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सुभाषचन्द्र बोस का पत्र – नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कक्षा 7वीं हिन्दी

अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1. नेताजी ने केलकर को पत्र क्यों लिखा ?

उत्तर- नेताजी ने केलकर को पत्र यह बताने के लिए लिखा या कि प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य तिलक जी भी माँडले जेल में थे।

प्रश्न 2. लोकमान्य ने अपने जीवन के छह वर्ष कहाँ और क्यों गुजारे ?

उत्तर- लोकमान्य ने अपने जीवन के छह वर्ष मांडले जेल में बिताए क्योंकि वे क्रांतिकारी और कांग्रेस (गरम दल) के नेता थे, उन्हें कारावास की सजा मिली थी।

प्रश्न 3. सुभाषचन्द्र बोस ने भगवान को धन्यवाद क्यों दिया ?

उत्तर- सुभाषचन्द्र बोस ने भगवान को धन्यवाद इसलिए दिया कि उन्हें मांडले जेल में स्थानान्तरित किया गया था जो कि उनके लिए किसी तीर्थस्थल से कम नहीं था क्योंकि उसी जेल में देश के सच्चे सपूत तिलक जी ने अपने जीवन के छः वर्ष बिताए थे।

प्रश्न 4. सुभाषचन्द्र बोस ने जेलों को तीर्थस्थल क्यों कहा है ?

उत्तर- सुभाषचन्द्र बोस ने जेलों को तीर्थस्थल कहा है क्योंकि यहाँ भारत के महान सपूतों ने कारावास का समय बिताया है। इनमें से एक मांडले जेल जहाँ स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है के उद्घोषक, गीता भाष्य के रचनाकार लोकमान्य तिलक ने अपने जीवन के छः वर्ष बिताये थे।

प्रश्न 5. लोकमान्य को कारावास में सांत्वना देने वाली वस्तु क्या थी ?

उत्तर- लोकमान्य को कारावास में सांत्वना देने वाली वस्तु किताब थी। 1

प्रश्न 6. लोकमान्य दुःख और यंत्रणाओं से ऊपर रहते थे। कैसे ?

उत्तर—वे गीता की भावना में मग्न रहते थे और शायद इसलिए दुःख और यंत्रणाओं से ऊपर रहते थे।

प्रश्न 7. सुभाषचन्द्र बोस ने किस पुस्तक की रचना की और उसका विषय क्या है ?

उत्तर- इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रेसिडेन्ट नामित होने के बाद अपने यूरोप दौरे के दौरान 1937 के अंत में लिखी गई किताब “एन इंडियन पिलिग्रम” है। यह किताब दरअसल सुभाषचन्द्र बोस की आत्मकथा है। इसमें उनके जन्म से लेकर प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा ‘देने तक की कहानी है। इसमें स्वामी विवेकानंद के प्रभावों का जिक्र है।

प्रश्न 8. नेताजी के अनुसार आजकल के नौजवान को यहाँ की जलवायु से क्या शिकायत है ?

उत्तर- उस देश की जलवायु के बारे में बौजवानों को यह शिकायत थी कि वहाँ की जलवायु मंदाग्नि और गठिया को जन्म देने वाली है और धीरे-धीरे वह व्यक्ति की जीवन शक्ति को सोख लेती है।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. पाठ में लिखा है कि उनको सांत्वना देने वाली एकमात्र वस्तु किताबें थी और वे एक कमरे में एकाकी रहते थे एकाकीपन में पुस्तक कैसे सांत्वना देती है और एकाकीपन को कैसे दूर करती है। आपस में बातचीत कर पुस्तक के उपयोग पर अपनी समझ लिखिए।। -पुस्तक एकांत की सहचरी होती है, वे हमारी मित्र होती हैं।

उत्तर- जो बदले में हमसे कुछ नहीं चाहती एकाकीपन को दूर करने में पुस्तक ही सहारा होती है। पुस्तकें साहस और धैर्य प्रदान करती हैं। पुस्तकें हमारा मार्गदर्शन करती है। पुस्तक चरित्र निर्माण का सर्वोत्तम साधन हैं। देश की एकता और अखण्डता का पाठ पढ़ाती हैं। इससे एक सबल राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।

प्रश्न 2. कारावास अथवा जेल जीवन हमारे घर के जीवन अथवा आम जीवन से कैसे अलग है ? साथियों से चर्चा कर लिखिए।

उत्तर- कारावास अथवा जेल जीवन हमारे जीवन अथवा आम जीवन से एकदम अलग है, कारावास में शारीरिक यंत्रणा दी जाती है, कारावास जीवन को दूभर बना देता है। बहुत-सी यातनाएँ सहनी पड़ती हैं। घर का जीवन सामान्य एवं स्वतंत्र होता है।

प्रश्न 4. लोकमान्य को अपने बहुमूल्य जीवन के छह वर्ष उन कठिन परिस्थितियों में क्यों बिताने पड़े ? साथियों और शिक्षकों से चर्चा कर लिखिए।

उत्तर- क्योंकि वे एक महान क्रान्तिकारी और कांग्रेस के नेता थे जो स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थे।

प्रश्न 5. नेताजी का मानना है कि सुदीर्घ कारावास के अन्धकारमय दिनों में भी अपनी मातृभूमि के लिए अमूल्य भेंट तैयार की इसलिए उन्हें विश्व के महापुरुषों की श्रेणी में प्रथम स्थान मिलना चाहिए। प्रथम श्रेणी का यहाँ क्या अर्थ है ? साथियों से बातचीत कर लिखिए।

उत्तर- जो महापुरुष मधुमेह से पीड़ित होते हुए भी इतने सुदीर्घ कारावास को झेल गया और उन अन्धकारमय दिनों में अपनी मातृभूमि के लिए ऐसी अमूल्य भेंट तैयार की, इसलिए सुभाषचन्द्र बोस ने लोकमान्य तिलक को विश्व के महापुरुषों की प्रथम पंक्ति में स्थान मिलने की बात कही है।