दर्पण का खेल कक्षा 5 वीं विषय- पर्यावरण अध्ययन अध्याय 12
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- दर्पण को शीशा तथा आईना कहते हैं।
- दर्पण की सतह चमकदार होती है।
- दर्पण बनाने के लिए काँच की समतल पट्टी की सतह को चाँदी की पालिश करके उस पर गहरे रंग का पेंट किया जाता है।
- जब प्रकाश किसी वस्तु से टकराता है, तब वह सभी दिशा में फैल जाता है। 5. प्रकाश के इस गुण के कारण ही हम उस वस्तु को देख सकते हैं।
- दर्पण में प्रतिबिम्ब उल्टा दिखाई देता है।
- सूर्य की रोशनी दर्पण पर पड़ने पर दर्पण से टकराकर जो रोशनी निकलती है, वह इन्द्रधनुष के रंग जैसी होती है।
- समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब का दायाँ भाग वस्तु का बाँया भाग और प्रतिबिंब का बायाँ भाग वस्तु का दायाँ । भाग होता है।
- किसी चमकदार सतह से प्रकाश की किरणों का टकराकर किसी निश्चित दिशा में चले जाना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है।
- 10. समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब वस्तु के आकार का होता है तथा दर्पण से उतनी ही दूरी पर पीछे बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के आगे होती है।
पाठ के मध्य के प्रश्नोत्तर
प्रयोग 1
दायाँ-बायाँ
जब तुम दाएँ हाथ से कंघी करते हो तो दर्पण में कौन-सा हाथ उठेगा? दायाँ या बायाँ?
उत्तर- दर्पण में प्रतिबिंब उल्टा दिखाई देता है। जब हम दाएँ हाथ से कंघी करते हैं तब दर्पण में बायाँ हाथ उठेगा।
प्रयोग 2
अगर तुम अपनी दाईं आँख बंद करोगे तो दर्पण में कौन-सी आँख बंद होगी। अपना नाम कॉपी पर लिख लो अब इसको दर्पण में देखो ।
उत्तर- -अगर हम अपनी दाईं आँख बंद करेंगे तो दर्पण में बाईं आँख बंद होगी। इसी तरह अपना नाम कॉपी में कमल लिखा तो दर्पण में इसका उल्टा दिखेगा।
हमने क्या सीखा
मौखिक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. दर्पण का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है ?
उत्तर- दर्पण का उपयोग चेहरा देखने में, नाई की दुकान में, दाढ़ी बनाने में, डॉक्टरों द्वारा नाक, कान, गला की जाँच करने में टार्च तथा सर्चलाइट में, वाहनों में ड्राइवरों द्वारा अपने पीछे के वाहनों को देखने में किया जाता है।