गुप्त काल कक्षा 6 वीं सामाजिक विज्ञान
(300 से 500 ईस्वी)
स्मरणीय बिन्दु
1. लगभग 200 साल तक गुप्त राजवंश का शासन रहा, जिसे भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा जाता है।
2. इस काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। इसके अन्तर्गत बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगाँव और उड़ीसा राज्य के संबलपुर जिले आते थे।
3. समुद्रगुप्त एक श्रेष्ठ राजा, सेनानायक, विद्वान, कवि तथा श्रेष्ठ संगीतज्ञ था।
4. गुप्त राजा खुद तो वैष्णव धर्म को मानते थे किन्तु उसके शासनकाल में सभी लोगों को अपना-अपना धर्म मानने की स्वतंत्रता थी।
5. गुप्तकाल के सबसे प्रमुख खगोल शास्त्री और गणित के विद्वान आर्यभट्ट थे।
6. इस काल के एक और प्रमुख वैज्ञानिक वराहमिहिर थे। इन्होंने खगोलशास्त्र और फलित ज्योतिष (भविष्य बताने का काम) को. जोड़ने का प्रयास किया।
7. संस्कृत साहित्य के महान कवि जैसे-कालिदास, भारवि, शुद्रक, माद्य आदि इसी काल में हुए थे।
8. चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबारी महाकवि कालिदास थे। इनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं—मेघदूतम् और कुमारसंभवम्। उनका अभिज्ञानशांकुतलम् नाटक विश्व प्रसिद्ध है।
9.गुप्तकाल में मूर्तिकला का जितना विकास हुआ, उतना प्राचीन भारत में किसी भी काल में नहीं हुआ।
10. दीवारों पर बनाए गए चित्र को भित्ति चित्र कहते हैं।
11. ईंटों से बने वास्तुकला की एक अनुपम कृति छत्तीसगढ़ में सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर भी है। जो इस काल के आस-पास (599 ई.) में बना।