कवि श्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम के भयावह परिणामों को दर्शाती है। कविता में कवि अपनी रात की नींद टूटने के बाद इस भयानक घटना के बारे में सोचते हैं, और उन वैज्ञानिकों के मनोभावों की कल्पना करते हैं जिन्होंने इस परमाणु बम का आविष्कार किया था। वह सोचते हैं कि क्या इन वैज्ञानिकों को हिरोशिमा के नरसंहार के समाचार से अपने किए पर पछतावा हुआ होगा? कवि का कहना है कि छोटा-सा भी असहज अनुभव, जैसे दांत में फँसा तिनका या आँख में पड़ा कण, हमारी नींद और चैन को छीन लेता है, तो फिर उस बम के दुष्प्रभावों के बारे में सोचकर इन वैज्ञानिकों की नींद कैसे हो सकती थी? कवि आगे बताते हैं कि हम अपने प्रियजनों, रिश्तेदारों या पालतू पशुओं के वियोग में कितने दुःखी होते हैं। ऐसे में, यह सवाल उठता है कि क्या उन वैज्ञानिकों को हिरोशिमा में हुए नरसंहार के बाद यह एहसास हुआ कि उनका आविष्कार गलत था? यदि हुआ, तो शायद समय उन्हें माफ कर दे, लेकिन यदि नहीं हुआ, तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। कविता पूरे मनुष्य जाति की संवेदनाओं और कृत्यों पर गहरा सवाल उठाती है और यह संदेश देती है कि किसी भी विनाशकारी तकनीकी आविष्कार को मानवता के भले के लिए ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
किसी रात को
मेरी नींद अचानक उचट जाती है,
आँख खुल जाती है,
मैं सोचने लगता हूँ कि
जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का
आविष्कार किया था :
वे हिरोशिमा – नागासाकी के
भीषण नरसंहार के समाचार सुनकर
रात को सोए कैसे होंगे ?
सन्दर्भ-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक छत्तीसगढ़ भारत के कविता पाठ ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ से लिया गया है। इसके कवि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हैं।
प्रसंग – कवि की संभवतः हिरोशिमा नर संहार के भयावह स्वप्न से नींद टूटती है। तत्कालीन अपने मन के भाव-विचारों को उसने यहाँ प्रकाशित किया है।
व्याख्या-कवि कहता है कि किसी को जब वह सो रहा होता है, हिरोशिमा नर संहार का स्वप्न आता है जिसके कारण उसकी नींद टूट जाती है। अचानक इस तरह जागने पर मेरे मन में द्वितीय विश्व युद्ध की वह अतीव दुःखद घटना की यादें ताजी हो जाती है, जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी नगरों पर अणु बम गिराए थे, जिसके दुष्प्रभाव से वहाँ भयानक तबाही मची थी। हजारों-लाखों लोग, जीव-जन्तु देखते ही देखते काल के ग्रास बन गए थे। कवि सोचता है। कि हिरोशिमा-नागासाकी में हुए भीषण नरसंहार के समाचार से भिन होने पर उस विध्वंसक अणु-शस्त्र के आविष्कारक वैज्ञानिकों को भी क्या अपने उस अविष्कार पर पछतावा नहीं हुआ होगा ? क्या वे रात में चैन की नींद सो सके होंगे ?
दाँत में फँसा तिनका,
आँख की किरकिरी,
पाँव में चुभा काँटा,
आँखों की नींद, मन का चैन उड़ा देते हैं।
सन्दर्भ-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक छत्तीसगढ़ भारत के कविता पाठ ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ से लिया गया है। इसके कवि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हैं।
प्रसंग-कवि ने यहाँ छोटी से छोटी असहज चीज की प्रभाविकता (असहजपन) को उजागर किया है।
व्याख्या-कवि का मानना है कि संभवत: हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण नरसंहार के समाचार को सुनकर अणु बम के आविष्कारक वैज्ञानिक भी चैन की नींद नहीं सो सके होंगे क्योंकि दाँत में फँसा भोजन का एक कण, आँख में पड़ा छोटा-सा छोटा तिनका, पाँव में चुभा छोटा सा कॉंटा भी हमारे लिए असहनीय होता है, उस दुर्घटना से तो समग्र प्राण समुदाय सिहर उठा था।
सगे-संबंधी की मृत्यु,
किसी प्रिय का न रहना,
परिचित का उठ जाना
यहाँ तक कि पालतू पशु का भी बिछोह
हृदय में इतनी पीड़ा, इतना विषाद भर देता है
कि चेष्टा करने पर भी नींद नहीं आती
करवटें बदलते रात गुजर जाती है।
सन्दर्भ-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक छत्तीसगढ़ भारत के कविता पाठ ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ से लिया गया है। इसके कवि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हैं।
प्रसंग प्रस्तुत पद्यांश में यह बताया गया है कि अपने पालतू पशुओं से भी वियोग अतीव दुष्कर होता है।
व्याख्या-कवि कहता है कि मनुष्य में सहज करुणा, दया जैसी मानवीय संवेदनाएँ होती है, जिसके कारण वह न केवल अपने किसी नाते-रिश्तेदार या प्रिय अथवा परिचित के मृत्यु जैसे दुःखद समाचार से व्यवित होता है अपितु अपने द्वारा पाले गए पशुओं के वियोग या उसकी मृत्यु से उसका हृदय शोक-पीड़ा से भर जाता है। उस स्थिति में उसकी नींद के तमाम यत्न काम नहीं आते हैं। उसका व्यक्ति मन उसे रातभर करवटें बदल-बदलकर रात बिताने पर विवश कर देता है।
किंतु जिनके आविष्कार से
वह अंतिम अस्त्र बना
जिसने छ: अगस्त उन्नीस सौ पैंतालीस की काल रात्रि को
हिरोशिमा नागासाकी में मृत्यु का तांडव कर
दो लाख से अधिक लोगों की बलि ले ली.
हजारों को जीवन भर के लिए अपाहिज कर दिया
क्या उन्हें एक क्षण के लिए सही, यह
अनुभूति हुई कि उनके हाथों जो कुछ
हुआ, अच्छा नहीं हुआ ?
यदि हुई, तो वक्त उन्हें कटघरे में खड़ा नहीं करेगा
किंतु यदि नहीं हुई तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
सन्दर्भ-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक छत्तीसगढ़ भारत के कविता पाठ ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ से लिया गया है। इसके कवि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हैं।
प्रसंग-कवि का मानना है कि गलतियों या अपराध की स्वीकारोक्ति कभी-कभी पश्चाताप स्वरूप मान्य होती है।
व्याख्या-कवि कहते हैं कि जिसने उस भयानक दुष्प्रभाव वाले अणुशस्त्र को बनाया था जिसके दुष्प्रभाव से 6 अगस्त, 1945 की दह रात्रि हिरोशिमा नागासाकी के लिए कालरात्रि साबित हुई, दो लाख से अधिक लोग क्षण भर में मृत्यु के आगोश में समा गए और हजारों लोग जीवन भर के लिए अपाहिज का जीवन जीने के लिए विवश हो गए। क्या उस मरणास्त्रों के निर्माताओं के मन में अपने उस आविष्कार के प्रति क्षणमात्र के लिए भी क्षोभ ग्लानि और पश्चाताप की अनुभूति हुई होगी ? कवि कहते हैं कि यदि उन्हें अपने उस आविष्कार के प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव को जानकर पछतावा हुआ होगा, तब तो शायद समय उन्हें माफ कर दे अन्यथा इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
MCQs (Multiple Choice Questions)
1. ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ कविता के कवि कौन हैं?
a) पं. नेहरू
b) श्री अटल बिहारी वाजपेयी
c) महात्मा गांधी
d) कवि दिनकर
उत्तर: b) श्री अटल बिहारी वाजपेयी
2. कविता में कवि की नींद किस कारण टूटती है?
a) युद्ध के खौ़फ से
b) विज्ञान के आविष्कार पर विचार करने से
c) हिरोशिमा और नागासाकी के नरसंहार के बारे में सोचने से
d) उनके प्रिय के बारे में सोचने से
उत्तर: c) हिरोशिमा और नागासाकी के नरसंहार के बारे में सोचने से
3. कविता में कवि किस विषय पर विचार करते हैं?
a) वैज्ञानिकों के आविष्कार पर
b) युद्ध के बाद के परिणामों पर
c) हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु हमले पर
d) दोनों b और c
उत्तर: d) दोनों b और c
4. ‘हिरोशिमा और नागासाकी के नरसंहार’ का क्या परिणाम था?
a) लाखों लोग मारे गए और हजारों लोग अपाहिज हो गए
b) दुनिया में शांति आ गई
c) सभी लोग सुरक्षित रहे
d) नया युद्ध शुरू हुआ
उत्तर: a) लाखों लोग मारे गए और हजारों लोग अपाहिज हो गए
5. कविता में ‘दाँत में फँसा तिनका’ से कवि क्या दर्शाना चाहते हैं?
a) छोटी सी असुविधा भी हमें परेशान कर देती है
b) असुविधा से बचने के उपाय
c) तिनका का महत्व
d) हमारी चेतना
उत्तर: a) छोटी सी असुविधा भी हमें परेशान कर देती है
6. कविता के अनुसार, ‘पाँव में चुभा काँटा’ किसका प्रतीक है?
a) मानसिक पीड़ा
b) शारीरिक दर्द
c) अनहोनी घटना
d) सामाजिक असहमति
उत्तर: b) शारीरिक दर्द
7. कवि ने क्या सवाल उठाया है?
a) क्या परमाणु बम का आविष्कार सही था?
b) क्या विज्ञान से हर समस्या का समाधान मिल सकता है?
c) क्या परमाणु बम के वैज्ञानिकों को अपने आविष्कार पर पछतावा हुआ?
d) क्या युद्ध से शांति आती है?
उत्तर: c) क्या परमाणु बम के वैज्ञानिकों को अपने आविष्कार पर पछतावा हुआ?
8. कविता में ‘पृथ्वी पर मृत्यु का तांडव’ से क्या अभिप्रेत है?
a) दुनिया में शांति का संदेश
b) परमाणु बम से हुई तबाही
c) वैज्ञानिकों का संघर्ष
d) युद्ध के पश्चात् शांति
उत्तर: b) परमाणु बम से हुई तबाही
9. ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) परमाणु युद्ध के खतरों को उजागर करना
b) युद्ध के नायक की प्रशंसा करना
c) प्रकृति की सुंदरता का वर्णन करना
d) विज्ञान के लाभों को बताना
उत्तर: a) परमाणु युद्ध के खतरों को उजागर करना
10. ‘किंतु यदि नहीं हुई तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा’ का क्या अर्थ है?
a) यदि वैज्ञानिकों ने अपने काम का पश्चाताप नहीं किया, तो उनका इतिहास में अपमान होगा
b) इतिहास सभी को माफ कर देता है
c) वैज्ञानिकों का कार्य महत्वपूर्ण था
d) युद्ध में सभी को माफ किया जाता है
उत्तर: a) यदि वैज्ञानिकों ने अपने काम का पश्चाताप नहीं किया, तो उनका इतिहास में अपमान होगा
11. कविता में कवि किस प्रकार के कृत्यों का विरोध करते हैं?
a) प्रेम और दया
b) युद्ध और विनाश
c) विज्ञान और तकनीकी विकास
d) सामाजिक असमानता
उत्तर: b) युद्ध और विनाश
12. कवि के अनुसार, हिरोशिमा में जो हुआ, उसे कौन नहीं माफ कर सकता?
a) समाज
b) विज्ञान
c) समय
d) इतिहास
उत्तर: d) इतिहास
13. कविता में ‘छ: अगस्त उन्नीस सौ पैंतालीस’ का क्या महत्व है?
a) स्वतंत्रता संग्राम का दिन
b) हिरोशिमा पर अणु बम गिराने की तारीख
c) द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत
d) जापान का राष्ट्रीय दिवस
उत्तर: b) हिरोशिमा पर अणु बम गिराने की तारीख
14. कविता में ‘चेष्टा करने पर भी नींद नहीं आती’ से कवि का क्या मतलब है?
a) चिंता और दुःख के कारण नींद नहीं आना
b) सोचने की आदत
c) रात के समय का तनाव
d) अंधेरे में जागना
उत्तर: a) चिंता और दुःख के कारण नींद नहीं आना
15. कवि ने किसे ‘कटघरे में खड़ा’ किया है?
a) हिरोशिमा के नागरिकों को
b) अणु बम के वैज्ञानिकों को
c) युद्ध के शिकार लोगों को
d) युद्ध के विरोधियों को
उत्तर: b) अणु बम के वैज्ञानिकों को
16. ‘हिरोशिमा की पीड़ा’ कविता में कौन सी भावना प्रमुख है?
a) शांति और प्रेम
b) दुख और पश्चाताप
c) विज्ञान का महत्व
d) युद्ध की विजय
उत्तर: b) दुख और पश्चाताप
17. कविता में ‘प्यारे रिश्तों के वियोग’ पर कवि का क्या दृष्टिकोण है?
a) वे अप्रभावित रहते हैं
b) वे दुख और पीड़ा का कारण बनते हैं
c) वे जीवन में खुशी लाते हैं
d) वे बहुत दूर होते हैं
उत्तर: b) वे दुख और पीड़ा का कारण बनते हैं
18. कवि ने किसे सबसे अधिक दुखी किया?
a) युद्ध के सैनिकों को
b) हिरोशिमा और नागासाकी के नागरिकों को
c) युद्ध के शिकार लोगों को
d) दुनिया को
उत्तर: b) हिरोशिमा और नागासाकी के नागरिकों को
19. कविता का संदेश क्या है?
a) विज्ञान से समाज को अधिक लाभ होता है
b) युद्ध का कोई लाभ नहीं होता
c) युद्ध से शांति मिलती है
d) विज्ञान का विकास सिर्फ युद्ध के लिए होना चाहिए
उत्तर: b) युद्ध का कोई लाभ नहीं होता
20. कवि के अनुसार, क्या वैज्ञानिकों को अपने किए पर पछतावा हुआ था?
a) हाँ, उनके मन में पछतावा था
b) नहीं, वे अपने काम से खुश थे
c) वे कभी नहीं सोचे कि उनका काम गलत था
d) वे बिल्कुल शांत थे
उत्तर: a) हाँ, उनके मन में पछतावा था
पाठ से-
प्रश्न 1. हिरोशिमा और नागासाकी नामक स्थान कहाँ स्थित है?
उत्तर- हिरोशिमा और नागासाकी नामक स्थान जापान देश में स्थित है।
प्रश्न 2. कवि की नींद अचानक किसी रात को क्यों उचट जाती है?
उत्तर-कवि की नींद अचानक किसी रात इसलिए उचट जाती है क्योंकि रात में सोते हुए कवि ने हिरोशिमा जागासाकी नरसंहार का स्वप्न देखा था।
प्रश्न 3. कवि का हृदय विवाद से क्यों भर जाता है?
उत्तर- कवि का हृदय मानवीय संवेदनाओं से भरा हुआ है, उसका दृष्टिकोण मानवतावादी है। अतएव वह न केवल अपने सगे-संबन्धियों या प्रिय अथवा परिचित के विछोह से दुःखी होता है अपितु अपने पालतू पशुओं के विछोह से भी कवि का हृदय विषाद से भर उठता है।
प्रश्न 4. विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम कहाँ गिराया गया था ?
उत्तर- विश्व युद्ध के दौरान जापान देश के हिरोशिमा एवं नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराया गया था।
प्रश्न 5. कविता में किस तिथि को कालरात्रि कहा है और क्यों ?
उत्तर- कविता में 6 अगस्त, 1945 की को कालरात्रि कहा. गया है, क्योंकि इसी तिथि को रात में अमेरिका ने जापान देश के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए थे तीन दिनों के बाद नागासाकी शहर पर भी बम गिराया गया था जिसमें लाखों की संख्या में जनहानि हुई दी।
प्रश्न 6. उस भीषण नरसंहार में कितने लोगों की बलि चढ़ी ?
उत्तर- उस भीषण नरसंहार में दो लाख से भी अधिक लोगों की बलि चढ़ी |
प्रश्न 7. कवि वैज्ञानिकों से किस प्रकार की अनुभूति की अपेक्षा करता है और क्यों?
उत्तर- कवि वैज्ञानिकों से अपेक्षा करते हैं कि वे आविष्कार से पहले उनके विनाशकारी परिणामों से अच्छी तरह परिचित हो जायें। दूसरों के दुःख-दर्द का ख्याल रखें। मानव की पीड़ा को समझे, क्योंकि उनके अच्छे आविष्कार से दुनिया प्रगति के राह पर आगे बढ़ती है तथा विनाशकारी आविष्कार पूरी दुनिया को तबाह कर देती है। इसलिए वैज्ञानिकों से कवि की अपेक्षा है कि वे मानव समाज के हित में ही आविष्कार करें।
पाठ से आगे-
प्रश्न 1. “इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।” इस पंक्ति में उन्हें किसके लिए कहा गया है और कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर- उक्त कथन कवि ने उन वैज्ञानिकों के लिए कहा है, जिनके आविष्कार से हिरोशिमा व नागासाकी में दो लाख से अधिक निर्दोष लोग मारे गए, हजारों लोग अपंग हो गए। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि सर्वथा असहनीय उस बात को समय अवश्य भुला सकता है किन्तु इतिहास उक्त दुःखद घटना को सतत याद दिलाता रहेगा और लोग उक्त बात से भिन्न उन्हें कोसते रहेंगे।
प्रश्न 2. इस कविता का शीर्षक हिरोशिमा’ की पीड़ा कहाँ तक उचित है? समूह में चर्चा कीजिए और लिखिए।
उत्तर- इस कविता का शीर्षक ‘हिरोशिमा’ की पीड़ा सर्वथा उचित है क्योंकि हिरोशिमा सामूहिक नरसंहार के परिप्रेक्ष्य में स्थान विशेष का सूचक न होकर, जहाँ भी इस तरह की दुःखद घटनाएँ दुर्भाग्य से घटित होती है, उन समय का प्रतिनिधि स्वरूप है। अब हिरोशिमा की पीड़ा समग्र विश्व की मानवीय संवेदनाओं को जगाने वाली और सचेत करने वाली पीड़ा है।
प्रश्न 3. युद्ध क्यों होते हैं? इनके कारणों पर विचार कीजिए और कारणो को बिन्दुवार लिखिए।
उत्तर- विभिन्न देशों के मध्य आपसी तालमेल की कमी ही युद्ध जन्म देती है। युद्ध के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
1. सीमा विवाद या जमीन विवाद,
2 आतंकवादी गतिविधियों,
3. मानवीय मूल्यों की अनदेखी,
4. मानवीय संवेदनाओं का अभाव,
6. व्यक्तिगत स्वार्थ में वृद्धि।
प्रश्न 4. विज्ञान को सद्कार्यों से कैसे जोड़ा जा सकता है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर- विज्ञान बहुत कुछ औषधि के समान है, जिस तरह सम्यक
मात्रा में औषधि हितकारक व अति की दशा में अहितकारक सिद्ध होती। है, उसी तरह विज्ञान की स्थिति भी है। इसके सुप्रभाव है तो दुष्प्रभाव भी है। इसके आविष्कारों में अनुशासन की नियमितता का सतत् ध्यान रखकर तथा ‘अति’ से परहेज करके ही विज्ञान को अनवरत् सद्कार्यो से जोड़े रखा जा सकता है। विज्ञान के बारे में भी संस्कृत की यह सूक्ति ‘अति सर्वत्र वर्जयेत्’ ध्यान दिए जाने योग्य है।
प्रश्न 5. विश्व को जीतने के लिए युद्ध अथवा प्रेम व शान्ति में से आप किसे चुनेंगे और क्यों? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर- विश्व को जीतने के लिए सभवतः युद्ध कदापि विकल्प नहीं हो सकता। युद्ध से जीत में हार समाहित रहती है, सम्राट अशोक की कलिंग विजय इसका सटीक उदाहरण हो सकता है। प्रेम व शान्ति में ही समस्त विश्व को अपने वश में करने की भावना शाश्वताओं में सतत् रही है तभी तो आदिकाल से ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में सदैव आ रहने वाले भारत और ज्ञान-विज्ञान से ललित प्राचीन ऋषियों, मुनियाँ ने प्रेम व शान्ति पर जोर दिया। समस्त विश्व को अपना परिवार माना (वसुधैव कुटुम्बकम्) तथा सदैव जीओ और जीने दो की शुभ भावना का समग्र विश्व में विस्तार करने पर बल दिया।