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भिखारिन – गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर कक्षा 7वीं हिन्दी

अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1. दिव्यांग भिखारिन प्रतिदिन मंदिर के दरवाजे पर जाकर क्यों खड़ी हो जाती थी ?

उत्तर- दिव्यांग भिखारिन प्रतिदिन मंदिर के दरवाजे पर जाकर भीख माँगने के लिए खड़ी हो जाती थी।

प्रश्न 2. झोपड़ी के समीप पहुँचते ही वह दिव्यांग भिखारिन किसे अपने हृदय से लगा लेती थी और क्यों ?

उत्तर- झोंपड़ी के समीप पहुँचते ही वह दिव्यांग भिखारिन एक दसवर्षीय बच्चे को हृदय से लगा लेती थी क्योंकि वह अकेला छोड़कर भिक्षा माँगने निकल पड़ती थी। उसे सुबह से

प्रश्न 3. दिव्यांग स्त्री सेठ जी के पास अपनी हांडी जमा करने को लेकर परेशान क्यों थी ?

उत्तर- दिव्यांग स्त्री सेठ जी के पास अपनी हांडी जमा करने को हिचकिचाती रही कि कहीं उसके साथ कोई धोखा न हो जाए। उसे सेठ की नीयत पर यकीन नहीं होने के कारण वह परेशान थी ।

प्रश्न 4. सेठ जी की धर्मात्मा छवि भिखारिन के मन में कब टूट गई ?

उत्तर- जब भिखारिन अपनी जमा पूँजी वापस लेने जाती है तब सेठ जी उसकी भीख से संचित धन को लौटाने में छल करता है। तब भिखारिन के मन में सेठ जी की धर्मात्मा छवि टूट गई।

प्रश्न 5. सेठ जी ने मोहन को कैसे पहचाना ?

उत्तर- सेठ जी ने मोहन को देखते ही पहचान लिया किंतु उन्हें यकीन तब हुआ जब उन्होंने मोहन की जाँघ पर बचपन का वह लाल रंग का चिन्ह देखा ।

प्रश्न 6. तुम्हारा बच्चा है इसलिए लाख यत्न करके भी उसे बचाओगे, मेरा बच्चा होता उसे मर जाने देते क्यों ? ऐसा भिखारिन ने क्यों कहा ?

उत्तर- भिखारिन ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने जब बच्चे के इलाज के लिए सेठ जी से अपने धन को माँगा तो उन्होंने देने से साफ इंकार कर दिया लेकिन जब अपनी खोई हुई संतान को पहचान लिया तो उसे भिखारिन से छीन लिया कि वह उसका इलाज करवायेंगे। भिखारिन का यह व्यंग्य पूँजीवादी व्यवस्था व मिटती हुई इंसानियत को शर्मसार करता है।

प्रश्न 7. सेठ जी की ममता मोहन के प्रति क्यों उमड़ आई ?

उत्तर- क्योंकि मोहन उनका खोया हुआ पुत्र था अपने पुत्र देखकर सेठ जी की ममता उमड़ आई।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. हम धार्मिक स्थलो पर जाते है वहाँ मंदिरों के बाहर भीख माँगने वालों की एक कतार देखने को मिलती है। आप मित्रों से बात कीजिए कि लोग भीख क्यों माँगते है ?

उत्तर- लोग भीख इसलिए माँगते हैं कि वे बेबस लाचार, असहाय एवं अपाहिज होते हैं, वे कुछ काम करने योग्य नहीं होते।

प्रश्न 2. पाठ में लिखा है कि सेठ और भिखारिन दोनों की एक ही दशा थी। आप विचारकर लिखिए कि दोनों की यह दशा क्यों थी ?

उत्तर—दोनों की यह दशा इसलिए थी कि मोहन सेठ जी का अपना बच्चा या और सात वर्षों से भिखारिन ने उसका पालन-पोषण बड़ी ममता के साथ किया था। वह बच्चा बहुत ही ज्यादा बीमार हो गया था।

प्रश्न 3. कहानी में सेठ के व्यक्तित्व का कौन-सा पहलू आपको. प्रभावित करता है ? लिखिए।

उत्तर- कहानी में सेठ के व्यक्तित्व का वह पहलू कि धनवान होने के साथ ही साथ यह धार्मिक प्रवृत्ति का भी था लोगों की सहायता करता था। यह बात मानवीय प्रतीत होती है और यही व्यक्तित्व हमें प्रभावित करता है।

प्रश्न 4. एक विपन्न-सी स्त्री द्वारा भीख मांगकर जमा किये गये धन को सेठ द्वारा लेकर देने से इंकार करना किस प्रकार के मानवीय मूल्य का सूचक है ? साथियों से बात कर लिखिए।

उत्तर- एक विपन्न-सी स्त्री द्वारा भीख मांगकर जमा किये गये. धनको सेठ द्वारा लेकर देने से इंकार करना अमानवीय कृत्य है।
विश्वास घात करना व सेठ के लालची व स्वार्थी प्रवृत्ति का परिचायक है।

प्रश्न 5. कहानी के दोनों प्रमुख चरित्रों में से आपकी ही दृष्टि में महत्वपूर्ण कौन है ? एक बेटे के रूप में मोहन किसे अधिक चाहता है और क्यों ?

उत्तर—कहानी के दोनों प्रमुख चरित्रों में से हमारी दृष्टि से महत्वपूर्ण भिखारिन है। एक बेटे के रूप में मोहन भिखारिन को अधिक चाहता है क्योंकि भिखारिन होते हुए भी उस पालित बच्चों का वह बहुत ख्याल रखती थी।