्म जीव तथा घुले हुए अपद्रव्य हो सकते हैं। अतः हमें पानी पीने से पहले उबाल लेना चाहिए।

प्रश्न 10. जल को पीने योग्य बनाने की विधियाँ कौन- कौन-सी हैं ? लिखिए।

उत्तर-जल को पीने योग्य बनाने की विधियाँ निम्न हैं-

(1) कैंडल फिल्टर के उपयोग से छनन द्वारा जल से अपद्रव्यों को दूर किया जाता है।

(2) जल को उबालकर पीने योग्य बनाया जाता है। उबालने से जल में उपस्थित जीवाणु मर जाते हैं।

(3) जल को क्लोरीनीकरण विधि द्वारा भी शुद्ध किया जाता है। यह जल में क्लोरीन की गोलियाँ अथवा विरंजक चूर्ण मिलाकर किया जाता है।