अध्याय 5: अभाज्य समय (Notes in Hindi)
1. अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers)
→ वे संख्याएँ जिनके केवल दो गुणनखंड (1 और स्वयं संख्या) होते हैं।
उदाहरण: 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17…
2. भाज्य संख्याएँ (Composite Numbers)
→ वे संख्याएँ जिनके दो से अधिक गुणनखंड होते हैं।
उदाहरण: 4, 6, 8, 9, 10, 12 …
3. गुणनखंड (Factors)
→ यदि कोई संख्या दूसरी संख्या को पूरा-पूरा (बिना शेषफल) विभाजित कर दे, तो वह संख्या उस दूसरी संख्या का गुणनखंड कहलाती है।
उदाहरण: 12 के गुणनखंड = 1, 2, 3, 4, 6, 12
4. सह-अभाज्य संख्याएँ (Co-prime Numbers)
→ ऐसी दो संख्याएँ जिनका सामान्य गुणनखंड केवल 1 हो।
उदाहरण: 8 और 9, 14 और 15
5. अभाज्य गुणनखंडन (Prime Factorization)
→ किसी संख्या को उसके अभाज्य गुणनखंडों के गुणनफल के रूप में लिखना।
उदाहरण:
84 = 2 × 2 × 3 × 7
6. विभाज्यता (Divisibility)
→ यदि कोई संख्या दूसरी संख्या से पूरी तरह विभाजित हो जाए (शेषफल = 0), तो कहा जाता है कि वह संख्या उस संख्या से विभाज्य है।
उदाहरण: 8560 संख्या 10 से विभाज्य है।
7. गुणज (Multiples)
→ किसी संख्या को किसी धनात्मक पूर्णांक से गुणा करने पर प्राप्त परिणाम उस संख्या का गुणज कहलाता है।
उदाहरण: 10 के गुणज = 10, 20, 30, 40, 50…
8. विभाज्यता के नियम (Rules of Divisibility)
→ नियम जो बताते हैं कि कोई संख्या किसी अन्य संख्या से विभाज्य है या नहीं, बिना विभाजन किए।
- 2 से विभाज्यता: यदि संख्या का अंतिम अंक 0, 2, 4, 6 या 8 हो।
- 3 से विभाज्यता: यदि अंकों का योग 3 से विभाज्य हो।
- 5 से विभाज्यता: यदि संख्या का अंतिम अंक 0 या 5 हो।
- 10 से विभाज्यता: यदि संख्या का अंतिम अंक 0 हो।
9. आयताकार व्यवस्था (Rectangular Arrangement)
→ वस्तुओं को पंक्तियों और स्तंभों में इस प्रकार सजाना कि कुल वस्तुओं की संख्या = पंक्तियों × स्तंभों के बराबर हो।
उदाहरण: 12 वस्तुएँ → 3 पंक्तियाँ × 4 स्तंभ = 12