सममिति क्या है?
सममिति का तात्पर्य उस स्थिति से है, जब किसी आकृति को उसके सममिति अक्ष (Axis of Symmetry) के चारों ओर मोड़ा जाए और आकृति के दोनों हिस्से एक-दूसरे को पूरी तरह ढँक लें।
उदाहरण के लिए, नीचे दिए गए चित्र में टूटी रेखा सममिति का अक्ष है। यदि इस रेखा पर आकृति को मोड़ा जाए, तो आकृति के दोनों हिस्से एक-दूसरे को पूरी तरह से ओवरलैप कर लेते हैं।
समतल दर्पण का प्रयोग
जब सममिति अक्ष पर एक समतल दर्पण रखा जाता है, तो दर्पण में दिखाई देने वाला हिस्सा, आकृति के छिपे हुए हिस्से के समान होता है। इसे सममिति के आधार पर सममित आकृति कहा जाता है।
गैर-सममिति का उदाहरण
यदि किसी आकृति पर खींची गई रेखा पर मोड़ने से आकृति के दोनों हिस्से एक-दूसरे को पूरी तरह नहीं ढँकते, तो वह रेखा उस आकृति का सममिति अक्ष नहीं होगी।
उदाहरण के लिए, यदि हम एक दूसरी टूटी रेखा पर आकृति को मोड़ते हैं और दोनों हिस्से एक-दूसरे को पूरी तरह से नहीं ढँकते, तो वह रेखा सममिति अक्ष नहीं है।
सममिति की खोज
किसी आकृति में सममिति अक्ष ढूँढने के लिए, आकृति पर विभिन्न रेखाएँ खींचकर देखना चाहिए कि क्या वे रेखाएँ आकृति के हिस्सों को पूरी तरह ओवरलैप कराती हैं। यदि हाँ, तो वे रेखाएँ सममिति अक्ष होंगी।
दैनिक जीवन में सममिति
- प्रकृति में: फूलों, पत्तियों, और तितलियों में सममिति का सौंदर्य स्पष्ट रूप से दिखता है।
- कला और वास्तुकला में: ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, और डिजाइन सममिति पर आधारित होते हैं।
- विज्ञान में: परमाणुओं की संरचना और भौतिकी के नियम सममिति का पालन करते हैं।