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इकाई : चौदह - जैव अणु
कार्बोहाइड्रेट : वर्गीकरण (ऐल्डोस और कीटोस), मोनोसैकैराइड (ग्लूकोस तथा फ्रक्टोज), D-L अभिविन्यास ऑलिगोसैकैराइड (सुक्रोस, लेक्टोस, माल्टोस), पॉलीसैकैराइड (स्टार्च, सेलुलोस, ग्लाइकोजन), कार्बोहाइड्रेट का महत्व |
प्रोटीन : ऐमीनों अम्लों पेप्टाइड बंध, पॉलिपेप्टाइड, प्रोटीन की प्राथमिक जानकारी, प्रोटीन की संरचना - प्राथमिक, द्वितीयक तृतीयक, चतुष्क संरचना, (केवल गुणात्मक विचार), प्रोटीन का विकृतीकरण, एन्जाइम, हार्मोन्स (संरचना को छोड़कर प्राथमिक जानकारी) । विटामिन : वर्गीकरण तथा कार्य
न्यूक्लीक अम्ल DNA तथा RNA
DNA की आणविक संरचना का सारांश

DNA की खोज और मॉडल
- मीश्चर (1869) ने DNA की खोज की।
- वाट्सन और क्रिक (1953) ने DNA की द्विसूत्री हेलिकल मॉडल प्रस्तुत की, जिसके लिए उन्हें 1962 में नोबेल पुरस्कार मिला।
- इस मॉडल के आधार पर, DNA की दो पॉलिन्यूक्लियोटाइड श्रृंखलाएँ एक-दूसरे से सर्पिल संरचना में लिपटी होती हैं।
DNA के प्रमुख तथ्य
- दोहरी श्रृंखला (Double Stranded):
DNA में दो पॉलिन्यूक्लियोटाइड श्रृंखलाएँ होती हैं। - अशाखित श्रृंखला: दोनों श्रृंखलाएँ Unbranched होती हैं।
- प्रतिसमानांतर (Antiparallel) संरचना: एक श्रृंखला का 3′ सिरा दूसरी के 5′ सिरे के पास होता है।
- 3′ सिरा – पेन्टोज़ शर्करा के तीसरे कार्बन से जुड़ा।
- 5′ सिरा – पेन्टोज़ शर्करा के पाँचवें कार्बन से जुड़ा।
- नाइट्रोजनी क्षारक (Nitrogenous Bases):
- चार प्रमुख क्षारक: एडिनीन (A), ग्वानीन (G), थायमिन (T), सायटोसिन (C)।
- एडिनीन-थायमिन के बीच 2 हाइड्रोजन बंध, और ग्वानीन-सायटोसिन के बीच 3 हाइड्रोजन बंध होते हैं।
- फॉस्फोडाइएस्टर बंध: न्यूक्लियोटाइड्स आपस में फॉस्फोडाइएस्टर बंधों के द्वारा जुड़ते हैं, जो DNA की रीढ़ (backbone) बनाते हैं।
- आनुवंशिक पदार्थ:
- सभी जीवों का मुख्य आनुवंशिक पदार्थ DNA है, सिवाय कुछ वायरस के।
- स्व-द्विगुणन:
- DNA अर्द्धसंरक्षी (Semiconservative) प्रक्रिया द्वारा स्वयं को द्विगुणित करता है।
निष्कर्ष
DNA की द्विसूत्री हेलिकेल संरचना जीवन के आनुवंशिक पदार्थ का मूल आधार है। इसकी अनूठी संरचना इसे आत्म-प्रजनन और आनुवंशिक सूचना को सटीक रूप से संचारित करने में सक्षम बनाती है।
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