प्रकाश का अपवर्तन कक्षा 8 वीं विज्ञान अध्याय 9
महत्वपूर्ण बिन्दु
- प्रकाश किरणें जिनमें से आसानी से पार हो जाती है ऐसे पारदर्शी माध्यम प्रकाशीय माध्यम कहलाते हैं। जैसे- काँच, पानी, हवा आदि।
- जब प्रकाश किरणें एक प्रकाशीय माध्यम से अन्य (दूसरे) प्रकाशीय माध्यम में प्रवेश करती हैं तो प्रकाश किरणें अपने पथ से विचलित (मुड़ आती है) हो जाती हैं इस घटना को अपवर्तन कहते हैं।
- प्रकाश किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम (हवा से पानो) में प्रवेश करने पर अभिलंब की तरफ झुकती है जबकि सघन से माध्यम (पानी से हवा) में जाने पर अभिलंब से दूर हट जाती हैं।
- अपवर्तनांक प्रकाश का निर्वात (हवा) में वेग प्रकाश का उस माध्यम में वेग इससे माध्यम में अपवर्तन द्वारा हुए विचलन की मापते हैं।
- दो पृष्ठों से घिरे हुए पारदर्शी माध्यम को लेंस कहते हैं। इसका एक पृष्ठ गोलीय व दूसरा पृष्ठ समतल या गोलीय हो सकता है।
- लेंस दो प्रकार के होते हैं। उत्तल लेंस दोनों किनारों पर पतला मध्य में मोटा होता है जबकि अवतल लेंस मध्य में पतला व किनारों पर मोटा होता है।
- लेंस में मुख्य अक्ष, प्रकाश केंद्र, मुख्य फोकस, फोकस दूरी आदि की जानकारी जरूरी है।
- भिन्न-भिन्न स्थितियों में लेंस द्वारा बनने वाले प्रतिबिंब भिन्न-भिन्न होते हैं।
- लेंस का केंद्र प्रकाश केंद्र होता है। प्रकाश इसमें से बिना मुड़े पार हो जाता है। 10. प्रकाश केंद्र से फोकस (मुख्य) के मध्य की दूरी फोकस दूरी कहलाती है।
- उत्तल लेंस का उपयोग आवर्धक लेंस, सूक्ष्मदर्शी एवं दूरदर्शी बनाने में किया जाता है।
- मानव नेत्र का लेंस में समंजित होने वाला फोकस दूरी होता है। वस्तु के आधार पर यह परिवर्तित हो सकता है।
- मानव नेत्र में निकट दृष्टि दोष अवतल लेंस से दूर किया जाता है।
- मानव नेत्र में दूर दृष्टि दोष को उत्तल लेंस से दूर किया जाता है।
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रकाश किरण के जाने पर उसके पथ में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर- सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रकाश किरण के जाने पर वह अभिलंब से दूर हटेंगे।
प्रश्न 2. माध्यम 1 से माध्यम 2 में जाने पर प्रकाश की किरण लंब की ओर विचलित होती है। इन माध्यमों की सघनता या विरलता में आप क्या कह सकते हैं ?
उत्तर- माध्यम 1 से माध्यम 2 में जाने पर प्रकाश किरण लंब की ओर विचलित होती है। यह किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश कर रही है। अर्थात् माध्यम 1 विरल माध्यम है। और माध्यम 2 सघन माध्यम है।
प्रश्न 3. एक प्रकाशीय माध्यम की सतह पर लंबवत् पड़ने वाली प्रकाश की किरण किस दिशा में आगे बढ़ेगी ?
उत्तर- एक प्रकाशीय माध्यम की सतह पर लंबवत् पड़ने वाली प्रकाश की किरण सीधा आगे बढ़ जायेगी।
प्रश्न 4. काँच पानी से अधिक सघन माध्यम है अतः हवा से काँच का अपवर्तनांक हवा से पानी के अपवर्तनांक से कम होगा या ज्यादा।
उत्तर- काँच पानी से अधिक सघन माध्यम है। अतः हवा से काँच का अपवर्तनांक हवा से पानी के अपवर्तनांक से ज्यादा होगा।
प्रश्न 5. लेंस किसे कहते हैं? ये प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-लेंस दो पृष्ठों के घिरे पारदर्शी माध्यम को कहते हैं। इसका एक गोलीय व दूसरा सतह गोलीय या समतल होता है। लेंस दो प्रकार का होता है- (i) उत्तल लेंस, (ii) अवतल लेंस ।
प्रश्न 6. परिभाषित कीजिए- (i) मुख्य अक्ष, (ii) प्रकाश केंद्र, (iii) फोकस।
उत्तर- (i) मुख्य अक्ष- लेंस के दोनों गोलीय पृष्ठों के वक्रता केंद्रों को मिलाने वाली रेखा को मुख्य अक्ष कहते हैं।
(ii) प्रकाश केंद्र- यह लेंस का केंद्र है। जिसमें से प्रकाश बिना मुड़े गुजर जाता है।
(iii) फोकस – मुख्य अक्ष के समानांतर आने वाली किरणें से निकलने के बाद मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर मिलती है। या मिलती हुई प्रतीत होती हैं फोकस कहलाता है।
प्रश्न 7. लेंस द्वारा प्रतिबिंब बनाने के नियम लिखिये।
उत्तर- लेंस द्वारा प्रतिबिंब बनाने के नियम निम्नलिखित हैं-
1. उत्तल लेंस– (i) सभी वास्तविक प्रतिबिम्ब (जो पर्दे पर बनते हैं) उल्टे होते हैं।
(ii) जैसे-जैसे वस्तु को लेंस के पास लाया जाता है, प्रतिबिंब दूर हटता है।
(iii) जैसे-जैसे वस्तु को लेंस के पास लाते हैं प्रतिबिंब का आकार बढ़ता है।
(iv) जब वस्तु लेंस के बहुत पास होती है वास्तविक प्रतिबिंब नहीं बनता।
2. अवतल लेंस – वस्तु कहीं भी रखें सदैव आभासी एवं – छोटा प्रतिबिंब बनता है।
प्रश्न 8. सिनेमा हॉल के परदे पर दिखाई देने वाले चित्र वास्तविक होते हैं या आभासी ।
उत्तर- सिनेमा हॉल के परदे पर दिखाई देने वाला चित्र वास्तविक प्रतिबिंब है।
प्रश्न 9. सुस्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का मान कितना होता है
उत्तर- सुस्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का मान 25 सेमी है।
प्रश्न 10. मानव नेत्र में प्रतिबिंब कहाँ पर बनता है ?
उत्तर- मानव नेत्र में प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है।
प्रश्न 11. निकट दृष्टि दोष क्या है ? इसे कैसे दूर किया जाता है ?
उत्तर- इस दोष में पास रखी हुई वस्तुएँ साफ दिखाई देती हैं, परन्तु दूर की वस्तुओं का प्रतिबिम्ब रेटिना के आगे बनने के कारण स्पष्ट दिखाई नहीं देता। इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 12. दूर दृष्टि दोष क्या है ? इसका निवारण कैसे किया जाता है ? सचित्र वर्णन कीजिये। अथवा दूर दृष्टि दोष से आप क्या समझते हैं ? इसे कैसे किया जा सकता है ? दूर
उत्तर- इस दोष में दूरी पर रखी वस्तुएँ ठीक से दिखाई देती हैं, परन्तु पास की वस्तुओं का प्रतिबिम्ब रेटिना के पीछे के भाग में बनता है अतः वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई नहीं देती। इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है जिससे प्रतिबिम्ब रेटिना पर बन सके।
चित्र-दूर दृष्टि दोष निराकरण
प्रश्न 13. सही विकल्प चुनिए-
1. काँच का अपवर्तनांक होता है-
(a) 1-5
(b) 1-3
(c) 2-4
(d) 1.0.
2. लेंस का वह बिन्दु जिससे होकर जाने पर प्रकाश की किरण बिना विचलन के गुजर जाती है, कहलाता है-
(a) फोकस
(b) प्रकाश केन्द्र
(d) वक्रता केन्द्र।
(c) फोकस दूरी
3. जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो अपने पूर्व पथ से विचलित हो जाती है, इसे कहते हैं-
(a) प्रकाश का परावर्तन
(b) प्रकाश का अनियमित परावर्तन
(c) प्रकाश का अपवर्तन
(d) इनमें से कोई नहीं।
4. उत्तल लेंस द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति क्या होगी जब वस्तु 2F पर हो-
(a) 2F पर
(b) F पर
(c) F और 2F के बीच
(d) F और प्रकाश केन्द्र के बीच।
उत्तर- 1. (a), 2. (b), 3. (c), 4. (a) 1
प्रश्न 14. उचित संबंध जोड़िए-
वस्तु की स्थिति | प्रतिबिम्ब की स्थिति |
1. F पर | (a) F. और 2F के बीच |
2. F और 2F के बीच | (b) वस्तु की ओर ही |
3. 2F से परे | (c) अनंत पर |
4. F और प्रकाश केन्द्र के बीच | (d) 2F से परे । |
उत्तर- 1. (b), 2. (d), 3. (a), 4. (c).
प्रश्न 15. अपवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- जब प्रकाश किरणें एक प्रकाशीय माध्यम से दूसरे प्रकाशीय माध्यम में प्रवेश करता है तो प्रकाश किरणें अपने पथ से विचलित हो जाती हैं यह घटना प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है।
प्रश्न 16. जब प्रकाश की किरण काँच से होकर जल में प्रवेश करेगी तब वह किस ओर झुकेगी, अभिलंब की ओर या अभिलंब से दूर ? समझाइए ।
उत्तर- जब प्रकाश की किरण कांच से होकर जल में प्रवेश करेगी तब वह अभिलंब से दूर हटेगी। ऐसा अपवर्तन के कारण होता है।
प्रश्न 17. किसी माध्यम के अपवर्तनांक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- निर्वात् या प्रकाश का मुक्त अन्तरिक्ष में वेग (जो वायु में प्रकाश के वेग के लगभग तुल्य हैं) और दूसरे माध्यम में प्रकाश के वेग का अनुपात उस माध्यम का अपवर्तनांक कहलाता है।
सूत्र के रूप में-
माध्यम का अपवर्तनांक
निर्वात् या मुक्त अन्तरिक्ष या वायु में प्रकाश का वेग/ माध्यम में प्रकाश का वेग