“हमारा छत्तीसगढ़” श्री लखनलाल गुप्ता द्वारा रचित एक प्रेरणादायक कविता है, जिसमें छत्तीसगढ़ की समृद्धि, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व, और सांस्कृतिक धरोहर का वर्णन किया गया है। यह कविता छत्तीसगढ़ की महिमा का गुणगान करते हुए इसे भारत का अनुपम अंश बताती है।
कवि ने छत्तीसगढ़ को भव्य भारत का एक सुंदर हिस्सा बताते हुए यहाँ के गोंड राजवंश के वीरता और गौरव का उल्लेख किया है। महानदी, नर्मदा, और शिवनाथ जैसी नदियों के कलकल नाद से यहाँ का वातावरण पावन और मनमोहक बनता है। रत्नपुर और मलार के ऐतिहासिक स्थलों का उल्लेख करते हुए कवि ने छत्तीसगढ़ के प्राचीन गौरव को भी उभारा है। कविता में राजिम और शिवरीनारायण जैसे तीर्थस्थलों की धार्मिक महत्ता का वर्णन है, जहाँ महानदी के तट पर धर्म-कथाएँ गूँजती हैं। छत्तीसगढ़ की भूमि को कवि ने प्रकृति का क्रीड़ास्थल बताते हुए इसकी वन-संपदा और खनिज भंडार, जैसे कोयला और लोहा, का उल्लेख किया है। यह कविता न केवल प्राकृतिक और भौगोलिक समृद्धि पर केंद्रित है, बल्कि यहाँ के साहित्य और विद्वानों की उपलब्धियों को भी रेखांकित करती है। कवि ने छत्तीसगढ़ को “धान का कटोरा” कहते हुए इसकी उपजाऊ भूमि और कृषि उत्पादकता को सराहा है। यह भूमि अनेक प्रकार के अन्न उपजाकर देश के लिए उपकार करती है। कवि ने छत्तीसगढ़ को प्रगति की ओर अग्रसर बताया है और इसे किसी भी अन्य क्षेत्र से कमतर मानने से इनकार किया है। अंततः कवि ईश्वर से यह प्रार्थना करता है कि छत्तीसगढ़ सदैव सुख-शांति और प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहे। कुल मिलाकर, यह कविता छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक धरोहर के प्रति सम्मान व्यक्त करती है और इसे एक प्रेरणादायक संदेश के रूप में प्रस्तुत करती है।
उच्च गिरि कानन से संयुक्त, भव्य भारत का अनुपम अंश ।
जहाँ था करता शासन सुभग, वीर गर्वित गोंडों का वंश ।।
नर्मदा, महानदी, शिवनाथ आदि सरिताएँ पूत ललाम ।
प्रवाहित होतीं, कलकल नाद, हमारा छत्तिसगढ़ अभिराम ।।
सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ भारती’ के पाठ ‘हमारा छत्तीसगढ़ से लिया गया है। इसके कवि श्री लखनलाल गुप्ता जी हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुन्दरता का वर्णन किया है।
व्याख्या – कवि कहते हैं कि ऊँचे-ऊँचे पर्वतों और जंगलों से युक्त हमारा छत्तीसगढ़ विशाल एवं सुन्दर भारत का एक अनुपम भाग है। यहाँ कभी वीर एवं गौरवशाली गोंड वंश के शासक शासन करते थे। छत्तीसगढ़ की धरती पर महानदी, शिवनाथ आदि सुन्दर नदियाँ कल-कल का नाद करती हुई बहती है। सचमुच हमारा छत्तीसगढ़ बड़ा ही सुन्दर है।
रत्नपुर करता गौरव प्रकट, सुयश गाता प्राचीन मलार ।
नित्य उन्नति – अवनति का दृश्य देखता दलहा खड़ा उदार ।।
तीर्थथल राजिम परम पुनीत और शिवरीनारायण धन्य ।
कह रहे महानदी तट सतत, यहाँ की धर्म कथाएँ रम्य ।।
सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ भारती’ के पाठ ‘हमारा छत्तीसगढ़ से लिया गया है। इसके कवि श्री लखनलाल गुप्ता जी हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पर्याश में कवि ने छत्तीसगढ़ के प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों का गौरव गान किया है।
व्याख्या – कवि कहते हैं कि छत्तीसगढ़ का रतनपुर नगर यहाँ के प्राचीन गौरव को प्रकट कर रहा है। इसी तरह प्राचीन ऐतिहासिक नगरी मल्हार यहाँ के सुन्दर यश का गान कर रही है। इन प्राचीन नगरों के साथ-साथ दलहा पहाड़ सदा से यहां की उन्नति एवं अवनति का दृश्य देखता हुआ अपने स्थान पर उदारता के साथ खड़ा हुआ है अर्थात् दलहा पहाड़ इसकी उन्नति एवं अवनति का साक्षी है। राजिम एवं शिवरीनारायण यहां के अत्यन्त पवित्र तीर्थस्थल है। यहाँ बहने वाली महानदी के तट जैसे निरन्तर यहाँ की रमणीक धर्म-कथाओं को कह रहे हैं। आशय यह है कि के तट पर अनेक धार्मिक स्थल स्थित है।
प्रकृति का क्रीडास्थल कमनीय, यहाँ है वन संपदा अपार ।
भूमि में भरा हुआ है विपुल, कोयले लोहे का भंडार ।।
यहाँ का है सुंदर साहित्य हुए हैं बड़े-बड़े विद्वान |
कीर्ति है जिनकी व्याप्त विशेष, आज भी हैं पाते सम्मान ।।
सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ भारती’ के पाठ ‘हमारा छत्तीसगढ़ से लिया गया है। इसके कवि श्री लखनलाल गुप्ता जी हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पर्याश में कवि ने छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सम्पदा, यहाँ के साहित्य एवं विद्वानों के यश का गान किया है।
व्याख्या – प्रकृति द्वारा प्रदत्त वन सम्पदा का अपार भण्डार भूमि में भरा हुआ है, उसी प्रकार कोयला, लोहा आदि का अपार भण्डार होने से राज्य प्रकृति का क्रीड़ास्थल प्रतीत होता है। वन सम्पदा की तुलना सुन्दर स्त्री से की है। कवि कहते है कि छत्तीसगढ़ राज्य का इतिहास काफी प्राचीन एवं सुन्दर है। ऐसे बड़े-बड़े विद्वानों का कथन है कि जिनका यश आज भी प्रकृति विशेष में व्याप्त है, जिसके कारण से विद्वान विशेष सम्मान को प्राप्त करते हैं।
कौन कहता यह पिछड़ा हुआ? अग्रसर है उन्नति की ओर ।
कटोरा यही धान का कलित, चाहते सभी कृपादृग कोर ।।
नहीं यह कभी किसी से न्यून अन्न दे करता है उपकार।
उर्वरा इसकी पावन भूमि अन्न उपजाती विविध प्रकार ।।
सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ भारती’ के पाठ ‘हमारा छत्तीसगढ़ से लिया गया है। इसके कवि श्री लखनलाल गुप्ता जी हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने छत्तीसगढ़ की उर्वरा भूमि का यशगान करते हुए बताया है कि सभी इसकी कृपा-दृष्टि चाहते हैं।
व्याख्या – कवि कहते हैं कि कौन कहता है कि छत्तीसगढ़ पिछड़ा हुआ है। यह निरन्तर उन्नति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह धान का सुन्दर कटोरा है अर्थात् यहां बड़े पैमाने पर धान का उत्पादन होता है। इसीलिए सभी इसकी कृपा-दृष्टि चाहते हैं सभी लोग धान के लिए छत्तीसगढ़ का मुँह ताकते है। हमारा छत्तीसगढ़ किसी से कम नहीं है, किसी प्रान्त से पीछे नहीं है। यह अनाज देकर सबकी भलाई करता है। यहाँ की धरती अत्यन्त उपजाऊ है, इसीलिए यह तरह-तरह के अन्नों को उपजाती है।
ईश से विनय यही करबद्ध, प्रगति पथ पर होवे गतिमान ।
हमारा छत्तीसगढ़ सुख धाम, करें सादर इसका गुणगान।।
सन्दर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ भारती’ के पाठ ‘हमारा छत्तीसगढ़ से लिया गया है। इसके कवि श्री लखनलाल गुप्ता जी हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने छत्तीसगढ़ की प्रगति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
व्याख्या – कवि कहते हैं कि ईश्वर से हाथ जोड़कर यही प्रार्थना है कि छत्तीसगढ़ प्रगति के पथ पर सदैव आगे बढ़ता रहे हमारा छत्तीसगढ़ सुखों का धाम है अर्थात् यहां के निवासियों को कोई कष्ट नहीं है। आओ, इसका आदरपूर्वक गुणगान करें।
MCQs (20 प्रश्न उत्तर सहित)
1. ‘हमारा छत्तीसगढ़’ कविता के रचयिता कौन हैं?
a) श्री हरिवंश राय बच्चन
b) श्री लखनलाल गुप्ता
c) श्री मैथिलीशरण गुप्त
d) श्री जयशंकर प्रसाद
उत्तर: b) श्री लखनलाल गुप्ता
2. कविता में छत्तीसगढ़ को क्या कहा गया है?
a) भारत का अनमोल खजाना
b) भारत का अनुपम अंश
c) भारत का केंद्र बिंदु
d) भारत का सबसे सुंदर राज्य
उत्तर: b) भारत का अनुपम अंश
3. कविता में छत्तीसगढ़ की कौन-सी नदियों का उल्लेख है?
a) गंगा, यमुना, सरस्वती
b) नर्मदा, महानदी, शिवनाथ
c) ब्रह्मपुत्र, सतलुज, रावी
d) कावेरी, कृष्णा, गोदावरी
उत्तर: b) नर्मदा, महानदी, शिवनाथ
4. गोंड वंश के बारे में क्या कहा गया है?
a) यह शासन करने में अक्षम था।
b) यह वीर और गर्वित वंश था।
c) यह भारत के बाहर था।
d) यह केवल साहित्य में प्रसिद्ध है।
उत्तर: b) यह वीर और गर्वित वंश था।
5. रत्नपुर और मलार का संबंध किससे है?
a) धार्मिक स्थलों से
b) प्राचीन गौरव से
c) वन्य जीवन से
d) कृषि से
उत्तर: b) प्राचीन गौरव से
6. राजिम और शिवरीनारायण को क्यों महत्वपूर्ण माना गया है?
a) यहाँ के वन्य जीवों के कारण
b) इनके खनिज भंडार के कारण
c) इनके तीर्थस्थल होने के कारण
d) यहाँ की शिक्षा व्यवस्था के कारण
उत्तर: c) इनके तीर्थस्थल होने के कारण
7. कविता में छत्तीसगढ़ की भूमि को क्या कहा गया है?
a) रेगिस्तान
b) धान का कटोरा
c) खनिज की खान
d) भारत का मुकुट
उत्तर: b) धान का कटोरा
8. छत्तीसगढ़ के किस प्रकार के भंडारों का उल्लेख किया गया है?
a) सोना और चाँदी
b) कोयला और लोहा
c) चावल और दाल
d) तेल और गैस
उत्तर: b) कोयला और लोहा
9. कविता के अनुसार छत्तीसगढ़ का साहित्य कैसा है?
a) बहुत पिछड़ा हुआ
b) सुंदर और विद्वानों से भरपूर
c) केवल धार्मिक
d) केवल प्राचीन
उत्तर: b) सुंदर और विद्वानों से भरपूर
10. “धान का कटोरा” का अर्थ क्या है?
a) धान उत्पादन में अग्रणी
b) कटोरे जैसा आकार
c) पानी की कमी
d) सुंदरता
उत्तर: a) धान उत्पादन में अग्रणी
11. कवि ने छत्तीसगढ़ की भूमि को कैसी बताया है?
a) अनुपजाऊ
b) उर्वरा और पावन
c) सूखी और बंजर
d) केवल खनिजयुक्त
उत्तर: b) उर्वरा और पावन
12. कविता में प्रकृति को क्या कहा गया है?
a) क्रीड़ास्थल
b) युद्धभूमि
c) तीर्थस्थल
d) खेत
उत्तर: a) क्रीड़ास्थल
13. कवि ने छत्तीसगढ़ की किस प्रगति की बात की है?
a) सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति
b) केवल सैन्य प्रगति
c) केवल औद्योगिक प्रगति
d) केवल धार्मिक प्रगति
उत्तर: a) सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति
14. छत्तीसगढ़ में कौन-सी नदियाँ “धर्म कथाएँ” कहती हैं?
a) महानदी के तट पर
b) नर्मदा के तट पर
c) शिवनाथ के तट पर
d) गोदावरी के तट पर
उत्तर: a) महानदी के तट पर
15. कविता में ‘प्रमाद’ का क्या अर्थ है?
a) आलस्य और अज्ञानता
b) परिश्रम
c) ज्ञान और विद्या
d) त्योहार
उत्तर: a) आलस्य और अज्ञानता
16. छत्तीसगढ़ का कोयला और लोहे का भंडार किसके लिए महत्वपूर्ण है?
a) कृषि के लिए
b) उद्योगों के लिए
c) पर्यटन के लिए
d) साहित्य के लिए
उत्तर: b) उद्योगों के लिए
17. “कटोरा यही धान का” पंक्ति में किसका उल्लेख है?
a) छत्तीसगढ़ की कृषि संपन्नता
b) साहित्य की समृद्धि
c) खनिज भंडार
d) तीर्थस्थल
उत्तर: a) छत्तीसगढ़ की कृषि संपन्नता
18. कविता में छत्तीसगढ़ को “सुख धाम” क्यों कहा गया है?
a) यहाँ केवल मंदिर हैं।
b) यहाँ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा के कारण।
c) यहाँ युद्ध नहीं हुए।
d) यहाँ केवल विद्वान रहते हैं।
उत्तर: b) यहाँ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा के कारण।
19. छत्तीसगढ़ में किसकी अपार संपदा है?
a) हीरे और मोती
b) वन और खनिज
c) सोना और चाँदी
d) तेल और गैस
उत्तर: b) वन और खनिज
20. कवि ने ईश्वर से क्या प्रार्थना की है?
a) छत्तीसगढ़ को धनवान बनाने की
b) छत्तीसगढ़ को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रखने की
c) छत्तीसगढ़ को तीर्थस्थल बनाने की
d) छत्तीसगढ़ को अलग देश बनाने की
उत्तर: b) छत्तीसगढ़ को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रखने की
पाठ से-
प्रश्न 1. किन-किन नदियों के कलकल नाद से छत्तीसगढ़ अभिराम बनता है ?
उत्तर- महानदी, शिवनाथ तथा इनकी सहायक नदियाँ अरपा खारुन, जॉक, हसदो आदि के कलकल नाद से छत्तीसगढ़ अभिराम बनता है।
प्रश्न 2. कविता के सन्दर्भ में यह राज्य किस प्रकार उन्नति की ओर अग्रसर है ?
उत्तर – कविता के सन्दर्भ में छत्तीसगढ़ राज्य निरन्तर उन्नति के पद पर आगे बढ़ रहा है। यहाँ बड़े पैमाने पर धान का उत्पादन होता है। जिसके कारण इसे “धान का कटोरा” भी कहा जाता है। इसलिए इसकी कृपा दृष्टि सभी चाहते हैं।
प्रश्न 3. कवि का ईश्वर से करबद्ध विनय क्या और क्यों है?
उत्तर-कवि का ईश्वर से करबद्ध विजय है कि छत्तीसगढ़ प्र के पद पर सदैव आगे बढ़ता रहे। क्योंकि हमारा छत्तीसगढ़ सुखों का धाम है अर्थात् यहाँ के निवासियों को कोई कष्ट नहीं है।
प्रश्न 4. हमारा छत्तीसगढ़ किन-किन सम्पदाओं से परिपूर्ण है ?
उत्तर- हमारे छत्तीसगढ़ में प्रकृति वन सम्पदा का अपार भण्डार भूमि में भरा हुआ है, उसी प्रकार कोयला, लोहा आदि का अपार भण्डार होने से राज्य प्रकृति का क्रीड़ा स्थल प्रतीत होता है, छत्तीसगढ़ इतिहास काफी प्राचीन एवं सुन्दर है।
प्रश्न 5. कविता की पंक्ति ‘कृपादृग कोर’ के द्वारा कवि किन भादों को व्यक्त करना चाहता है ?
उत्तर- कृपादृग कोर के द्वारा कवि ने कविता की पंक्ति में छत्तीसगढ़ बड़े पैमाने पर धान का उत्पादन करता है। इसलिए सभी इसकी कृपा दृष्टि चाहते हैं। ताकि सभी लोगों को यहाँ से अन्न मिल सके।
प्रश्न 6. भव्य भारत का अनुपम अंश कवि ने किसे और क्यों कहा है?
उत्तर- भव्य भारत का अनुपम अंश कवि ने छत्तीसगढ़ को कहा है, क्योंकि यहाँ के ऊँचे-ऊँचे पर्वतों, जंगलों से युक्त, वन सम्पदा से परिपूर्ण हमारा छत्तीसगढ़ विशाल एवं सुन्दर भारत का एक अनुपम भाग है।
प्रश्न 7. छत्तीसगढ़ की यह भूमि, हम पर किस प्रकार उपकार करती है ?
उत्तर- छत्तीसगढ़ की भूमि में उपजाऊपन की मात्रा अधिक है। अनेक प्रकार के अन्न उपजाने की क्षमता रखती है जो पूरे देश को अन्न प्रदान करती है। इसी प्रकार यह धरती हम पर उपकार करती है।
प्रश्न 8. महानदी का तट क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर- महानदी के तट पर राजिम, शिवरीनारायण, सिरपुर जैसे धार्मिक स्थल स्थित हैं जो निरन्तर धर्म की सुन्दर कथाएँ कहते रहते हैं। इसलिए महानदी का तट प्रसिद्ध है।
प्रश्न 9. कवि ने ईश्वर से क्या प्रार्थना की है ?
उत्तर- कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि हमारा राज्य प्रगति के रास्ते पर लगातार चलता रहे। इसकी उन्नति दिनों-दिन होती रहे। सभी इसके गुणों का निरन्तर गान करें। किसी भी रूप में यह पिछले न पाये।
प्रश्न 10. कवि ने छत्तीसगढ़ को प्रकृति का कमनीय क्रीड़ा स्थल क्यों कहा है ?
उत्तर- छत्तीसगढ़ की धरती पर प्रकृति के सभी रूपों की सुषमा विद्यमान है, इसलिए कवि ने छत्तीसगढ़ को प्रकृति का कमनीय क्रीडा-स्वल कहा है।