पदार्थों का पृथक्करण कक्षा 6 विज्ञान पाठ 4
1. मिश्रण दो या दो से अधिक पदार्थों से मिलकर बना होता है। मिश्रण में विद्यमान पदार्थ अपने गुण बनाये रखते हैं।
2. मिश्रण के अवयवों को एक या एक से अधिक विधि से पृथक किया जा सकता है।

3. शुद्ध पदार्थ केवल एक ही प्रकार के अणु से मिलकर बने होते हैं।

4. मिश्रण के अवयवों का पृथक्करण किसी अवांछनीय अवयव को अलग करने के लिए या हानिकारक अवयव को निकालने के लिए या किसी पदार्थ को शुद्ध रूप में प्राप्त करने के लिए अथवा किसी उपयोगी अवयव को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।


5. मिश्रण के अवयवों को पृथक् करने के लिए निम्नलिखित विधियों को प्रयुक्त किया जाता है हाथ से बीनना, चालना, उड़ावती, फटकना, चुम्बकीय पृथक्करण, निधारना, भारण, अपकेंद्रण, छानना, वाष्पीकरण, क्रिस्टलीकरण, आसवन, ऊर्ध्वपातन।


6. किसी तरल पदार्थ को वास्प में बदलने की क्रिया को वाष्पीकरण कहा जाता है। समुद्र जल से नमक इसी विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।

7. किसी वाष्पशील ठोस पदार्थ को गर्म कर सीधे वाष्म में बदलने की क्रिया को ऊर्ध्वपातन कहा जाता हैं ।


8. किसी विलयन से शुद्ध द्रव प्राप्त करने के प्रक्रम को आसवन कहते हैं।



अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनिए-
1. निम्नलिखित में से किस मिश्रण को हाथ से बीनकर पृथक् किया जा सकता है-
(अ) साधारण नमक तथा रेत
(ब) लकड़ी का बुरादा तथा लौह चूर्ण
(स) चावल तथा कंकड़
(द) कपूर और रेत
उत्तर–(स) चावल तथा कंकड़।
2. दाल को धोकर साफ करने में किस विधि का प्रयोग किया जाता है-
(अ) फटकना
(स) चालना
(ब) हाथ से बीनना
(द) निधारना।
उत्तर- (द) निधारना।
3. लोहे एवं कोयले के चूर्ण को पृथक् करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है-
(अ) वाष्पीकरण…
(ब) फटकना
(स) चुम्बकीय पृथक्करण
(द) निधारना। चुम्बकीय पृथक्करण।
4. आयोडीन तथा नमक के मिश्रण से आयोडीन को पृथक् करने की विधि है-
(अ) वाष्पन
(ब) निधारना
(स) छानना
(द) उर्ध्वपातन।
उत्तर- (द) ऊर्ध्वपातन।
प्रश्न 2. उचित संबंध जोड़िए-
‘क’ | ख’ |
1. नौसादर तथा रेत को अलग करना | चुम्बकीय पृथक्करण |
2. गंदे पानी में फिटकरी मिलाना | पृथक्कारी कीप द्वारा |
3. मिश्रण को तेज गति से घुमाना | वाष्पीकरण |
4. मूंगफली का तेल तथा जल | भारण |
5. रेत तथा लोहे का चूर्ण | अपकेन्द्रण |
6. साधारण नमक का जल में विलयन | उर्ध्वपातन । |
उत्तर- 1. ऊर्ध्वपातन, 2. भारण, 3. अपकेन्द्रण, 4. पृथक्कारी कीप द्वारा, 5. चुम्बकीय पृथक्करण, 6. वाष्पीकरण।
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1……… विधि द्वारा कचरे के ढेर से लौह चूर्ण पृथक् करते हैं।
2…………. की सहायता से दो परस्पर अमिश्रणीय द्रवों को अलग किया जाता है।
.3………. विधि द्वारा आटे में चोकर पृथक् किया जाता है।
4………. विधि द्वारा गेहूँ से भूसा अलग किया जाता है।
5. वर्षा के बाद आसमान साफ दिखाई देता है। क्योंकि धूल के कण वर्षा की बूंदों से………. होकर पृथ्वी पर आ जाते हैं।
6………. विधि द्वारा समुद्र तल से पानी वाष्प में बदलकर बादल बनता है तथा ………… विधि द्वारा वर्षा में बदल जाता है।
उत्तर- 1. चुम्बकीय पृथक्करण 2. पृथक्कारी कीप, 3. चालना, 4. उड़ावनी, 5. संघनित, 6. वाप्पन, संघनन ।
प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. डामर गोली (नैपथेलीन) तथा रेत के मिश्रण को किस प्रकार पृथक् करेंगे ?
उत्तर- डामर गोली (नैपथेलीन) तथा रेत के मिश्रण को अलग करने के लिए ऊर्ध्वपातन की विधि उपयोग में लाते हैं। इसके लिए इस मिश्रण को एक चाइना डिश पर लेते हैं। इस डिश को त्रिपाद स्टैण्ड पर रखकर इसे काँच की एक कीप को उल्टा करके ढक देते हैं। कीप की नली का मुँह रुई से बन्द रखते हैं। अब डिश को गर्म करते हैं। डामर गोली (नैफ्थलीन) का धुएँ के रूप में ऊर्ध्वपातन होने लगता है। डिश को तब तक गर्म करते हैं जब तक कि धुआं निकलना बन्द न हो जाये। इसके बाद मिश्रण को गर्म करना बन्द कर देते हैं। कीप की सतह पर डामर गोली (नैपथेलीन) जमा हुआ मिलेगा। चाइना डिश पर केवल रेत बच जायेगा।

2. नारियल तेल तथा पानी के मिश्रण को पृथक् करने के लिए प्रयुक्त विधि को समझाइए ।
उत्तर- नारियल तेल तथा पानी अमिश्रणीय द्रव है अतः दोनों द्रवों को अलग करने के लिए पृथक्कारी कीप उपयोग में लाते हैं। नारियल तेल तथा पानी के मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डालकर कुछ समय लिए छोड़ देते हैं। पानी की भारी परत नीचे और तेल की हल्की परत ऊपर आ जाती है। कीप का स्टॉप कॉर्क • खोलकर पानी की भारी परत को बीकर में एकत्रित कर लें। इस प्रकार दो अमिश्रणीय द्रवों को पृथक् कर लिया जाता है।

चित्र-पृथक्कारी कीम द्वारा पृथक्करण
3. फिटकरी के विलयन से फिटकरी कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर- एक बीकर को पानी से एक चौथाई भर लेते हैं। उसमें धीरे-धीरे फिटकरी विलयन डालते हैं तथा काँच की छड़ की सहायता से हिलाते जाते हैं। विलयन को गर्म कर कुछ और मात्रा में फिटकरी विलयन मिलाते हैं फिटकरी विलयन उसमें तब तक मिलाते हैं, जब तक उसमें और अधिक फिटकरी घुलना बंद न हो जाये। इस गर्म विलयन को छन्ना कागज की सहायता से छानकर अशुद्धियाँ दूर कर लेते हैं। अब इसे ठंडा करने के लिए रख देते हैं। थोड़ी देर बाद बीकर की तली में शुद्ध फिटकरी के क्रिस्टल दिखाई देंगे। यह क्रिया क्रिस्टलीकरण कहलाती है।

4. दूध से मक्खन प्राप्त करने की विधि को समझाइए ।
उत्तर- दूध में से मक्खन पृथक् करने के लिए अपकेन्द्रण विधि उपयोग में लाते हैं। दूध को एक बोतल में बन्द करके किसी वृत्ताकार पथ पर क्षैतिज तल में तेजी से घुमाते हैं। क्रीम केन्द्रीय अक्ष के आस-पास इकट्ठी हो जाती है। बर्तन को हिलाना बन्द करने पर हल्की होने के कारण मक्खन दूध पर तैरने लगती है। जिसे अलग कर लिया जाता है।

5. निम्नलिखित मिश्रणों के पृथक्करण में अवयवों के किस गुण का प्रयोग किया जाता है ?
(अ) नमक तथा चाक का पावडर
(ब) चावल तथा भूसा
(स) आयोडीन तथा कोयला
(द) लौह चूर्ण तथा लकड़ी का बुरादा
(इ) रेत तथा चावल का मिश्रण।
उत्तर- (अ) नमक तथा चाक का पावडर-घुलनशीलता के आधार पर पृथक किया जाता है। नमक घुलनशील है और चाक का पावडर अघुलनशील।
(ब) चावल तथा भूसा-भार का अन्तर होता है। भूसा हल्का तथा चावल भारी होता है।
(स) आयोडीन तथा कोयला-ऊर्ध्वपातन के आधार पर आयोडीन ऊर्ध्वपातित है तथा कोयला नहीं।
(द) लौह चूर्ण तथा लकड़ी का बुरादा-चुम्बकशीलता के आधार पर पृथक किया जाता है, लौह चूर्ण चुम्बकीय होता है तथा लकड़ी का बुरादा अचुम्बकीय।
(इ) रेत तथा चावल का मिश्रण- आकार का अन्तर होता है।
6. समुद्री जल से नमक किस प्रकार प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर- ज्वार के समय समुद्री जल को छोटी-छोटी क्यारियों में एकत्रित कर लिया जाता है। यह जल सूर्य प्रकाश की गर्मी से वाष्पीकृत हो जाता है तथा नमक क्यारियों में बचा रह जाता है।

7. किसी मिश्रण के अवयवों के पृथक्करण की विधि के चुनाव के क्या आधार हैं ?
उत्तर- किसी मिश्रण के अवयवों का पृथक्करण उसके गुणों के आधार पर किया जाता है। दैनिक जीवन में कुछ पदार्थों को उपयोग में लाने से पहले उसके कम उपयोगी तथा अनुपयोगी पदार्थ को अलग करते हैं।
उदाहरण-
1. दाल चावल में पाए जाने वाले कंकड़ों को बीन कर पृथक् किया जाता है। इस विधि को बीनना कहते हैं।
2. आटे को चलनी से चालकर चोकर अलग किया जाता है। इस विधि को चालना कहते हैं।

8. नदी के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए जल शोधन संयंत्र में प्रयुक्त की जाने वाली पृथक्करण की चार विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर-नदी के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए जल शोधन संयंत्र में प्रयुक्त की जाने वाली चार विधियाँ निम्नलिखित हैं- (1) अवसादन, (2) निधारना, (3) भारण, (4) छानना।

9. आसवन विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर -आसवन विधि के अंतर्गत, नमक के विलयन को एक आसवन फ्लास्क में रखा जाता है और गर्म किया जाता है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, पानी वाष्प में परिवर्तित होने लगता है। यह वाष्प एक मुड़ी हुई काँच की नली (कंडेंसर) के माध्यम से गुजरती है, जो ठंडे पानी या बर्फ से घिरी होती है। ठंडक के संपर्क में आते ही वाष्प संघनित होकर पुनः जल (शुद्ध पानी) में बदल जाती है, और उसे एक परखनली या कलेक्टर में एकत्र कर लिया जाता है।
इस प्रक्रिया के द्वारा पानी को नमक से अलग किया जाता है, क्योंकि पानी वाष्पित हो जाता है जबकि नमक फ्लास्क में ही रह जाता है।
