कंकाल जोड़ एवं पेशियाँ कक्षा 7 विज्ञान पाठ 17

कंकाल जोड़ एवं पेशियाँ कक्षा 7 विज्ञान पाठ 17 स्मरणीय तथ्य

1. कशेरुक – छल्ले के जैसी हड्डियाँ जिनसे मिलकर मनुष्य की रीढ़ की हड्डी बनती है, को कशेरुक कहते हैं।

2. हसली – छाती के ऊपरी भाग में कंधे से लेकर गर्दन तक फैली हुई हड्डी को हसली कहते हैं।

3. संधि- हड्डियाँ आपस में जहाँ जुड़ती है वह स्थान जोड़ या संधि कहलाता है।

4. हमारा शरीर हड्डियों के ढाँचे से बना होता है जिसे कंकाल कहते हैं।

कंकाल जोड़ एवं पेशियाँ

5. मस्तिष्क खोपड़ी के अंदर सुरक्षित रहता है।

6. रीढ़ की हड्डी, कशेरुकाओं से मिलकर बनी होती है।

7. पसलियाँ, छाती में पिंजरे के समान रचना बनाने में सहायक है।

8. अंस मेखला से हाथों की तथा श्रोणी मेखला से पैरों की हड्डियाँ जुड़ी रहती हैं।

9. उपास्थि नरम और लचीली होती है। यह कान, नाक, कशेरुकाओं के बीच, पसलियों और छाती की हड्डियों के बीच में पायी जाती है।

10. अंस मेखला व हाथ की हड्डी के बीच तथा श्रोणी मेखला व जाँघ की हड्डी के बीच पाया जाने वाला जोड़ कंदुक-खल्लिका जोड़ कहलाता है।

11. कब्जा जोड़ कोहनियों में पाया जाता है।

12. माँसपेशियों के संकुचन और शिथिलन से हड्डियों में गति होती है।

13. हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में पाये जाने वाली पेशियाँ मिलकर पेशी तंत्र बनाती हैं।

1. मानव कंकाल (Human Skeleton)

  • शरीर में हड्डियों का बना ढांचा कंकाल कहलाता है।
  • हड्डियाँ शरीर को स्थिरता प्रदान करती हैं, हिलाने-डुलाने में मदद करती हैं, और आंतरिक कोमल अंगों (मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े) की सुरक्षा करती हैं।

2. प्रमुख हड्डियाँ एवं उनके कार्य

(क) खोपड़ी (Skull)

  • खोपड़ी कई हड्डियों से बनी होती है और अंदर से खोखली होती है।
  • यह मस्तिष्क की सुरक्षा करती है।
  • केवल निचला जबड़ा हिल सकता है, ऊपरी जबड़ा स्थिर रहता है।

(ख) रीढ़ की हड्डी (Backbone/Vertebral Column)

  • यह कई छोटी हड्डियों (कशेरुकाओं) से बनी होती है।
  • बच्चों में 33 कशेरुकाएँ होती हैं, जो उम्र के साथ 26 में परिवर्तित हो जाती हैं।
  • मेरुरज्जु (Spinal Cord) को सुरक्षा प्रदान करती है।

(ग) पसलियाँ (Ribs)

  • फेफड़े और हृदय को सुरक्षा देने के लिए पसलियाँ वक्षास्थि (Sternum) और मेरुदंड से जुड़ी होती हैं।
  • मनुष्य में कुल 12 जोड़ी पसलियाँ पाई जाती हैं।

(घ) कंधे की हड्डियाँ (Pectoral Girdle)

  • कंधे के नीचे दो उभरी हुई हड्डियाँ अंस मेखला कहलाती हैं।
  • हाथों की हड्डियाँ अंस मेखला से जुड़ी होती हैं।

(ड़) हसली (Clavicles)

  • यह गर्दन के नीचे, कंधे से जुड़ी एक पतली हड्डी होती है।

(च) कूल्हे की हड्डी (Pelvic Girdle)

  • यह मेरुदंड और जांघ की हड्डियों से जुड़ी होती है।
  • शरीर का भार सहन करने में मदद करती है।

(छ) हाथों की हड्डियाँ (Bones of the Hand)

  • कंधे से लेकर अंगुली तक कुल 27 हड्डियाँ पाई जाती हैं।
  • ऊपरी हाथ में 1, कोहनी से कलाई तक 2, कलाई और अंगुलियों में कई छोटी हड्डियाँ होती हैं।

(ज) पैरों की हड्डियाँ (Bones of the Leg)

  • सबसे बड़ी और मजबूत हड्डी जांघ की हड्डी (Femur) होती है।
  • घुटने के नीचे दो लंबी हड्डियाँ पाई जाती हैं।

(झ) घुटना (Knee)

  • यह शरीर का सबसे बड़ा जोड़ होता है, जिसे पटेला (Patella) कहते हैं।

(ञ) लचीली हड्डी (Cartilage)

  • कान, नाक, पसलियों, तथा मेरुदंड के कशेरुकों के बीच पाई जाती है।
  • यह अधिक लचीली और मजबूत होती है।

3. संधियाँ (Joints) और उनके प्रकार

  • शरीर में जहाँ हड्डियाँ जुड़ती हैं, उन्हें संधियाँ या जोड़ कहते हैं।
  • ये विभिन्न प्रकार के होते हैं:

(क) कंदुक-खल्लिका जोड़ (Ball and Socket Joint)

  • सभी दिशाओं में गति करने वाला जोड़ होता है।
  • उदाहरण: कंधा और जांघ का जोड़।

(ख) कब्जा जोड़ (Hinge Joint)

  • एक दिशा में गति कर सकता है।
  • उदाहरण: कोहनी, घुटना, अंगुलियाँ।

(ग) सर्पी जोड़ (Gliding Joint)

  • यह हड्डियों को आंशिक गति देता है।
  • उदाहरण: रीढ़ की हड्डी, कलाई।

(घ) घूर्णन जोड़ (Pivot Joint)

  • एक हड्डी दूसरी के चारों ओर घूम सकती है।
  • उदाहरण: गर्दन का जोड़।

4. पेशियाँ (Muscles) और उनकी भूमिका

  • पेशियाँ हड्डियों को गति प्रदान करती हैं।
  • मनुष्य के शरीर में तीन प्रकार की पेशियाँ पाई जाती हैं:

(क) कंकाल पेशियाँ (Skeletal Muscles)

  • हड्डियों से जुड़ी होती हैं और इच्छानुसार गति करती हैं।
  • उदाहरण: भुजाओं की पेशियाँ।

(ख) चिकनी पेशियाँ (Smooth Muscles)

  • स्वतः चलती हैं, नियंत्रण में नहीं होतीं।
  • उदाहरण: आंतों और रक्त वाहिनियों की पेशियाँ।

(ग) हृदय पेशी (Cardiac Muscle)

  • केवल हृदय में पाई जाती है और स्वतः कार्य करती है।

5. मानव कंकाल प्रणाली के महत्व

  • शरीर का आकार बनाए रखना।
  • हड्डियों द्वारा अंगों की सुरक्षा।
  • गति में सहायक।
  • शरीर में रक्त कोशिकाओं का निर्माण।