महामानव (कहानी) अनवार आलम कक्षा 5 हिन्दी
महामानव (कहानी) आज से लगभग चौदह सौ साल पहले की बात है। अरब के नखलिस्तान में एक गरीब बुढ़िया घर में जलाने के लिए सूखी लकड़ियाँ चुन रही थी । बहुत-सी लकड़ियाँ इकट्ठी हो जाने पर उसने उनका एक गट्ठा…
TEACHER'S KNOWLEDGE & STUDENT'S GROWTH
महामानव (कहानी) आज से लगभग चौदह सौ साल पहले की बात है। अरब के नखलिस्तान में एक गरीब बुढ़िया घर में जलाने के लिए सूखी लकड़ियाँ चुन रही थी । बहुत-सी लकड़ियाँ इकट्ठी हो जाने पर उसने उनका एक गट्ठा…
सुनिता की पहिया कुर्सी (कहानी) सुनीता सुबह सात बजे सोकर उठी। कुछ देर तो वह अपने बिस्तर पर ही बैठी रही। वह सोच रही थी कि आज उसे क्या-क्या काम करने हैं। उसे याद आया कि आज तो बाजार जाना…
श्रम के आरती (कविता) काबर डर्राबोन कोनो ल, जब असल पसीना गारत हन हम नवा सुरुज परघाए बर श्रम के आरती उतारत हन । चाहे कोनों हाँसे थूके, रद्दा के काँटा चतवारत हन । हम नवा सुरुज परघाए बर, श्रम…
स्वामी आत्मानंद (जीवनी) ए हा साठ बछर पहिली के बात ए ओ समे म छोटे-छोटे नौकरी अमोल हो गे रहिस। नौकरी ला पाय बर जवनहा मन गजब उदिम करय। फेर एक झन जवनहा अइसे निकलिस जउन हा सब ले बड़े…
क्यूँ क्यूँ छोरी (चरित्र) छोटी-सी लड़की थी वह! क़रीब दस साल की एक बड़े-से साँप का पीछा कर रही थी। मैं उसके पीछे भागी और उसकी चोटी पकड़कर उसे ले आई। “ना, मोइना ना,” मैं उस पर चिल्लाई । “क्यूँ?”…
रेशम चंदन और सोने की धरती कर्नाटक (निबंध) दक्षिण भारत में काजू के आकार का एक राज्य है- कर्नाटक । दक्षिण भारतीय चारों राज्यों आंध्रप्रदेश, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में इसका प्रमुख स्थान है। कर्नाटक के उत्तर में महाराष्ट्र तथा…
जंगल के राम कहानी (कविता) सुनव-सुनव गा भाई मन, जंगल के राम कहानी | जंगल हमर सगा संबंधी, जंगल हमर जिनगानी || जंगल म रिहिन पुरखा मन, जनम-करम जंगल म जंगल के फर- फूल ल खा के बाढ़िन ओकर बल…
गुंडाधूर (जीवन चरित) छत्तीसगढ़ का दक्षिणी भाग बस्तर प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहाँ की कल-कल करती नदियाँ, झर-झर बहते झरने, मनोरम पर्वत मालाएँ तथा सुमधुर स्वर में चहकते वन-पक्षियों की आवाजें आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देने के लिए पर्याप्त…
पत्र कक्षा 5 हिन्दी 132, सी-1 शाहदरा दिल्ली 20 नवम्बर 2010 प्रिय मीना, नमस्ते। बड़े दिन की छुट्टियाँ होने वाली हैं। तुम कुछ दिनों के लिए दिल्ली अवश्य आना। तुम्हें याद होगा कि पिछले वर्ष हमने कितनी मौज-मस्ती से छुट्टियाँ…
चमत्कार (एकांकी) जाकिर अली ‘रजनीश’ पात्र परिचय (परदा खुलता है। मंच पर स्वामी जी अपना थैला तथा कुछ टीम-टाम लिए बैठे हैं। वे अपना चमत्कार दिखाने की तैयारी में हैं। परदा खुलते ही दर्शकों में खुसुर-फुसुर होने लगती है।) स्वामी:…