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डायटमों (Diatoms) – स्वर्ण शैवाल

डायटमों (Diatoms) – स्वर्ण शैवाल डायटम, जो कि स्वर्ण शैवाल (Golden Algae) या डायटम (Diatoms) के नाम से भी जाने जाते हैं, एककोशिकीय और सूक्ष्मदर्शीय शैवाल होते हैं। इनकी संरचना और जीवन चक्र के बारे में विस्तार से जानकारी निम्नलिखित…

घूर्णी कशाभ या अग्नि शैवाल या डाइनोफाइटा (Dinoflagellates or Pyrrophyta or Dinophyta)

घूर्णी कशाभ या अग्नि शैवाल या डाइनोफाइटा (Dinoflagellates or Pyrrophyta or Dinophyta) डाइनोफ्लैजिलेट्स (Dinoflagellates) एककोशिकीय, स्वपोषी जीव होते हैं जो मुख्य रूप से समुद्री पर्यावरण में पाये जाते हैं। इनका मुख्य लक्षण यह है कि इनमें दो कशाभिका (Flagella) होती…

प्रोटिस्ट जीवों में प्रजनन

प्रोटिस्टा जगत में प्रजनन (Reproduction in Protista Kingdom) प्रोटिस्टा जगत के जीवों में प्रजनन की दो मुख्य विधियाँ होती हैं: अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन। (A) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) अलैंगिक जनन में एक जीव अपने स्वयं के शरीर से…

प्रोटिस्टा जगत में प्रचलन

प्रोटिस्टा जीवों में प्रचलन के लिए विशिष्ट अंग पाये जाते हैं, जिन्हें प्रचलन अंग (Locomotory Organs) कहते हैं। ये अंग जीवों को उनके आवास में गतिशील होने में मदद करते हैं। प्रोटिस्टा जीवों में मुख्यतः तीन प्रकार के प्रचलन अंग…

प्रोटिस्टा जगत के लक्षण

प्रोटिस्टा (Protista) यूकैरियोटिक एककोशिकीय जीवों का एक समूह है। प्रोटिस्टा में ऐसे जीवों को रखा जाता है जो आमतौर पर एककोशिकीय होते हैं और पानी में निवास करते हैं। निम्नलिखित में इनकी प्रमुख विशेषताएँ दी गई हैं: प्रमुख लक्षण (Characteristic…

माइकोप्लाज्मा का आर्थिक महत्व

माइकोप्लाज्मा का आर्थिक महत्व (Economic Importance of Mycoplasma) माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma) छोटे, सेलविहीन सूक्ष्मजीव होते हैं जो मनुष्यों, पौधों, और जन्तुओं में विभिन्न रोग उत्पन्न करते हैं। इन रोगों का आर्थिक प्रभाव बहुत गहरा होता है क्योंकि ये कृषि, पशुपालन और…

माइकोप्लाज्मा

माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma) माइकोप्लाज्मा एक प्रकार के सूक्ष्मजीव हैं, जो जीवाणु और विषाणु दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं। ये प्रोकैरियोटिक जीव होते हैं और सबसे सूक्ष्म जीवों में से एक माने जाते हैं। इनकी खोज 1898 में नोकॉर्ड और रॉक्स…

सायनोजीवाणु – नीलहरित शैवाल

सायनोजीवाणु – नीलहरित शैवाल (Cyanobacteria – Blue-green Algae) परिचयसायनोजीवाणु, जिन्हें नीलहरित शैवाल (Blue-green algae) भी कहा जाता है, एककोशिकीय (Unicellular) या बहुकोशिकीय एवं तन्तुवत् प्रकाश संश्लेषी ग्राम ऋणात्मक जीवाणु होते हैं। पहले इन्हें शैवालों के रूप में वर्गीकृत किया गया…

तन्तुवत् या कवकसम जीवाणु (एक्टीनोमाइसीट्स )

तन्तुवत् या कवकसम जीवाणु (Actinomycetes) एक्टीनोमाइसीट्स (Actinomycetes), जिन्हें कवकसम जीवाणु (Mould bacteria) भी कहा जाता है, एक प्रकार के तन्तुवत् (filamentous) प्रोकैरियोटिक जीवाणु होते हैं। इनकी खोज हार्ज (Harz, 1877) ने की थी और इन्हें एक्टीनोमाइसीटेल्स (Actinomycetales) नामक गण में…

जीवाणु में प्रजनन

जीवाणु में प्रजनन (Reproduction in Bacteria) जीवाणुओं में प्रजनन की प्रक्रिया सरल और विविध होती है। ये मुख्य रूप से अलैंगिक (Asexual) प्रजनन द्वारा प्रजनन करते हैं, लेकिन कुछ मामलों में आनुवंशिक पुनर्योजन भी देखा जाता है। जीवाणुओं में प्रजनन…