चल रे तुमा बाटे बाट छत्तीसगढ़ी कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 17
तइहा के बात आय। एक गाँव म एक झन डोकरी राहय। ओकर राहय एक झन बेटी, तेन
ह अपन ससुराल चल दे राहय।
डोकरी के बेटी के गाँव ह अब्बड़ दुरिहा म राहय। डोकरी ल अपन बेटी के खूबेच
सुरता आवय। फेर का करय, बेटी के ससुराल के रद्दा म जंगल अउ पहाड़, तिंहाँ बघवा, भलुवा अउ चितवा के माड़ा।
डर के मारे रद्दा रेंगना घलो मुस्कुल होवय।
जाय बर सोंचिस। बने-बने रोटी-पीठा बना लिस अउ मोटरी म बाँध के चलते बनिस।
जंगल भीतरी डोकरी बिचारी रेंगत राहय। थोकिन दुरिहा म डोकरी ह बघवा
ल देखके, काँपे लगिस। बघवा ह तीर म आथे अउ गुर्रा के कहिथे- “अवो डोकरी,
मोला गजब भूख लागत हे। मैं तोला खाहूँ।”
तब डोकरी कहिथे-“बेटा, देख तो मैं ह जर-बुखार मैं दुबरागे हवँव। अपन बेटी घर जावत हँव। उँहा ले बने मोटा के आहूँ तब तैं मोला खा लेबे।”
बघवा खुश हो के कहिथे-“हव,हव बने काहत हस डोकरी दाई। जा, झटकुन लहुट आबे।” डोकरी लकर-धकर रेंगिस, तहाँ थकगे। थोकिन सुरतइस, फेर रेंगिस। रेंगते-रेंगत
उही रददा म डोकरी ल फेर एक ठन भलुवा ह छेंक लिस। भलुवा अपन चूँदी ल हला के एक दिन डोकरी ह अपन बेटी घर कहिथे-” ये ओ डोकरी दाई, मोला अब्बड़ भूख लागे हे। मैं तोला नइ छोड़ँव। तोला खाहूँ।” तब डोकरी ह कहिथे-“सुन बेटा भलुवा, मैं अपन बेटी घर मोटाय बर जावत हँव। उहाँ ले आहूँ त मोला खा लेबे।” भलुवा ह डोकरी के बात ल मान के ओला छोड़ दिस। डोकरी बिचारी आगू डाहर रेंगिस। थोकिन दुरिहा म चितवा संग भेंट होगे। चितवा घलो खाहूँ किहिस, त डोकरी ह वोहू ल समझाइस। चितवा घलो मानगे।
रेंगत, बइठत, सुरतावत डोकरी अपन बेटी घर पहुँचगे। डोकरी ल देख के ओकर बेटी अब्बड़ खुश होगे। महतारी-बेटी दूनो झन दुख-सुख गोठियाइन। बने-बने खाइन। डोकरी गजब दिन रहिगे अपन बेटी घर। जब ओकर मन भरगे, त अपन बेटी ल कहिथे-“तोर घर राहत गजब दिन होगे बेटी। अब मैं अपन घर जाहूँ।” त बेटी कहिथे,”आज भर अउ रहि जा दाई, काली जुवार खा-पी के बने चल देबे।”
डोकरी कहिस-“का होही बेटी, एक दिन अउ रहि जहुँ। फेर मोला जाये बर हिम्मत नइ होवत हे। मैं ह संसो-फिकर म परगे हँव।”
“का संसो-फिकर म परे हस दाई? थोकिन महुँ ल बता ना।” डोकरी के बेटी ह पूछिस।
“कुछु उपाय बताबे त काम बन जाही बेटी,” डोकरी कहिस।
“हव दाई, मँय ह तोला बनेच उपाय बताहूँ।” बेटी ह कहिस।
तब डोकरी ह ऊपरसँस्सी ले के कहिथे-“सुन बेटी, मँय ह जब तोर घर आवत रहेंव त रद्दा म बघवा, भलुवा अउ चितवा मन मोला खाय बर छेंके रहिन। त ओ मन ल मैं ह भुलवारे हँव। बेटी घर ले मोटा के आहूँ, त मोला खा लेहू। वो तीनों झन मोर अगोरा म रद्दा देखत बइठे होहीं। अब मैं का करँव।”
अपन दाई के बात ल सुन के बेटी कहिस-“तैं थोरको संसो-फिकर झन कर दाई।”
थोकिन म डोकरी के बेटी ह एक ठन लम्बा अउ बने चाकर तुमा लाइस । ओला बने खोल दिस। तीन ठन छेदा कर दिस, नाक अउ आँखी बर। उही तुमा म डोकरी घुसरगे। फेर रद्दा म दुला के डोकरी के बेटी कहिस-“चल रे तुमा बाटे-बाट।”
अब तुमा ह रद्दा म दुलत-दुलत जावत राहय। रद्दा म चितवा ह आगू मिलिस।
चितवा ह तुमा ल पूछिस “कस रे तुमा, डोकरी ल तैं देखे हस का? तुमा भीतरी ले
डोकरी कहिस-“डोकरी देखेन न फोकली, चल रे तुमा बाटे-बाट।
तुमा दुलगत-ढुलगत भालू डहर चल दिस।
भलुवा डोकरी के अगोरा म राहय। तुमा ल देखिस त पूछिस-“ये जी तुमा, तैं डोकरी ल देखे हस का?”डोकरी फेर कहिस- “डोकरी देखेन न फोकली, चल रे तुमा बाटे-बाट।”
आखिर म बधवा घलो मिलिस। तुमा ल उहू पूछिस, त डोकरी ह फेर ओइसने कहिस-“डोकरी देखे न फोकली, चल रे तुमा बाटे-बाट।”
तुमा संग दुलगत-ढुलगत डोकरी अपन गाँव पहुँचगे। तहाँ तुमा ल फट ले फोर के।
डोकरी राहय तेन मुस्कावत उठगे।
प्रश्न 1: खाल्हे लिखाय प्रश्न के उत्तर
क. ये पाठ म काकर कहानी हवय?
ये पाठ म एक डोकरी अउ ओकर बेटी के कहानी हवय।
ख. ये पाठ म कोन-कोन जानवर के नाँव आय हे, तुमन ऊँकर नाँव बताव?
ये पाठ म बघवा, भलुवा, चितवा अउ तुमा के नाँव आय हे।
प्रश्न 1.1 अन्य उत्तर
अ. डोकरी के कै झन बेटी राहय?
डोकरी के एक झन बेटी राहय।
ब. जंगल म कोन-कोन जानवर के माड़ा राहय?
जंगल म बघवा, भलुवा अउ चितवा के माड़ा राहय।
स. डोकरी ल देख के कोन अब्बड़ खुश होगे?
डोकरी ल देखके ओकर बेटी अब्बड़ खुश होगे।
द. अपन दाई के बात ल सुनके बेटी का कहिथे?
अपन दाई के बात ल सुनके बेटी कहिथे, “तैं थोरको संसो-फिकर झन कर दाई। मँय ह तोला बने उपाय बताहूँ।”
प्रश्न 2: कहानी ल धियान लगाके पढ़व अउ लिखव
अ. “कुछु उपाय बताबे त काम बन जाही बेटी।”
डोकरी ह अपन बेटी ले कहिस।
ख. “चल रे तुमा बाटे-बाट।”
डोकरी के बेटी तुमा ले कहिस।
ग. “डोकरी देखेन न फोकली, चल रे तुमा बाटे-बाट।”
डोकरी ह तुमा के भीतर ले चितवा, भलुवा अउ बघवा तीनों झन ले कहिस।
घ. “अवो डोकरी, मोला गजब भूख लागत हे। मैं तोला खाहूँ।”
बघवा ह डोकरी ले कहिस।
प्रश्न 3: कारन बता के उत्तर लिखव
अ. डोकरी अपन बेटी घर काबर गइस?
डोकरी अपन बेटी के सुरता म अपन घर ले चलिस। बेटी संग दुख-सुख गोठियाय अउ समय बिताय बर गइस।
ब. बघवा ह डोकरी ल काबर छेंक लिस?
बघवा ह गजब भूखाय रहय, त डोकरी ल खाय बर छेंक लिस।