तालागांव कक्षा 5 वीं विषय- पर्यावरण अध्ययन अध्याय 21
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- छत्तीसगढ़ में कई ऐतिहासिक महत्व के स्थान हैं।
- छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक महत्व के स्थानों में रायपुर, डोंगरगढ़, धमतरी, दंतेवाड़ा, सिरपुर, बारसूर, आरंग, राजिम, चम्पारण तालागाँव आदि हैं।
- तालागाँव मनियारी नदी के तट पर बसा है। यहाँ का देवरानी जेठानी का मंदिर प्रसिद्ध है।
- यहाँ रुद्र शिव की मूर्ति है।
- तालागाँव से कुछ दूरी पर मनियारी तथा शिवनाथ नदी का संगम स्थल है।
- यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत मनोरम है।
- मनियारी नदी के तट पर तालागाँव में लाल बलुआ पत्थर पाया जाता है।
- 1500 साल पहले बने यहाँ के मंदिरों में बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।
- यहाँ पत्थर से बने शिव की मूर्ति के 10 मुख हैं, प्रत्येक मुख की बनावट अलग-अलग है। इन मुखों पर नाग, मोर, गिरगिट मछली, केवड़ा, सर्प आदि जन्तुओं के चित्र उकेरे गये हैं।
- यह शिव की मूर्ति 9 फीट लंबी, 4 फीट चौड़ी और 2.5 फीट मोटी है। इसका वजन 5 हजार ग्राम है।
- शिव जी को पशुपति कहा जाता है।
- यहाँ शिवरात्रि के समय हर साल सात दिन का मेला लगता है।
पाठ के मध्य के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 2. इन मंदिरों को बनाने के लिए पत्थर कैसे लाया गया होगा?
उत्तर- इन मंदिरों को बनाने के लिए लाल बलुआ पत्थर बैलगाड़ी से लाया गया होगा।
प्रश्न 3. आज से डेढ़ हजार वर्ष पहले का जीवन कैसा रहा होगा? तब क्या ट्रक एवं ट्रेक्टर रहे होंगे?उत्तर- आज से डेढ़ हजार वर्ष पहले का जीवन बड़ा संघर्षमय रहा होगा, वे खानाबदोश जीवन जीते थे। तब ट्रक एवं ट्रेक्टर नहीं रहे होंगे।
प्रश्न 4. मनियारी नदी से बड़े-बड़े पत्थरों को मंदिर तक कैसे पहुँचाया गया होगा ?
उत्तर- मनियारी नदी से बड़े-बड़े पत्थरों को बाँस बलगी या बैलगाड़ी द्वारा मंदिरों तक पहुँचाया गया होगा।
हमने क्या सीखा
मौखिक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. तालागाँव में कौन से दो प्रसिद्ध मंदिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं?
उत्तर – तालागाँव में देवरानी-जेठानी दो प्रसिद्ध मंदिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
प्रश्न 2. देवरानी मंदिर किस देवता का मंदिर है ? उत्तर- देवरानी मंदिर शिव देवता का मंदिर है।
प्रश्न 3. तालागाँव के मंदिर में किस प्रकार के पत्थरों का प्रयोग किया गया है ?
उत्तर-तालागाँव के मंदिर में लाल बलुआ प्रयोग किया गया है।