एक टोकरी भर मिट्टी कक्षा 6 हिन्दी
एक टोकरी भर मिट्टी किसी श्रीमान् जमींदार के महल के पास एक गरीब, अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी जमींदार साहब ने विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई जमाने से वहीं बसी थी। उसका…
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एक टोकरी भर मिट्टी किसी श्रीमान् जमींदार के महल के पास एक गरीब, अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी जमींदार साहब ने विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई जमाने से वहीं बसी थी। उसका…
अभियान गीत – पद्यांशों की व्याख्या 1. भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के। सन्दर्भ-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भारती’ के ‘अभियान: गीत’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता कवि डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। प्रसंग– इस अंश…
चचा छक्कन ने केले खरीदे एक बात मैं शुरू में ही कह दूँ। इस घटना का वर्णन करने में मेरी इच्छा यह हरगिज़ नहीं है कि इससे चचा छक्कन के स्वभाव के जिस अंग पर प्रकाश पड़ता है, उसके संबंध…
सरलता और सहृदयता वह नौकर बचपन से ही उनके घर काम करता आ रहा था। अब वह बूढ़ा हो गया था। उसने घर के बच्चों को अपनी उँगली पकड़कर चलना सिखाया था अब वे बच्चे बड़े हो गए थे। वे…
नाचा के पुरखा दाऊ मंदराजी लोकनाट्य ह ओतकेच जुन्ना आय जतके मनखे के जिनगी । लोक कलाकार मन जइसन सपना देखथें अउ ओला सही असन करे के उदिम करथें, उही ह लोकनाट्य कहाथे ‘नाचा’ ह छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोकनाट्य आवय…
शहीद की माँ (जेल की कोठरी का दृश्य । रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ सींखचों के पीछे, इधर-उधर घूमते हुए मस्ती से गा रहे हैं। ) “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजुए क़ातिल में है। सिर्फ…
सर्वधर्म समभाव आज से लगभग चौदह सौ साल पहले की बात है। अरब के नखलिस्तान में एक गरीब बुढ़िया घर में जलाने के लिए सूखी लकड़ियाँ चुन रही थी । बहुत-सी लकड़ियाँ इकट्ठी हो जाने पर उसने उनका एक गट्ठा…
दू ठन नान्हे कहानी हीरा अउ ओस के बूंद हीरा ह जतका सुग्घर होथे ओतके महँगी घलो होथे। अइसने सुग्घर अउ महँगी हीरा ल जंगल म परे परे गजब दिन बीत गे । ओकर उपर कोनो मनखे के नजर नइ…
समय नियोजन हम अक्सर शिकायत किया करते हैं- समय के अभाव की, समय न मिलने की। पत्र का उत्तर न दे सका समयाभाव के कारण; कसरत नहीं कर सकता, समय न मिलने के कारण । किंतु यदि हम सही ढंग…
जानने योग्य फूलों से नित हँसना सीखो. भौरों से नित गाना । तरु की झुकी डालियों से नित सीखो शीश झुकाना ।। सीख हवा के झोंकों से लो कोमल भाव बहाना दूध तथा पानी से सीखो मिलना और मिलाना।। सूरज…