हिन्दी गद्य साहित्य

आधुनिक हिन्दी साहित्य में गद्य का विकास

आधुनिक हिंदी साहित्य में गद्य का विकास

विशेषताएँ

  • ईश्वर और मानव को समान महत्व
  • भावना के साथ विचार प्रधान
  • पद्य के साथ गद्य का भी समानांतर विकास
  • यथार्थवादी दृष्टिकोण और सामाजिक चेतना

गद्य विकास के चरण

  1. भारतेंदु पूर्व युग(1800–1850 ई.)
    • प्रारंभिक खड़ी बोली गद्य का निर्माण
    • फोर्ट विलियम कॉलेज का योगदान
      • लल्लूलालप्रेमसागर
      • सदल मिश्रनासिकेतोपाख्यान
      • सदासुखलालसुखसागर
      • इंशा अल्ला खांरानी केतकी की कहानी
    • राजा राममोहन रायवेदांत सूत्र अनुवाद, बंगदूत पत्र
    • पं. जुगलकिशोरउदंत मार्तंड (1826) – पहला हिंदी समाचार पत्र
    • स्वामी दयानंद सरस्वतीसत्यार्थ प्रकाश

  1. भारतेंदु युग(1850–1900 ई.)
    • भारतेंदु हरिश्चंद्र – आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक
      • पत्रिकाएँ: कविवचन सुधा, हरिश्चंद्र मैगज़ीन, हरिश्चंद्र पत्रिका
      • नाटक: चंद्रावली, भारत दुर्दशा, अंधेर नगरी
    • प्रमुख लेखक:
      • बालकृष्ण भट्ट, प्रताप नारायण मिश्र, राधाचरण गोस्वामी,
        बदरीनाथ चौधरी ‘प्रेमघन’, लाला श्रीनिवास दास,
        देवकीनंदन खत्री, किशोरीलाल गोस्वामी

  1. द्विवेदी युग(1900–1920 ई.)
    • आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदीसरस्वती पत्रिका संपादक (1903)
    • खड़ी बोली गद्य को स्थिरता
    • प्रमुख निबंधकार: द्विवेदी, माधव प्रसाद मिश्र, श्यामसुंदर दास, चंद्रधर शर्मा गुलेरी, बाल मुकुंद गुप्त, पूर्ण सिंह

  1. रामचंद्र शुक्ल–प्रेमचंद युग(1920–1936 ई.)
    • रामचंद्र शुक्ल – निबंध, साहित्य इतिहास, समालोचना (हिंदी साहित्य का इतिहास)
    • प्रेमचंद – यथार्थवादी कथा साहित्य (सेवासदन, गोदान, गबन; कहानियाँ – कफ़न, ईदगाह)
    • अन्य कथाकार: वृंदावनलाल वर्मा, राहुल सांकृत्यायन, उपेन्द्रनाथ अश्क
    • नाटक: जयशंकर प्रसाद (चंद्रगुप्त, स्कंदगुप्त, ध्रुवस्वामिनी)

  1. अद्यतन युग(1936–वर्तमान)
    • विचारात्मक निबंध – पं. हजारी प्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, यशपाल
    • ललित निबंध – हजारी प्रसाद द्विवेदी, विद्यानिवास मिश्र, विवेकी राय
    • व्यंग्य – हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, श्रीलाल शुक्ल
    • उपन्यास – जैनेन्द्र, अज्ञेय, अमृतलाल नागर, रेणु, मोहन राकेश
    • नाटक – मोहन राकेश, लक्ष्मीकांत वर्मा
    • नई विधाएँ – यात्रा वृत्तांत, रिपोर्ताज, रेडियो रूपक, आलेख

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